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G20 समिट में मिलेट फूड को दिया जा रहा बढ़ावा, क्या हैं Millet के स्वास्थ्य लाभ?

Millet डायबिटीज और दिल की बीमारी के मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है

अश्लेषा ठाकुर
फिट
Published:
<div class="paragraphs"><p><strong>International Year Of Millet:</strong> छोटे दाने वाले अनाजों को Millet के तौर पर जाना जाता है.</p></div>
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International Year Of Millet: छोटे दाने वाले अनाजों को Millet के तौर पर जाना जाता है.

(फोटो: फिट हिंदी/ iStock)

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National Nutrition Week: G20 समिट में मिलेट से बने व्यंजनों को प्राथमिकता दी जा रही है. मिलेट के स्वास्थ्य लाभ से जुड़ी जागरूकता बढ़ाने के लिए 2023 को इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट के रूप में पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. ये कदम बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे आम तौर पर नकार दिए जाने वाले अनाज यानी मिलेट के आर्थिक, पर्यावरण संबंधी और पोषण संबंधी मूल्यों की ओर लोगों का ध्यान गया है.

मिलेट में कौन- कौन से अनाज शामिल होते हैं? मिलेट से हेल्थ को मिलने वाले फायदे क्या हैं? मिलेट से हार्ट को कैसे पहुंचता लाभ? मिलेट खाने से डायबिटीज के मरीजों को कैसे मदद मिलती है? मिलेट से वजन कैसे होता कम? एक्सपर्ट्स से जानते हैं इन सवालों के जवाब.

मिलेट में कौन- कौन से अनाज शामिल होते हैं? 

"हर प्रकार के मिलेट का अपना अलग स्वाद, पोषक तत्व और खानपान में इस्तेमाल है, जिसकी वजह से यह हर प्रकार के खानपान का विविधता से भरपूर व सेहतमंद सप्लिमेंट बन गया है."
डॉ. दिपाली शर्मा, क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली

छोटे दाने वाले अनाजों को मिलेट के तौर पर जाना जाता है. यह फ्लेक्सिबल कैटेगरी के अनाज हैं, जिनका इस्तेमाल पूरी दुनिया में अलग-अलग तरह के भोजन में अक्सर किया जाता है. मिलेट की सबसे सामान्य प्रकार की वैराइटी इस प्रकार हैं:

  • पर्ल मिलेट को बाजरा के तौर पर भी जाना जाता है, जो सबसे बड़े पैमाने पर पैदा किए जाने वाले मिलेट में से एक है. इसका इस्तेमाल आम तौर पर फ्लैटब्रेड, दलिया और दूसरे प्रकार के भारतीय और अफ्रीकी पकवान बनाने के लिए किया जाता है.

  • फिंगर मिलेट (नाचनी, मडुवा) रागी का एक और नाम है, जो दक्षिण भारत का एक प्रमुख भोजन है. यह पोषण से भरपूर है और अक्सर इसका इस्तेमाल डोसा, इडली और पारंपरिक दलिया रागी माल्ट बनाने के लिए किया जाता है.

  • फॉक्सटेल मिलेट (कंगनी या चीनी बाजरा) का इस्तेमाल आम तौर पर उपमा, डोसा और इडली जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाने के लिए किया जाता है और यह अपने बेहतरीन स्वाद के लिए मशहूर है. चीन और भारत के कई इलाकों में यह बहुत ही सामान्य तौर पर इस्तेमाल किया जाने वाला मिलेट है.

  • प्रोसो मिलेट की पैदावार पूरी दुनिया में होती है और कई प्रकार के व्यंजनों में इस्तेमाल किया जाता है. जैसे कि बेक किए गए उत्पाद या चावल के विकल्प के तौर पर भी इसका उपयोग किया जाता है.

  • कोदो मिलेट पोषक तत्वों से युक्त अनाज है और इसका इस्तेमाल भारत के विभिन्न हिस्सों में फर्मेंटेड खाने, पुलाव और दलिया बनाने में किया जाता है.

