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Pregnancy After Myomectomy: यह सच है, कि बढ़ती उम्र के साथ प्रजनन क्षमता कम हो जाती है, लेकिन मॉर्डन मेडिकल ट्रीटमेंट के साथ 40 के उम्र में भी सफल गर्भावस्था संभव है.
आज ऐसी कई महिलाएं हैं, जो 40 की उम्र में भी मां बनने के बारे में सोच रही हैं. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट और फर्टिलिटी टेक्नोलॉजी में प्रगति के साथ, 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए सफलतापूर्वक गर्भधारण करना संभव हो रहा है. खास कर, महिला की मायोमेक्टोमी (Myomectomy) हो जाने के बाद भी 40 साल की उम्रवाली महिलाएं स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं.
अगर आपकी उम्र भी 40 की है और मां बनने के बारे में विचार कर रही हों, या सक्रिय रूप से गर्भधारण करने की कोशिश कर रही हों, तो सबसे पहले खुद को शिक्षित करना और अपनी प्रजनन क्षमता के बारे में सही निर्णय लेना जरूरी है.
इस आर्टिकल में 40 साल और उससे अधिक उम्र वाली महिलाओं में गर्भावस्था के संभावित जोखिमों और जटिलताओं के साथ-साथ उपलब्ध रिर्सोसेस और सहायता के बारे में जानकारी दी गई है.
मायोमेक्टोमी गर्भाशय से फाइब्रॉएडस हटाने के लिए की जाने वाली सर्जरी है. फाइब्रॉएड गर्भाशय में बढ़ने वाले ट्यूमर होते हैं, जो प्रजनन आयु की महिलाओं में एक आम समस्या है. फाइब्रॉएड को हटाने के लिए पेट की मायोमेक्टोमी, लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी और हिस्टेरोस्कोपिक मायोमेक्टोमी जैसी सर्जरी की जाती है. यह सर्जरी फाइब्रॉएड की संख्या, आकार, स्थान के साथ-साथ रोगी के हेल्थ और प्रजनन लक्ष्यों के आधार पर की जाती है.
मायोमेक्टोमी का गोल गर्भाशय की सुरक्षा के लिए फाइब्रॉएड को हटाना है, ताकि संबंधित महिला भविष्य में गर्भवती हो सके. हालांकि, इसमें कुछ जोखिम भी शामिल हैं, जिनमें ब्लीडिंग, इन्फेक्शन और फाइब्रॉएड के दोबारा बढ़ने की आशंका शामिल है.
40 वर्ष की आयु में मायोमेक्टोमी के बाद स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बढ़ाने के लिए गर्भधारण करने से पहले डॉक्टर की सलाह लेना जरूरी है.
इसके अलावा, स्वस्थ गर्भावस्था की संभावना बढ़ाने के लिए लाइफस्टाइल में सही बदलाव करना भी महत्वपूर्ण होता है.
मायोमेक्टोमी के बाद कई फैक्टर सफल गर्भावस्था को प्रभावित कर सकते हैं. आइए जानें इनके बारे में.
मायोमेक्टोमी के प्रकार: गर्भावस्था की संभावना मायोमेक्टोमी के प्रकार के आधार पर होती है. जैसे कि जिन महिलाओं में लेप्रोस्कोपिक मायोमेक्टोमी हुई है, उनमें पेट की मायोमेक्टोमी वाली महिलाओं की तुलना में गर्भावस्था में जटिलताओं का जोखिम कम होता है.
फाइब्रॉएड की संख्या और आकार: जिन महिलाओं में मायोमेक्टोमी के दौरान अधिक संख्या या बड़े आकार के फाइब्रॉएड हटा दिए गए हैं, उनमें गर्भावस्था के दौरान जटिलताओं का खतरा अधिक हो सकता है.
फाइब्रॉएड का स्थान: गर्भाशय के अंदर मौजूद फाइब्रॉएड (सबम्यूकस फाइब्रॉएड), गर्भाशय के बाहर मौजूद फाइब्रॉएड (सबसेरोसल फाइब्रॉएड) की तुलना में अधिक समस्याएं पैदा कर सकते हैं.
आयु: जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, उसके साथ प्रजनन क्षमता भी कम होने लगती है. 40 साल की उम्र के बाद गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं का खतरा बढ़ जाता है.
हेल्थ हिस्ट्री: डायबिटीज या हाई बीपी जैसी समस्या होने पर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान कई जटिलताओं का सामना करना पड़ सकता है.
