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Metaverse: ऑफिस, शॉपिंग, सोशल मीडिया और सियासत, सब बदलने वाला है

facebook की घोषण के बाद "मेटावर्स" की चर्चा इन दिनों जोर-शोर से हैं. लेकिन इसका हम पर क्या असर होगा आइए जानते हैं?

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कोरोनावायरस महामारी (coronavirus pandemic) के बाद, लोगों ने अपनी सभी रियल-टाइम एक्टिविटीज को ऑनलाइन स्थानांतरित कर दिया है. जिसकी वजह से गेमिंग कल्चर और मेटावर्स प्लेटफॉर्म की लोकप्रियता काफी बढ़ी है. यदि आपने स्टीवन स्पीलबर्ग का रेडी प्लेयर वन या नेटफ्लिक्स का लोकप्रिय शो ब्लैक मिरर नहीं देखा है, तो अब ऐसा करने का समय है, क्योंकि मेटावर्स अब केवल कल्पना की चीज नहीं रह गई है.

इसके साथ ही मेटावर्स अब केवल गेमर की शब्दावली का एक शब्द भर नहीं रह गया है. अब यह न केवल कामकाज (work) और शॉपिंग (shopping) को बल्कि राजनीति और सरकारों को भी फिर से परिभाषित व प्रभावित करने वाला है.

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सबसे पहले जानते हैं आखिर मेटावर्स क्या है और यह कैसे काम करता है?

मेटावर्स एक आभासी दुनिया यानी वर्चुअल वर्ल्ड है, जहां यूजर (लोग) अपने व्यक्तिगत वर्चुअल अवतार में मिलने और बातचीत करने में सक्षम होंगे. इसमें कोई शक नहीं कि एक साधारण वीडियो कॉन्फ्रेंस या वर्चुअल रियलिटी और मल्टीप्लेयर बड़े वीडियो गेम के संयोजन की तुलना में यह (मेटावर्स) प्लेटफार्म लोगों को अधिक रियलिटी का अहसास कराएगा.

पिछले महीने ही दुनिया के सबसे बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (facebook) ने खुद को मेटा (meta) के रूप में रीब्रांड किया और मेटावर्स के विजन को प्रदर्शित किया. अवतार-आधारित 3D वर्चुअल रियलिटी प्लेटफॉर्म में निवेश करने वाला फेसबुक एकमात्र प्लेटफॉर्म नहीं है, Gen Z के बीच Fortnite और Roblox ऐसे लोकप्रिय प्लेटफॉर्म हैं जहाँ यूजर्स वर्चुअल दुनिया में बातचीत कर सकते हैं और अवतार बना सकते हैं.

नाइके (nike) जैसे ब्रांडों ने रोबोक्स पर नाइकेलैंड (Nikeland) को लॉन्च किया है और यह वर्चुअल कपड़े, जूते और एसेसरीज तैयार करने की योजना बना रहा है ताकि डिजिटल अवतारों को मेटावर्स में कूल दिखाया जा सके. मेटावर्स में ड्रॉपबाक्स एक स्टोरेज प्रोवाइडर की तरह काम करेगा, जहां यूजर अपने डिजिटल सामानों (Goods) को संग्रहित कर सकेंगे. Microsoft भी अपने मेटावर्स, डिजिटल अवतार और शेयर्ड वर्कस्पेस को लॉन्च करने की याेजना बना रहा है. एपिक गेम्स भी खुद को एक मेटावर्स क्रिएटर या बिल्डर के तौर पर स्थापित कर रहा है.

मेटावर्स में एक व्यक्ति वास्तविक जीवन की सभी परिस्थितियों जैसे काम (work), खरीदारी (shop), बिक्री (sell), गेम खेलना, डेटिंग, बाहर घूमना, एक साथ संगीत समारोहों में जाना और यहां तक कि एक राजनीतिक प्रदर्शन में शामिल होने सहित कई गतिविधियों में शामिल हो सकता है. आइए एक नजर डालते हैं कि आखिर कैसे मेटावर्स में राजनीति को अंजाम दिया जाएगा?
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मेटावर्स में राजनीति?

पिछले कुछ वर्षों के पॉलिटिकल कैंपेन में नजर डाले तो हम यह पाएंगे कि मतदाताओं (वोटर्स) तक अपनी पहुंच बनाने के लिए राजनेता (politicians) उभरते हुए तकनीकी माध्यमों का प्रयोग कर रहे हैं. इस कुछ प्रमुख उदाहरण बात करें तो 2009 के अभियान में बराक ओबामा द्वारा सोशल मीडिया का उपयोग किया गया, 2012 और 2014 में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने होलोग्राम तकनीक का उपयोग किया. 2019 में नवीन पटनायक ने अपने प्रचार अभियान में AR यानी (ऑग्मेंटेड रियालिटी augmented reality) तकनीक का प्रयोग किया. 2020 में मनोज तिवारी और अरविंद केजरीवाल ने VDR (विज़ुअल डायलॉग रिप्लेसमेंट) का उपयोग किया.

उभरती हुई विभिन्न तकनीकों का उपयोग राजनेताओं द्वारा संवाद करने के लिए किया जा रहा है क्योंकि यहां लोग जुड़ रहे हैं, सामाजिककरण कर रहे हैं और यहां से अपनी खबर प्राप्त कर रहे हैं. राजनेता नई पीढ़ी के मतदाताओं तक अपनी पहुंच बनाने के लिए उनकी (युवाओं की) ही भाषा एआई वीडियो, वीडियो गेम, एप और स्ट्रीमिंग सेवाओं के जरिए कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में मेटावर्स के साथ डिजिटल दौर एक बार फिर राजनीतिक प्रचार (political campaigning) के खेल को बदल देगा या उसमें क्रांति ला देगा.