  • लिटिल मिलेट, जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि लिटिल मिलेट छोटा होता है और दूसरे प्रकार के मिलेट के साथ विभिन्न प्रकार की रेसिपी में इस्तेमाल किया जाता है।

  • बार्नयार्ड मिलेट (सामा, सांवा या हिमालयन झंगोरा) को भारत और यूरोप के कई इलाकों में आम तौर पर चावल या दलिया के साथ साइड डिश के तौर पर खाया जाता है.  

मिलेट से हेल्थ को मिलने वाले फायदे

"मिलेट में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है, जो हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण होते हैं."
संगीता तिवारी, क्‍लीनिकल डायटीशियन, आर्टिमिस लाइट, एनएफसी, नई दिल्‍ली

मिलेट को मुख्य रूप से सादा और मोटा अनाज माना जाता है, जिसमें सेहत से जुड़े कई फायदे होते हैं और इससे आपका खानपान बेहतर होता है. सबसे पहली और महत्वपूर्ण बात यह है कि मिलेट पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, इनमें महत्वपूर्ण खनिज यानी मिनरल (जैसे कि आयरन, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस और ज़िंक), विटामिन (जैसे कि नियासिन और थियामिन जैसे बी-कॉम्प्लेक्स विटामिन) और एंटी ऑक्सीडेंट होते हैं. ये पोषक तत्व साथ मिलकर शरीर के विभिन्न प्रकार के कामकाज और अच्छी सेहत को बढ़ावा देते हैं.   

"चूंकि ये मिलेट पचने में आसान होते हैं, ऐसे में मिलेट कब्ज को दूर रखकर पेट की सामान्य गतिविधि और गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सेहत को बनाए रखने में मदद करता है. इसके अलावा, मिलेट ग्लूटेन मुक्त विकल्प है जिसकी वजह से यह हर किसी के खाने योग्य होते हैं, भले ही वे सीलिएक बीमारी या ग्लूटेन न पचा पाने की समस्या का सामना कर रहे हों."
डॉ. दिपाली शर्मा, क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली

अपने खाने में मिलेट को शामिल करना समझदारी भरा कदम हो सकता है क्योंकि इससे आपकी सामान्य सेहत बेहतर हो सकती है, जिससे यह संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर खानपान का हिस्सा बन जाता है.

मिलेट से हार्ट को पहुंचने वाले फायदे क्या हैं?

संगीता तिवारी कहती हैं कि मिलेट का सेवन एक स्वस्थ आहार के हिस्से के रूप में किया जा सकता है और हार्ट स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकता है, खासकर वे लोग जो दिल से सम्बंधित समस्याओं से पीड़ित हैं या जिन्हें इसके होने का खतरा है.

  • ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता: मिलेट में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद कर सकते हैं. यह हार्ट हेल्थ के लिए अच्छा होता है, क्योंकि हाई ब्लड प्रेशर हार्ट संबंधित समस्याओं का मुख्य कारण हो सकता है.

  • कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता: मिलेट में पोलीयुनसैचराइड्स होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद कर सकते हैं. अधिक कोलेस्ट्रॉल आपकी धमनियों को नुकसान पहुंचा सकता है और हृदय रोग का खतरा बढ़ा सकता है.

"मिलेट में पोटैशियम का कंटेंट हाई होता है इसके कारण हमारा ब्लड प्रेशर कंट्रोल में रहता है. साथ ही ये हार्ट फंक्शन को मजबूत रखता है. मिलेट में मैग्नीशियम भी होता है, जो मसल मूवमेंट के लिए अच्छा है. मिलेट से ब्लड के सर्कुलेशन में भी बहुत मदद मिलती है.
वैशाली वर्मा, कंसलटेंट- न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स, एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल, द्वारका

कार्डियोवैस्क्यूलर सेहत को बेहतर बनाने के लिहाज से मिलेट बहुत ही अच्छा विकल्प है क्योंकि इसमें कई ऐसे फायदे होते हैं जो दिल के लिए अच्छे होते हैं. सबसे पहले तो मिलेट में भरपूर मात्रा में फाइबर होता है, जो दिल की सेहत को सुरक्षित बनाए रखने के लिए जरूरी होता है.

