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क्या आप जानते हैं कि भारत में सभी किस्मों के परिवार नियोजन उपायों में से महिला स्टेरिलाइजेशन (female sterilisations) का हिस्सा 35 फीसद से ज्यादा है? यह सभी उपायों के एक तिहाई से ज्यादा है, जबकि पुरुष स्टेरिलाइजेशन (male sterilisations) की हिस्सेदारी केवल 0.3 फीसद है.
मेडिकल एक्सपर्ट का कहना है कि अनचाही प्रेगनेंसी से बचने के लिए वेसेक्टोमी (vasectomy) या पुरुष नसबंदी सबसे सुरक्षित तरीका है, फिर भी भारत में परिवार नियोजन प्रोसीजर्स में पुरुष नसबंदी की हिस्सेदारी 0.5 प्रतिशत से भी कम है.
लेकिन वेसेक्टोमी या पुरुष नसबंदी कराने के बारे में सोचना ज्यादातर भारतीय पुरुषों को परेशान करता है और वह सोचता है कि इसके बजाय सेफ्टी के लिए सिर्फ कंडोम का इस्तेमाल करेंगे. इनमें से कुछ डर सच पर आधारित हैं, और अगर सभी नहीं तो ज्यादातर डर बेबुनियाद दावों और मिथकों पर आधारित होते हैं.
इसलिए, अगर आप वेसेक्टोमी के बारे में सोच रहे हैं, या आपके मन में नसबंदी को लेकर कोई डर है, या यहां तक कि अगर आप साफ तौर से समझ नहीं पा रहे हैं कि वेसेक्टोमी कैसे काम करती है, तो यह लेख आपके लिए है.
हमने केरल के एमईएस मेडिकल कॉलेज में प्लास्टिक सर्जरी के प्रोफेसर डॉ. गोपीनाथ रामचंद्रन से बात की और वेसेक्टोमी के बारे में पांच आम मिथकों की हकीकत सामने रखी.
डॉ. गोपीनाथ कहते हैं, ‘'इस तरह की कोई भी बात कतई सच नहीं है. यह एक आसान प्रोसीजर है, जो सुरक्षित है और आपकी सेक्स ड्राइव पर कोई असर नहीं डालता है.”
वह बताते हैं, “पुरुष नसबंदी एक आसान प्रोसीजर है. डॉक्टर अंडकोश या स्कोर्टम (scrotum) को वास डेफरेंस (vas deferens) से डिस्कनेक्ट कर देते हैं. वास डेफरेंस वह ट्यूब है, जो इजेकुलेशन से पहले टेस्टिकल्स से स्पर्म को सीमेन में ले जाती है.”
सीमेन सिर्फ स्पर्म के एग्स में दाखिल होने और उसे फर्टिलाइज करने का एकट्रांसमिशन रूट भर है. यह प्लाज्मा, म्यूकस और कैल्शियम, लैक्टिक एसिड, फ्रुक्टोज और ग्लूकोज जैसे कई न्यूट्रीएंट्स से बना होता है. पुरुष नसबंदी सिर्फ एक काम करती है कि आपके सीमेन से स्पर्म को हटा देती है.
आपके सीमेन में स्पर्म की मौजूदगी आपकी सेक्स ड्राइव या मर्दानगी पर असर नहीं डालती है. अगर आपकी मर्दानगी की सोच आपके स्पर्म से जुड़ी हुई है, तो आपको और भी गहरी समस्याएं हो सकती हैं, जिन्हें आम वेसेक्टोमी से ठीक नहीं किया जा सकता.
भारत में वेसेक्टोमी और स्टेरेलाइजेशन (sterilization) को लेकर मीडिया में नकारात्मक छवि और नकारात्मक सोच काफी हद तक 1970 के दशक में इमरजेंसी के दौरान जबरन नसबंदी अभियान की वजह से है.
वेसेक्टोमी का मतलब है कि आप अनचाही प्रेगनेंसी के डर के बिना अनप्रोटेक्टेड सेक्स संबंध बना सकते हैं. वेसेक्टोमी उन शादीशुदा जोड़ों के लिए सही है जो ज्यादा बच्चे नहीं चाहते हैं, या ऐसे पुरुष जो प्रेगनेंसी के खतरे के बिना अनप्रोटेक्टेड सेक्स संबंध (एसटीडी के जोखिम के बीच) चाहते हैं.
याद रखें कि अगर आप एसटीडी (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिजीज) से बचाव करना चाहते हैं, तो आपको फिर भी कंडोम का इस्तेमाल करना चाहिए.
