श्री कृष्णा धारावाहिक के पिछले एपिसोड में आपने देखा, देवकी का गर्भपात हो जाता है जिसपर वह दुखी ना होकर इसलिए खुश होती हैं कि कम से कम पापी कंस के हाथों हत्या नहीं हो पाई. वह वासुदेव से कहती हैं कि अच्छा हुआ मेरे सातवें शिशु का गर्भपात हो गया वरना वो पापी कंस उसे भी मार देता. वहीं वासुदेव उन्हें समझाते हैं कि जो कुछ भी होता है वो विधाता की मर्जी से होता है. तुम हृदय में कोई शोक मत करो.
जन्म की खबर सुन खुशी में बृजवासी
देवकी के गर्भ में आठवें गर्भ की खबर सुनकर पूरे बृजमंडल में खुशी की लहर दौड़ जाती है. सबको यकीन होता है कि आकाशवाणी के अनुसार कंस के काल और जगत के तारण हार जन्म लेने वाले हैं. जब ये बात कंस के सैनिकों को पता चलता है तो वह कंस के नाम से डराते हैं. बृजवासी कहते हैं अब हम महाराज कंस से भी नहीं डरते क्योंकि अब हमारे तारण हारा आ रहे हैं.
तारणहार के जन्म की खबर पर पूरे बृजमंडल में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है. उनको कंस के आतंक और अत्याचार से मुक्ति मिलने की आस दिखती है. कंस अपने वर्चस्व को खोता देख प्रजा पर सैनिकों द्वारा अत्याचार करना शुरू कर देता है. लोगों के मारने पिटने से लेकर जेल में ठूंसने का कार्य करवाता है.
देवकी आठवां गर्भ धारण करती हैं जिसमें तारणहार पधारते हैं. देवकी और वासुदेव सोए रहते हैं, उसी दौरान सभी देवता प्रकट होते हैं और प्रभु के धरती पर पधारने को लेकर उनपर फूलों की बारिश करते हैं. सुबह जब देवकी और वासुदेव उठते हैं ये नजारा देख आश्चर्य में पड़ जाते हैं. वासुदेव को भनक हो जाती है कि जरूर गर्भ में तारणहार पधारे हैं.
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