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दिवाली 2018: जानें इस बार लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त कब है 

दिवाली के त्योहार पर प्रदोषकाल में लक्ष्मी पूजन शुभ माना जाता है

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दीपों का त्योहार 'दिवाली' हिंदू धर्म में बड़ा त्योहार माना जाता है. कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाया जाने वाला ये त्योहार इस साल 7 नवंबर को मनाया जाएगा. घर में सुख-शान्ति और धन-संपदा पाने के लिए इस दिन माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है.

पुराणों के अनुसार, भगवान राम 14 बरस के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे, जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया था. इसी के बाद दिवाली त्योहार मनाया जाने लगा.

ऐसी भी मान्‍यता है कि भगवान कृष्ण ने इसी दिन नरकासुर नाम के राक्षस का वध किया था.

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शुभ मुहूर्त

दिवाली के त्योहार पर प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन शुभ माना जाता है. मान्यता है कि ऐसा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और गरीबी दूर होती है.

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  • लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त: शाम 05:57 से 07:53 बजे तक
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त्योहार के 5 दिन

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  • धनतेरस- 5 नवंबर, 2018
  • छोटी दिवाली/ नरक चतुर्दशी - 6 नवंबर 2018
  • बड़ी दिवाली/ लक्ष्मी पूजन- 7 नवंबर 2018
  • गोवर्धन पूजा- 8 नवंबर - 2018
  • भैया दूज- 9 नवंबर 2018
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पूजा की विधि

दिवाली पूजन में सबसे पहले गणपति की प्रतिमा को स्नान कराएं और नए वस्त्र और फूल चढ़ाएं, इसके बाद मां लक्ष्मी की प्रतिमा की पूजा करें.

सभी देवी-देवताओं को कुमकुम का तिलक करें. अब धूप और दीप जलाएं और आरती करें. पूजा के दौरान इस मंत्र का जाप करें:

ऊँ महालक्ष्म्यै नमः

लक्ष्मी माता की आरती

ओम जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता

तुम को निश दिन सेवत, हर विष्णु विधाता

ओम जय लक्ष्मी माता...।।

उमा रमा ब्रह्माणी, तुम ही जग माता

सूर्य चंद्रमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता

ओम जय लक्ष्मी माता...।।

दुर्गा रूप निरंजनि, सुख सम्पति दाता

जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धि धन पाता

ओम जय लक्ष्मी माता।।

तुम पाताल निवासिनी, तुम ही शुभ दाता

कर्म प्रभाव प्रकाशिनी, भव निधि की त्राता

ओम जय लक्ष्मी माता।।

जिस घर तुम रहती सब सद्‍गुण आता

सब संभव हो जाता, मन नहीं घबराता

ओम जय लक्ष्मी माता।।

तुम बिन यज्ञ न होते, वस्त्र न कोई पाता

खान पान का वैभव, सब तुमसे आता

ओम जय लक्ष्मी माता।।

शुभ गुण मंदिर सुंदर, क्षीरोदधि जाता

रत्न चतुर्दश तुम बिन, कोई नहीं पाता

ओम जय लक्ष्मी माता।।

महालक्ष्मीजी की आरती, जो कोई नर गाता

उर आनंद समाता, पाप उतर जाता

ओम जय लक्ष्मी माता।।

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