रिप्रोडक्टिव गोल: फाइब्रॉएड ट्रीटमेंट के बाद गर्भावस्था पर विचार करने वाली किसी भी उम्र की महिलाओं मे गर्भावस्था के दौरान मेडिकल केयर को प्राथमिकता मिलनी चाहिए, उचित जांच-पड़ताल सहित सफल गर्भावस्था की संभावना बढ़ाने के लिए एडिशनल ट्रीटमेंट या डॉक्टर की सुझाई मेडिकल प्रक्रिय से गुजरने के लिए तैयार रहना चाहिए.
डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें: सर्जरी के बाद उचित देखभाल के लिए आपके डॉक्टर के निर्देशों का पालन करना आवश्यक है.
सही लाइफस्टाइल अपनाएं: स्वस्थ आहार लें और नियमित व्यायाम करें, ताकि आपका शरीर एक सफल गर्भावस्था के लिए तैयार रह सके.
समस्याओं के बारे में सोच-विचार करें: आपको गर्भधारण करने की क्षमता या अपनी गर्भावस्था के बारे में कोई चिंता है, तो अपने डॉक्टर से बात करें.
फर्टिलिटी ट्रीटमेंट: आपको मायोमेक्टोमी के बाद गर्भवती होने में परेशानी हो रही है, तो आपका डॉक्टर फर्टिलिटी ट्रीटमेंट की सिफारिश कर सकता है.
दवाइयां: गर्भधारण के लिए शरीर स्वस्थ होना बहुत जरूरी है, इसके लिए डॉक्टर की सलाह के अनुसार उचित दवाएं लें. ये दवाएं आपके पीरियड्स साइकिल को नियमित करने और गर्भवती होने की संभावनाओं को बेहतर बनाने में मदद कर सकती हैं.
हर महिला अलग होती है, तो उसकी समस्याएं भी अलग हो सकती हैं, इसलिए बेस्ट रिजल्ट्स के लिए हेल्थ की स्थिति के अनुसार इलाज किया जाता है.
40 साल की उम्र से अधिक की महिलाओं में मायोमेक्टोमी के बाद गर्भावस्था की सामान्य सफलता दर बताना थोड़ो मुश्किल है क्योंकि, यह महिला की प्रजनन क्षमता और गर्भाशय के संपूर्ण स्वास्थ्य पर निर्भर करता है. हालांकि, ऐसी कई महिलाएं हैं, जिन्होंने एडवांस्ड रिप्रोडक्टिव टेक्नोलॉजी की मदद से 40 साल की उम्र के बाद भी मां बनने का सुख पाया है.
आदर्श और स्वस्थ प्रजनन की उम्र 35 वर्ष के भीतर होती है, क्योंकि 35 के बाद गर्भधारण में संभावित जोखिम बढ़ने लगते हैं.
गर्भपात: गर्भपात का खतरा उम्र के साथ बढ़ता है, खासकर 40 साल की उम्र के बाद.
क्रोमोसोमल असामान्यताएं: प्रजनन उम्र के साथ डाउन सिंड्रोम जैसी क्रोमोसोमल असामान्यताएं का खतरा बढ़ जाता है.
अकाली जन्म: 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में नौवे महीने से पहले डिलीवरी होने की आशंका अधिक होती है.
गर्भावस्था के दौरान जटिलताएं: जो महिलाएं अपने 40वे वर्ष में गर्भवती होती हैं, उन्हें डायबिटीज और हाई बीपी जैसी जटिलताओं का खतरा होता है.
सी-सेक्शन: 35 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में सी-सेक्शन डिलीवरी होने के चांसेज अधिक होते हैं. हालांकि, सही प्रसवपूर्व देखभाल से इन जोखिमों को कम किया जा सकता है.
मायोमेक्टोमी के बाद गर्भधारण की कोशिश करना आपके लिए कितना सुरक्षित है? और यह कैसे संभव होगा? इस बारे में अपने डॉक्टर से सलाह अवश्य लें.
(यह आर्टिकल डॉ. हृषिकेश पाई, कंसलटेंट- गायनकॉलिजस्ट एंड इन्फ़र्टिलिटी स्पेशलिस्ट, लीलावती हॉस्पिटल-मुंबई, डी वाई पाटिल हॉस्पिटल-नवी मुंबई, फोर्टिस हॉस्पिटल, दिल्ली-गुरुग्राम ने फिट हिंदी के लिए लिखा है.)
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