श्री कृष्णा धारावाहिक के पिछले एपिसोड में आपने देखा, जन्म की खबर लगते ही पूरे बृज में खुशी की लहर दौड़ पड़ती है. सभी को कंस के आतंक और अत्याचार से मुक्ति मिलने की आस दिखती है. कंस अपने वर्चस्व को खोता देख प्रजा पर सैनिकों द्वारा अत्याचार करना शुरू कर देता है. ऐसे में बृजवासी प्रभु से निवेदन करते हैं कि हे प्रभु अब देर ना कर, हे तारणहार अब आ जा.
देवकी वासुदेव से कहती है कि स्वामी इस बार एक विचित्र चीज हो रहा है कि बालक का भार ही पता नहीं चल रहा. वासुदेव और देवकी कारागार में ही टहलत रहे होते हैं कि सिपाही आ जाते हैं. और उन्हें ऐसा करने की हिदायत देते हैं. इसकी सूचना कंस तक पहुंचती है. चारुण कहता है कि महाराज उसका वध कर दीजिए लेकिन कंस डरकर कहता है नहीं चारुण वहां सांप है.
कृष्ण के बड़े भाई बलराम रोहिणी के गर्भ से जन्म ले चुके हैं. बता दें कि शेषनाग ही बलराम के रूप में कृष्ण के बड़े भाई बनने की इच्छा जताई थी. त्रेतायुग में राम के छोटे भाई लक्ष्मण बने शेषनाग इस बार बलराम के रूप में जन्म लेते हैं.
धरती पर कृष्ण जन्म ले चुके हैं. कृष्ण के जन्म लेते ही योगमाया उन्हें नींद से जगाती हैं और कहती हैं कि कंस के यहां आने से पहले इस बालक को गोकुल में नंद के घर छोड़ आइए. वासुदेव की सारी बेड़ियां टूट जाती हैं और वासुदेव श्री कृष्ण को लेकर नदी के रास्ते गोकुल के लिए निकल पड़ते हैं.
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