देशभर में आज गणेश चतुर्थी मनाई जा रही है. वैसे तो ये त्योहार देश के कई राज्यों में मनाया जाता है, लेकिन महाराष्ट्र में लोग इसे सामूहिक रूप से बहुत ही धूमधाम से मनाते हैं. इस खास मौके पर भक्त घरों में गणपति की स्थापना करते हैं और अपनी श्रद्धा के अनुसार कुछ दिन बाद विसर्जन करते हैं.
मान्यता है कि गणेश जी की पूजा करने से किसी भी शुभ कार्य में कोई विघ्न-बाधा नहीं आती. हर शुभ काम करने से पहले भगवान गणेश की पूजा करने का विधान है.
- Ganesh Chaturthi 2019 की तारीख
भगवान गणेश का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष में हुआ था. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, अगस्त या सितंबर के महीने में गणेश चतुर्थी का दिन आता है. इस साल गणेश चतुर्थी 2 सितंबर को मनाई जा रही है. इस खास मौके पर यश, सम्मान, समृद्धि और सुख के लिए गणेश जी की पूजा की जाती है.
- गणेश चतुर्थी के दिन कैसे करें पूजा
इस दिन भगवान गणेश की प्रतिमा को वस्त्र और उपनयन से सजाया जाता है और विधिवत पूजन की जाती है. दोपहर पूरे विधि-विधान से गणेश पूजन किया जाता है. शाम को आरती और गणेश जी के भजन गाए जाते हैं.
यह पर्व 10 दिन चलता है फिर अनंत चतुर्दशी के दिन भगवान गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है.
- Ganesh Chaturthi का महत्व
कहा जाता है कि गणेश चतुर्थी का त्योहार मन और लगन से मनाने से घर में धन की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
- गणपति की स्थापना शुभ मुहूर्त
2 सितंबर के दिन मध्याह्न गणेश पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजे से दोपहर 1:41 बजे तक रहेगा. चतुर्थी तिथि का मुहूर्त सुबह 4 बजकर 56 मिनट से शुरू होगा, वहीं चतुर्थी तिथि समाप्ति का मुहूर्त 3 सितंबर 2019 रात 1:53 मिनट तक रहेगा.
- गणेश चतुर्थी पर इन समय पर करें बप्पा की मूर्तियां स्थापित
- सुबह 6 बजे से 7.30 बजे तक
- सुबह 9 बजे से 10.30 बजे तक
- दोपहर 1.30 बजे से 3 बजे तक
- दोपहर 3 बजे से 4.30 बजे तक
- शाम 4.30 बजे से 6 बजे तक
- शाम 6 बजे से 7.30 बजे तक
- 11 दिन चलने वाले गणेश महोत्सव की तारीखें
- गणेश चतुर्थी व्रत- 2 सितंबर, सोमवार
- ऋषि पंचमी- 3 सितंबर, मंगलवार
- मोरछठ-चंपा सूर्य षष्ठी- 4 सितंबर, बुधवार
- संतान सप्तमी, 5 सितंबर, गुरुवार
- राधाष्टमी- 6 सितंबर, शुक्रवार
- मूल दिनरात, श्री हरी जयंती- 7 सितंबर, शनिवार
- सुगंध धूप दशमी, रामदेव जयंती- 8 सितंबर, रविवार
- पद्मा डोल ग्यारस- 9 सितंबर, सोमवार
- भुवनेश्वरी जयंती, श्री वामन जयंती- 10 सितंबर, मंगलवार
- प्रदोष व्रत- 11 सितंबर, बुधवार
- अनंत चतुर्दशी- 12 सितंबर, गुरुवार
(Source: patrika.com)
- Ganesh Chaturthi का इतिहास
भगवान शिव और मां पार्वती के पुत्र गणेश के जन्मदिन के रूप में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है. कुछ इतिहासकारों की मानें तो महाराष्ट्र में सातवाहन, राष्ट्रकूट, चालुक्य राजाओं ने गणेशोत्सव की प्रथा की शुरुआत की थी.
छत्रपति शिवाजी महाराज गणेशजी की उपासना करते थे और उन्हें उन्होंने अपनी संस्कृति और राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए ये पर्व मनाना शुरू किया. वहीं शिवाजी महाराजा के बाद पेशवा राजाओं ने गणेशोत्सव को बढ़ावा दिया.
- गणेशोत्सव और बाल गंगाधर तिलक
ब्रिटिश काल में लोग किसी भी सांस्कृतिक कार्यक्रम को साथ मिलकर या एक जगह इकट्ठा होकर नहीं मना सकते थे. लोग घरों में पूजा करते थे. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने पुणे में पहली बार सार्वजनिक रूप से ये पर्व मनाया. आगे चलकर उनका यह प्रयास एक आंदोलन बना और स्वतंत्रता आंदोलन में इस गणेशोत्सव ने लोगों को एक-जुट करने में अहम भूमिका निभाई.
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