डॉ. गोपीनाथ कहते हैं, “वेसेक्टोमी एक आसान प्रोसीजर या ऑपरेशन है, जिसे सर्जन आधे घंटे में कर सकता है. इसके बाद कोई दर्द नहीं होता.”
जैसा कि डॉ. गोपीनाथ कहते हैं, वेसेक्टोमी एक न्यूनतम इनवेसिव प्रोसीजर है, और आधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी और “नो स्केलपेल (no scalpel)” प्रोसीजर में नसबंदी अपने आप में बहुत हद तक बिना तकलीफ वाली प्रोसीजर है.
ज्यादातर पुरुष बहुत हैरान होते हैं, जब वे एक हफ्ते से भी कम समय में ठीक हो जाते हैं. पुरुषों को आमतौर पर सलाह दी जाती है कि वे सेक्स संबंध बनाने या दम-खम वाली या जोर लगाने वाली एक्टिविटी में शामिल होने से लिए कुछ दिन परहेज करें, चाहे वह सेक्स गतिविधि हो या कुछ और.
वेसेक्टोमी स्थायी नहीं है. जी हां, तकनीकी रूप से. वेसेक्टोमी को पलटा जा सकता है और वास डेफेरेंस को एक प्रोसीजर के जरिये फिर से कनेक्ट किया जा सकता है, जिसे रिकैनलाइजेशन (recanalization) कहते हैं.
इस प्रोसीजर में, वास डेफेरेंस को स्कोरटम से फिर से जोड़ा जाता है और इससे स्पर्म को फिर से सीमेन में दाखिल होने का मौका मिल जाता है.
डॉ. गोपीनाथ कहते हैं, “जितनी जल्दी आप इसे करते हैं, उतना बेहतर है.” लंबे समय के बाद वास डेफेरेंस को कैनालाइजेशन के जरिये फिर से जोड़ना मुश्किल हो सकता है. पुरुष नसबंदी में जितना ज्यादा समय बीतता है, वैस डिफेरेंस को फिर से जोड़ना उतना ही कठिन होता है, लेकिन यह नामुमकिन नहीं है.
और, संक्षेप में कहें तो, नहीं, वेसेक्टोमी ऐसी नहीं है, जिसे वापस नहीं किया जा सकता और यह उतनी तकलीफदेह नहीं है जितना इसे बना दिया गया है.
डॉ. गोपीनाथ कहते हैं, बेहद कम मामलों में वास डेफरेंस अपने आप जुड़ सकते हैं, और इससे प्रेगनेंसी हो सकती है, लेकिन आमतौर पर ऐसा मुमकिन नहीं है.
डॉ. गोपीनाथ रामचंद्रन कहते हैं, ‘’यह कतई सच नहीं है. आपको वेसेक्टोमी का कोई खराब नतीजा नहीं भुगतना पड़ेगा. यह प्रेगनेंसी को रोकने का सबसे सुरक्षित तरीका है.”
अगर आपको वेसेक्टोमी से पहले इरेक्शन होता था, तो वेसेक्टोमी के बाद भी होगा. अगर आपको वेसेक्टोमी से पहले इरेक्शन में समस्या थी, तो आपको वेसेक्टोमी के बाद इरेक्शन में समस्या होगी.
वेसेक्टोमी आपके शरीर की इरेक्शन होने या बनाए रखने की क्षमता में दखलअंदाजी नहीं करती है. यह काफी आसान, न्यूनतम इनवेसिव प्रोसीजर है जिसका इरेक्शन पाने या बनाए रखने की आपकी क्षमता पर कोई असर नहीं पड़ता है.
डॉ. गोपीनाथ कहते हैं, “वेसेक्टोमी प्रेगनेंसी रोकने का सबसे असरदार तरीका है, लेकिन वेसेक्टोमी के फौरन बाद 1-3 महीनों में प्रेगनेंसी की मामूली संभावना होती है.”
वेसेक्टोमी आपके इजेकुलेशन से स्पर्म को हटाकर प्रेगनेंसी को रोकती है. एक बार प्रोजीसर पूरी हो जाने और आपके पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद, प्रेगनेंसी तकरीबन नामुकिन है.
हालांकि, कुछ बेहद दुर्लभ, बेहद खास अपवाद हैं जहां प्रेगनेंसी फिर भी हो सकती है.
इस अपवादों के साथ वेसेक्टोमी अभी भी गर्भनिरोध का (संयम के अलावा) सबसे सुरक्षित, सबसे भरोसेमंद तरीका है.
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