संगीतप्रेमी बेगम अख्तर की गायिकी से अच्छी तरह वाकिफ हैं. 1940-50 के दशक में गजल, ठुमरी और दादरा गायन शैली के लिए बेगम अख्तर काफी बड़ा नाम हुआ करता था. उनकी बेहतरीन रूहानी आवाज और अंदाज से हर किसी का आज भी दिल रोशन हो जाता है.
कला के क्षेत्र में योगदान के लिए भारत सरकार ने बेगम अख्तर को पद्मश्री और पद्मभूषण पुरस्कार से सम्मानित किया. इसके साथ ही उन्हें ‘मल्लिका-ए-गजल' के खिताब से नवाजा गया था.
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आइए उनके जन्मदिन पर सुनते हैं, बेगम अख्तर की आवाज में दिल को छू जाने वाले उनकी कुछ बेहतरीन गजल:
‘मेरे हमनफस, मेरे हमनवां, मुझे दोस्त बनकर दगा न दे’
'ये न थी हमारी किस्मत कि विसाल-ए-यार होता'
‘कोई ये कह दे गुलशन गुलशन’
‘दीवाना बनाना है तो दीवाना बना दे’
‘ये हुस्न ओ इश्क का पहलू’
‘कैसी ये धूम मचाई रे, कन्हैया’
‘वो जो हममें तुममें करार था’
'ऐ मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया'
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टॉपिक: गजल पुण्यतिथि विशेष death anniversary
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