हम पहले ही राजनेताओं के होलोग्राम और वीडियो गेम देख चुके हैं, लेकिन प्रिंटेट टी-शर्ट, स्टेशनरी और झंडे जैसी चुनावी मर्चेंडाइज सभी राजनीतिक दलों के चुनाव अभियानों का मुख्य हिस्सा रहे हैं. चूंकि मतदाता अब अपने उम्मीदवार के समर्थन को दिखाने के लिए कैप, हैंड बैंड और अन्य कपड़ों जैसे डिजिटल मर्चेंडाइज खरीद सकते हैं इसलिए मेटावर्स राजनेताओं के लिए एक नया खेल मैदान होगा.

उसी डिजिटल मर्चेंडाइज से उम्मीदवार अपने अभियान के लिए धन जुटा सकता है. जो बाइडेन-कमला हैरिस कैंपेन ने Fortnite नामक एक वीडियो गेम के साथ एक इन-गेम एप की कोशिश की, जहां एक वीडियो गेम का उपयोग अभियान के संदेश Build Back Better with Biden को प्रसारित करने के लिए किया गया था.

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वर्चुअल वर्ल्ड के लिए तैयारी कर रही हैं सरकारें

मेटावर्स जिसे अब वेब 3.0 के रूप में भी जाना जाता है. यह वास्तविक जीवन के इमर्सिव अनुभव के साथ 2D से 3D वर्चुअल दुनिया में इंटरनेट के विकास में अगला कदम है. सरकारों को मेटावर्स की संभावनाओं को गंभीरता से लेना चाहिए. सरकारों को उन खतरों और अवसरों का आकलन करना चाहिए जो उभरती हुई इमर्सिव प्रौद्योगिकियां छोटी और लंबी अवधि में पेश कर सकती हैं. उदाहरण के लिए, तेजी से बदलते जटिल वातावरण का प्रबंधन करने के लिए, सिंगापुर के प्रधान मंत्री कार्यालय ने सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक फ्यूचर ग्रुप का गठन किया है.

इसी तरह प्रौद्योगिकी विभाग में कॉरपोरेट क्षेत्र, शिक्षाविदों और सरकार के प्रतिनिधियों को शामिल करना चाहिए. संयुक्त अरब अमीरात (UAE) ने सरकार और भविष्य की सरकारी प्रणालियों में सुधार के लिए संभावनाओं का एक वर्चुअल मंत्रालय स्थापित किया है. चूंकि लोगों के अवतार एक वर्चुअल दुनिया में मौजूद होंगे ऐसेमें भौतिक वस्तुओं का अपने डिजिटल समकक्षों के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए सार्वजनिक-निजी नियमों के साथ एक डिजिटल ट्विन स्ट्रैटजी की आवश्यकता होगी.

चूंकि मेटावर्स अभी अपने शुरुआती चरण में है, इसलिए कई सवालों को संबोधित करने की जरूरत है. सरकार मेटावर्स में नॉन-फंजिबल टोकन (एनएफटी) का उपयोग करके स्थान (Space) की खरीद और बिक्री कैसे करेगी? बौद्धिक संपदा, लेन-देन कर, गलत सूचना, नियामक और शासन संरचनाओं के बारे में सरकारें क्या करेंगी? टेक कंपनियां या सरकारें अवतारों की पहचान की अनुमति कैसे देंगी और डेटा स्थानीयकरण कैसे होगा? ऐसे कई सवाल हैं जिन पर सरकारों, नेताओं और टेक कंपनियों को मेटावर्स में कदम रखने से पहले सोचना होगा.

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मेटावर्स में शामिल हो रही सरकारें

ऐसा लग रहा है कि सियोल 'मेटावर्स सियोल' स्थापित करने वाला पहला शहर होगा, जो 2022 के अंत तक नागरिक शिकायतों, संस्कृति और पर्यटन जैसी प्रशासनिक सेवाओं को शामिल करेगा. इसके साथ ही 2023 तक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों को आभासी विशेष पर्यटन क्षेत्रों में लाया जाएगा और वहां के निवासी म्युंसिपल ऑफिस का दौरा किए बिना आभासी नागरिक अधिकारियों और सलाहकारों के साथ बातचीत करने में सक्षम होंगे. यह सब सियोल के विजन 2030 एजेंडा के हिस्से के रूप में हो रहा है.

बारबाडोस को हाल ही में गणतंत्र देश का दर्जा मिला है. इसने वर्चुअल रियलिटी प्लेटफॉर्म Decentraland पर दुनिया का पहला वर्चुअल दूतावास खोलने की घोषणा की है और यह अन्य मेटावर्स प्लेटफॉर्म को भी लॉन्च करने की योजना बना रहा है. वर्चुअल दूतावास ई-वीजा और एक 'टेलीपोर्टर' के निर्माण जैसी सेवाएं प्रदान करने जा रहा है जो लोगों को अपने अवतार को अन्य ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म पर तेजी से यात्रा करने की अनुमति देगा.

भले ही यह एक छोटी सी शुरूआत है, लेकन वह दिन दूर नहीं है जब दूसरे देश भी बारबाडोस की तरह ही मेटावर्स पर वर्चुअल ऑफिस और मंत्रालयों की शुरुआत करेंगे और राजनेता मेटावर्स प्लेटफार्म पर लोगों को संबोधित करेंगे.

(सागर विश्नोई, चंडीगढ़ के एक राजनीतिक सलाहकार हैं. यह एक निजी ब्लॉग है. इसमें व्यक्त किए गए विचार लेखक के अपने हैं. क्विंट न तो समर्थन करता है और न ही उनके लिए जिम्मेदार है.)

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