खून में मौजूद एलडीएल (“बैड”) कोलेस्ट्रॉल का स्तर मिलेट में मौजूद फाइबर से कम करने में मदद मिलती है, जिससे आर्टरियों में प्लाक बनने और हृदय रोगों का खतरा कम होता है.

"इसके अलावा, मिलेट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है और इसलिए इससे ब्लड शुगर भी नहीं बढ़ता है. ब्लड शुगर में अनियमितताओं की वजह से कार्डियोवैस्क्यूलर समस्याएं हो सकती है, इसलिए ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रहना दिल की सेहत के लिए महत्वपूर्ण होता है."
डॉ. दिपाली शर्मा, क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली

मैग्नीशियम एक और पोषक तत्व है, जो मिलेट में पाया जाता है जिससे दिल के काम करने के तरीके को बेहतर बनाने में मदद मिलती है.

मैग्नीशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है, ये आपके ब्लड प्रेशर को सेहतमंद रेंज में रखने में भी मदद करता है. ब्लड प्रेशर अधिक रहने से कार्डिएक बीमारियां होने का जोखिम बढ़ जाता है.
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मिलेट खाने से डायबिटीज के मरीजों को कैसे मदद मिलती है?

संतुलित आहार जिसमें मिलेट शामिल हो, उससे ब्लड शुगर को बेहतर ढंग से नियंत्रित रखने और डायबिटीज को ठीक रखने में मदद मिलती है. व्यक्ति की खास जरूरतों के हिसाब से खानपान तय करने के लिए, ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित रखना और किसी डॉक्टर या पोषण विशेषज्ञ से बात करना जरूरी होता है.

"डायबिटीज से पीड़ित लोगों के लिए मिलेट को खानपान में शामिल करना कई कारणों से उपयोगी साबित हो सकता है. चूंकि मिलेट का ग्लाइसेमिक इंडेक्स लो होता है, ऐसे में इसे खाने पर ब्लड शुगर के स्तर में तेजी से बढ़ोतरी नहीं होती है."
डॉ. दिपाली शर्मा, क्लिनिकल न्यूट्रिशनिस्ट, सी के बिड़ला हॉस्पिटल (आर), दिल्ली

मिलेट डायबिटीज (diabetes) के मैनेजमेंट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है और डायबिटिक रोगियों को कई तरीकों से सहायक हो सकता है.

  • ग्लाइसेमिक कंट्रोल: मिलेट्स का ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) कम होता है, जिससे खाने के बाद ब्लड शुगर का तेजी से बढ़ना रोका जा सकता है. इससे डायबिटिक्स के ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है.

  • इंसुलिन सेंसिटिविटी: मिलेट में प्राकृतिक तौर पर मौजूद मैग्नीशियम डायबिटीज के रोगियों की इंसुलिन सेंसिटिविटी को बढ़ावा देता है, जिससे ब्लड शुगर को बेहतर तरीके से मैनेज किया जा सकता है.

  • फाइबर स्रोत: मिलेट में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पाचन को सुधारती है और खाने के बाद ब्लड शुगर का बढ़ना कम करती है.

  • सेहतमंद विकल्प: मिलेट ग्लूटेन-मुक्त होता है, जिससे ग्लूटेन एलर्जी वाले डायबिटिक्स के लिए एक सुरक्षित और स्वादिष्ट विकल्प हो सकता है.

  • वजन कंट्रोल: मिलेट एक सातत्यपूर्ण आहार होता है, जिससे भूख में कमी और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है, जो डायबिटीज के मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है.

साथ ही मिलेट में मैग्नीशियम जैसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं जिससे ग्लूकोज मेटाबॉलिज़्म और इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद मिलती है और इससे ब्लड शुगर नियमित रहता है.

मिलेट रखता वजन का ख्याल

मिलेट वजन को कम करने के लिहाज से बहुत ही फायदेमंद है. इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर शामिल होता है, जिससे लोगों को लंबे समय तक पेट भरे होने का अहसास होता है और वे कम मात्रा में कैलोरी की खपत करते हैं. चूंकि फाइबर के पचने की प्रक्रिया धीमी होती है, ऐसे में ब्लड शुगर का स्तर स्थिर रहता है और इससे ऊर्जा के स्तर में कमी के मामले कम हो जाते हैं और लोग भूख से ज्यादा खाना भी नहीं खाते हैं.

