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Shab E Meraj 2021: शब-ए-मेराज इस दिन, जानें इतिहास और महत्व

Shab E Meraj 2021: शब-ए-मेराज के दिन रात में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाता है.

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Shab E Meraj 2021: शब-ए-मेराज (Shab E Meraj) का इस्लाम धर्म में खास महत्व है. रजब (Rajab) की सत्ताईसवीं रात को मनाए जाने वाले शब-ए-मेराज को इस्लाम (Islam) में काफी खास माना गया है. अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, इस साल शब-ए-मेराज का पर्व 12 मार्च 2021 (शुक्रवार) को मनाया जाएगा.

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इस्लाम में ऐसा माना जाता है कि रजब के महीने की 27 तारीख को अल्लाह के रसूल हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैह व सल्लम और अल्लाह की मुलाकात हुई थी. अरबी भाषा में शब का मतलब रात होता है, इसलिए इस रात को मुहम्मद सल्लल्लाह अलैह व सल्लम की अल्लाह से मुलाकात की पाक रात भी कहा जाता है.

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Shab E Meraj 2021: शब-ए-मेराज ऐसे मनाया जाता

शब-ए-मेराज के दिन रात में विशेष प्रार्थनाओं का आयोजन किया जाता है. इस दिन मुहम्मद साहब की अल्लाहताला से मुलाकात का जश्न मनाने के लिए मस्जिदों को भी विशेष रूप से सजाया जाता है. शब-ए-मेराज के दिन मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे दिन खुदा की इबादत करते हैं. इसके साथ ही कई जगहों पर जुलूस और मेले आयोजित किए जाते हैं.

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Shab E Meraj 2021: शब-ए-मेराज का इतिहास

इस्लाम में शब-ए-मेराज की घटना को चमत्कारी माना गया है. कहा जाता है कि इसी रात मोहम्मद साहब ने मक्का से येरुशलम की 40 दिनों की यात्रा रात के महज कुछ घंटों में ही तय कर ली थी और फिर सातों आसमानों की यात्रा करके अल्लाह से मुलाकात की थी. तभी से इस विशेष दिन पर शब-ए-मेराज मनाया जाने लगा.

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Shab E Meraj 2021: शब-ए-मेराज का महत्व

इस्लाम में शब-ए-मेराज बड़ा खास है. कहा जाता है कि जो इस दिन रोजा रखता है, उसे 100 साल रोजे रखने का सवाब मिलता है. जो इंसान इस रात अल्लाह की इबादत करता है और कुरान की तिलावत करता है, उसे 100 साल की रातों में इबादत करने वाले के बराबर सवाब मिलता है. इस रात को 20 रकात नमाज और नबी का सलाम पढ़ा जाता है.

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