नंबर 3 के अशुभ माने जाने के पीछे के कारणों पर चर्चा किए बगैर सीधी बात इंग्लैंड ऑस्ट्रेलिया सीरीज की करते हैं. इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की सीरीज में इस 3 नंबर ने कंगारुओं को बहुत रूलाया. वनडे सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 5-0 से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा. इसके अलावा इकलौते टी-20 मैच में भी कंगारूओं को हार का ही मुंह देखना पड़ा.
आखिरी वनडे को छोड़ दिया जाए तो स्टेडियम पहुंचे दर्शकों को ऑस्ट्रेलिया की टीम में वो माद्दा ही नहीं दिखा कि वो इंग्लिश टीम को हराने के मकसद से मैदान में उतरी है. आखिरी मैच में जीत हार का अंतर 1 विकेट का था. इसके अलावा इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को 242 रनों के बड़े अंतर से भी शर्मनाक हार मिली. हार जीत के फर्क और उसमें टीम इंडिया के लिए छिपे सबक पर बात करने से पहले ये ग्राफिक्स देखिए, जो आपको इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की सीरीज में दोनों टीमों के फर्क को समझाएगा.
अब बात करते हैं टीम इंडिया के लिए इस हार में छिपे सबक की. यूं तो भारतीय टीम हर तरह के हथियार से लैस है. ऑस्ट्रेलिया के मुकाबले बेहतर संतुलित टीम है. भारतीय गेंदबाजी यूनिट जबरदस्त है. स्पिन और तेज गेंदबाज अपनी पूरी रौ में हैं. बावजूद इसके सावधानी में ही सुरक्षा है. अव्वल तो भारतीय टीम को इंग्लिश टीम के 4 बल्लेबाजों को हर हाल में बांधकर रखना होगा.
कंगारुओं के खिलाफ इन चार बल्लेबाजों ने मैदान में चारों ओर दहशत फैलाई. ये चार बल्लेबाज हैं-
जेसन रॉय, जॉनी बेयरस्टो, जोस बटलर, एलेक्स हेल्स. इन चारों बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी को ध्वस्त कर दिया. कंगारुओं के पास इन्हें रोकने का कोई रास्ता नहीं था. जेसन रॉय ने सीरीज में 2 और बाकि बल्लेबाजों ने 1-1 शतक जड़े. इसके प्रदर्शन पर निगाह डालिए.
बल्लेबाजों के बाद अब आते हैं गेंदबाजों पर. ऑस्ट्रेलियाई टीम को धराशायी करने में इंग्लैंड के दो स्पिन गेंदबाजों का रोल अहम रहा. यूं तो भारतीय टीम के बल्लेबाज स्पिन गेंदबाजी को बेहतर खेलते हैं लेकिन कई दफा ऐसा भी देखने को मिला है कि भारतीय बल्लेबाजों से जरूरत से ज्यादा रक्षात्मक होने की गलती हुई है.
जिसका फायदा विरोधी टीम के स्पिनरों ने जमकर उठाया है. इंग्लैंड की टीम में फिलहाल मोईन अली और आदिल राशिद हैं. इन दोनों ही गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कमाल की गेंदबाजी की. दोनों गेंदबाजों ने 12-12 विकेट लिए.
ऑस्ट्रेलिया की हार में तीसरा सबक भी है. तीसरा सबक विराट कोहली के तेज गेंदबाजों के लिए है. इंग्लैंड की टीम ने ऑस्ट्रेलिया के तेज बल्लेबाजों की जिस तरह धुलाई की है उससे भारतीय गेंदबाजों को संभलना होगा.
दो-दो नई गेंद के साथ अगर गेंदबाजी में सिर्फ ‘लेंथ’ को लेकर पसीना बहाने का कोई फायदा नहीं होगा. अलबत्ता पिटाई जबरदस्त होगी. बेहतर होगा कि तेज गेंदबाज अपनी रफ्तार और वेरीएशन पर ध्यान दें.
सचिन तेंदुलकर भी दो नई गेंद के साथ आने वाली चुनौती के लिए भारतीय गेंदबाजों को आगाह कर चुके हैं. इंग्लैंड की टीम ने जिस मैच में 481 रनों का रिकॉर्ड स्कोर बनाया था. उस मैच में स्टेनलेक, रिचर्डसन, एस्टन एगर, एंड्रू टाय सभी की जबरदस्त धुनाई हुई थी.इंग्लिश बल्लेबाजों ने इन चारों गेंदबाजों के स्पेल में 14 छक्के और 32 चौके लगाए थे.
भारत के पास जसप्रीत बुमराह, भुवनेश्वर कुमार, उमेश यादव और हार्दिक पांड्या के तौर पर चार तेज गेंदबाज हैं. इन सभी गेंदबाजों को समझना होगा कि इंग्लिश कंडीशंस में सिर्फ रनअप तक जाकर तेज गेंदबाजी करने की बजाए दिमाग में काम करना पड़ेगा. तभी जाकर विराट कोहली नंबर 3 को लकी बना पाएंगे.
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