इसके अलावा, पोषक तत्वों का उच्च स्तर होने की वजह से व्यक्ति को वजन को कंट्रोल रखते हुए वे सभी विटामिन और मिनरल मिल जाएंगे जिसकी उन्हें जरूरत होती है.

मिलेट का इस्तेमाल रिफाइन किए गए अनाजों की जगह किया जा सकता है जिससे लंबे समय तक वजन को कम करने और शरीर का वजन सेहतमंद स्तर पर बनाए रखने में मदद मिलती है.

मिलेट वजन कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.

  • हेल्दी फूड: मिलेट का सेवन हेल्थ को बढ़ता है और भूख को कम करता है, जिससे आप अधिक खाने से बच सकते हैं और वजन कम कर सकते हैं.

  • आयरन की अच्छी मात्रा: मिलेट में आयरन की अच्छी मात्रा होती है, जो हेमोग्लोबिन उत्पादन में मदद कर सकता है और वजन कम करने में सहायक हो सकता है.

  • हाई प्रोटीन: मिलेट में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है, जो मांस, दूध, और पल्स के समान महत्वपूर्ण है और वजन कम करने में मदद कर सकता है.

  • विटामिन और मिनरल्स: मिलेट में विटामिन्स और मिनरल्स की अच्छी मात्रा होती है, जैसे कि विटामिन B, मैग्नीशियम, और फॉलेट एसिड, जो हेल्थ और वजन मैनेजमेंट के लिए महत्वपूर्ण होते हैं.

  • ग्लूटेन-मुक्त विकल्प: मिलेट ग्लूटेन-मुक्त होता है, इसलिए ग्लूटेन एलर्जी वाले लोगों के लिए वजन कम करने के लिए सुरक्षित विकल्प हो सकता है.

"मिलेट छोटे पैकेट में बड़े धमाके की तरह होता है. इसे खाने से भूख कम लगती है. मिनरल्स और एंटीऑक्सीडेंटस से भरपूर होता ही मिलेट. इससे शरीर में मजबूती बनी रहती है."
वैशाली वर्मा, कंसलटेंट- न्यूट्रिशन एंड डायटेटिक्स, एचसीएमसीटी मणिपाल अस्पताल, द्वारका

G20 समिट में मिलेट फूड को दिया जा रहा बढ़ावा

G20 सम्मेलन में मिलेट की डिशेज को प्राथमिकता देना एक महत्वपूर्ण कदम है और यह स्वास्थ्य, पोषण, और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में सुधार की दिशा में प्रेरणा से भरा हुआ है.

"मिलेट की खेती और उपयोग को बढ़ावा देने से किसानों को रोजगार का अवसर मिलता है और वनस्पति विविधता को बढ़ावा मिलता है, जिससे पोषणयुक्त खाद्य पदार्थ मिल सकता है. इससे खाद्य सुरक्षा बढ़ती है और गरीब और असहाय लोगों को सहायता पहुंचती है."
संगीता तिवारी, क्‍लीनिकल डायटीशियन, आर्टिमिस लाइट, एनएफसी, नई दिल्‍ली

डॉ. दिपाली शर्मा कहती हैं कि मिलेट की डिशेज को सर्वाधिक प्राथमिकता देना और G20 सम्मेलन के दौरान उन डिशेज को दुनिया भर के नेताओं के सामने परोसना बहुत ही उत्तम और प्रगतिशील विकल्प होगा. इसके अलावा, इससे दुनिया भर के मिलेट उत्पादकों और समुदायों को मदद मिलेगी और इससे कहीं अधिक संतुलित खाद्य प्रणाली को बढ़ावा मिलेगा. 

G20 सम्मेलन में मिलेट को प्राथमिकता देना हमारे प्राकृतिक संसाधनों को संरक्षित (reserve) रखने के साथ-साथ समृद्धि और समाज की बेहतरी की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है.

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