advertisement
साल 2021 में अब तक 65 कंपनी मार्केट में अपने IPO के साथ आ चुकी है. इन कंपनियों ने आईपीओ से इस साल रिकॉर्ड 1.31 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा जुटाए. जोकि इससे पिछले रिकॉर्ड 2017 में जुटाए गए ₹68,827 करोड़ की तुलना में करीब 75% ज्यादा है.
आईपीओ के नजरिए से ये साल काफी खास रहा. प्राइमरी मार्केट पूरे साल काफी व्यस्त रहा और हर महीने औसतन करीब 5 कंपनी अपने आईपीओ के साथ मार्केट में आई. न्यू ऐज स्टार्टअप कंपनियों के इश्यू, आईपीओ से रिकॉर्ड फण्ड जुटाये जाने और लिस्टिंग वाले दिन ही बंपर रिटर्न मिल जाने के कारण ये साल निवेशकों के लिए काफी यादगार सा रहेगा.
आइये नजर डालते हैं इस साल के कुछ प्रमुख IPOs पर-
मोबाइल पेमेंट में क्रांति लाने वाले पेटीएम की पेरेंट कंपनी One 97 कम्युनिकेशन ने अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ लाया. कंपनी ने अपने पब्लिक इश्यू के जरिये रिकॉर्ड ₹18,300 करोड़ रुपये जुटाए.
फूड डिलीवरी स्टार्टअप कंपनी जोमैटो (Zomato) का भी आईपीओ इसी साल मार्केट में आया था. जोमैटो स्टॉक मार्केट पर लिस्ट होने पहली यूनिकॉर्न स्टार्टअप कंपनी बनी. कंपनी ने आईपीओ से ₹9,375 करोड़ जुटाने में सफल रही थी. लॉसमेकिंग कंपनी होने के बावजूद भी आईपीओ को निवेशकों से काफी अच्छा रिस्पांस मिला और इश्यू करीब 38 गुना भरा था. कंपनी के शेयर 53% प्रीमियम के साथ स्टॉक मार्केट पर लिस्ट हुए थे.
ऑनलाइन इंश्योरेंस एग्रीगेटर पॉलिसी बाजार (Policybazaar) और पैसा बाजार की पेरेंट कंपनी पीबी फिनटेक ने प्राइमरी मार्केट से ₹5,710 करोड़ जुटाया. पीबी फिनटेक आईपीओ कुल 16.59 गुणा सब्सक्राइब किया गया था. कंपनी के शेयर इश्यू प्राइस से 17% ऊपर लिस्ट हुए थे.
फाल्गुनी नायर की ब्यूटी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म कंपनी नायका ने अपने आईपीओ के जरिए 5,352 करोड़ रुपये जुटाए. कंपनी के आईपीओ को इन्वेस्टर्स से जबरदस्त रिस्पांस मिला. इश्यू कुल 81.78 गुणा सब्सक्राइब हुआ था. कंपनी ने स्टॉक मार्केट पर जबरदस्त डेब्यू किया. नायका के शेयर 79% प्रीमियम के साथ शेयर बाजार पर लिस्ट हुए थे.
पेंटिंग कंपनी इंडिगो का आईपीओ इस साल के शुरुआत में आया था. कंपनी ने अपने इश्यू से ₹1,176 करोड़ जुटाया. कंपनी का आईपीओ 117 गुना भरा था. कंपनी के शेयर 75% लिस्टिंग के साथ लिस्ट हुए थे.
2021 कैलेंडर वर्ष का पहला आईपीओ इंडियन रेलवे फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IRFC) का था, जो भारतीय रेलवे की सहायक कंपनी है. IRFC का आईपीओ 3.5 गुणा सब्सक्राइब हुआ था. इस सरकारी कंपनी ने अपने पब्लिक इश्यू के जरिये ₹4,633 करोड़ जुटाने में सफल रही थी.
मार्केट रेगुलेटर सेबी द्वारा आईपीओ लाने के नियमों में सरलीकरण किए जाने के कारण भी इस साल कंपनिययां आईपीओ के जरिये रिकॉर्ड पैसा जुटाने में सफल रही. पहले के रेगुलेशन के अनुसार केवल प्रॉफिटमेकिंग कंपनी ही अपने शेयर स्टॉक मार्केट पर लिस्ट करवा सकती थी. हालांकि सेबी ने अपने रेगुलेशन में बदलाव किया और घाटे में चल रही कंपनियों को भी आईपीओ लाने की इजाजत दी. इसी के चलते पेटीएम, जोमैटो जैसी लॉस मेकिंग कंपनी के शेयर्स भी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो सके.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)