नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है. जाहिर है कि हर दिन मां दुर्गा का रूप अलग होता है, तो मां की पूजा विधि और भोग भी अलग होगा. नवरात्रि के सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा होती है. मां का स्वरूप देखने में डरावना है, हालांकि मां का हृदय बेहद कोमल है.
मां कालरात्रि दुष्टों का नाश कर अपने भक्तों को सारी परेशानियों और समस्याओं से मुक्ति दिलाती हैं. मां कालरात्रि के गले में नरमुंडों की माला है. ऐसी मान्यता है कि सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करने से सारे कष्ट और रोगों से मुक्ति मिलती है. मां कालरात्रि अपने भक्तों के जीवन में सुख-शांति लाती हैं.
मां कालरात्रि की पूजा के वक्त इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि उनकी पूजा में किसी भी तरह की गलती न हो. इसके अलावा पूजा शुभ मुहूर्त में ही करनी चाहिए, ताकि पूजा का विशेष फल मिल सके.
मां कालरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त
इस साल नवरात्रि का सातवां दिन 5 अक्टूबर 2019 को है और इसी दिन होगी मां कालरात्रि की पूजा.
अमृत काल मुहूर्त- सुबह 6 बजकर 20 मिनट से 8 बजकर 20 मिनट तक (5 अक्टूबर 2019)
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक (5 अक्टूबर 2019)
मां कालरात्रि की पूजा विधि
- मां कालरात्रि की पूजा ब्रह्म मुहूर्त में की जाती है. वहीं तांत्रिक मां की पूजा आधी रात में करते हैं.
- इस दिन आप एक चौकी पर मां कालरात्रि का चित्र स्थापित करें.
- इसके बाद मां कालरात्रि को कुमकुम, लाल पुष्प, रोली आदि चढ़ाएं. मां को नींबुओं की माला पहनाएं और उनके आगे तेल का दीपक जलाकर उनका पूजन करें.
- मां को लाल फूल अर्पित करें, साथ ही गुड़ का भोग लगाएं.
- मां के मन्त्रों का जाप करें या सप्तशती का पाठ करें.
- इसके बाद मां की कथा सुनें और धूप व दीप से इनकी आरती उतारें.
- आरती के बाद मां को प्रसाद का भोग लगाएं और मां कालरात्रि से अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमा मांगें.
नवरात्रि के सातवें दिन का शुभ रंग
नवरात्रि के सातवें दिन के लिए ग्रे कलर शुभ होता है. ग्रे कलर भावनाओं पर काबू पाने और इंसान को जमीन से जोड़े रखने का प्रतीक है.
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