How To Prevent Constipation In Pregnancy: गर्भावस्था एक महिला की जिंदगी का सबसे महत्वपूर्ण पल होता है. हालांकि, खुशी के इस समय में गर्भवती महिलाओं में हार्मोनल बदलाव और कई तरह की लगातार शारीरिक प्रक्रियाएं होना आम बात हैं. प्रेगनेंसी (pregnancy) में न केवल फिजिकल हेल्थ में, बल्कि इमोशनल और मेंटल स्थिति में भी बदलाव देखने को मिलते हैं. इस अवस्था के दौरान महिलाओं में कब्ज की समस्या आम होती है. ये गर्भवती महिलाओं में एक लगातार बनी रहने वाली समस्या है.
इससे छुटकारा पाने के लिए आपको इसके कारणों के बारे में पता होना चाहिए और बिना किसी बड़ी चिंता के इस परेशानी से राहत पाने के लिए नेचुरल तरीकों का इस्तेमाल करना चाहिए.
फिट हिंदी ने एक्सपर्ट से जाना गर्भवती महिलाओं में कब्ज के क्या कारण होते हैं और गर्भावस्था में कब्ज से बचने के आसान उपाय क्या हैं?
गर्भवती महिलाओं में कब्ज के क्या कारण होते हैं?
मदरहुड हॉस्पिटल की गायनेकोलॉजिस्ट, डॉ. तनवीर ओजला कहती हैं कि प्रेगनेंसी में महिलाओं को कब्ज होने की समस्या एक आम बात है पर इस समस्या को जल्द खत्म कर देना महिला और गर्भ में पाल रहे बच्चे के लिए जरुरी है. आमतौर पर प्रेग्नेंट महिलाओं में कब्ज के ये सभी कारण होते हैं:
हाई प्रोजेस्टेरोन लेवल और कम मोटिलिन हार्मोन, जो आंतों की कार्यक्षमता पर नेगेटिव असर डालते हैं.
आंतों में पानी का अब्सॉर्प्शन बढ़ने के कारण मल का सूख जाना.
आयरन और कैल्शियम की खुराक में बढ़ोतरी, जिससे कब्ज होने की आशंका बढ़ जाती है.
गर्भाशय में सूजन जिससे आंतों पर वजन पड़ता है और उसका कामकाज धीमा हो जाता है.
शारीरिक गतिविधियों में कमी.
गर्भावस्था में कब्ज से बचने के 5 आसान उपाय
1. फाइबर से भरपूर खाना खाएं: प्रोसेस्ड कार्बोहाइड्रेट के बजाय फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ अधिक खाएं. एक गर्भवती महिला के भोजन में प्रति दिन 28 ग्राम डाइटरी फाइबर जरूर होना चाहिए. इसे साबुत अनाज, दाल, बीन्स, फल, नट्स और सब्जियों सहित विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों से प्राप्त किया जा सकता है. अपने गर्भावस्था के आहार में इन सबको शामिल करने से न केवल आपके भ्रूण को बढ़ने में मदद मिलती है, बल्कि यह आपके मल की मात्रा को बढ़ाता है और आसानी से मल त्याग करने में मदद करता है. ओट्स, सेब, ब्लूबेरी, दाल, जौ और बीन्स जैसे घुलनशील फाइबर से भरपूर खाद्य पदार्थ भी पाचन के लिए अच्छे होते हैं. सूखे आलूबुखारे से मल त्याग करने में आसानी होती है. दिन में तीन से चार आलूबुखारा खाने से आपको फायदा हो सकता है.
2. विटामिन का ध्यान रखें: प्रसवपूर्व (before delivery) लिए जाने वाले विटामिन की वजह से भी गर्भवती महिलाओं को कब्ज की समस्या हो सकती है. अगर आपके प्रसव पूर्व विटामिन में आयरन की मात्रा ज्यादा है, तो आपके पाचन तंत्र के लिए इसको पचाना मुश्किल हो सकता है. आपको अगर गंभीर कब्ज है, तो अपने डॉक्टर को बताएं ताकि वे आपके विटामिन की गोली को बदल सकें, क्योंकि कुछ विटामिनों में आयरन की मात्रा कम होती है.
3. शारीरिक गतिविधि (physical activities) की कमी: गर्भावस्था में शारीरिक गतिविधियों में कमी होना सामान्य बात है. इस समय आपको हिलने-डुलने में थोड़ी कठिनाई महसूस होती है क्योंकि आपका वजन बढ़ जाता है. इससे आपके पेल्विक जोड़ों और दूसरी हड्डियों पर अधिक दबाव पड़ सकता है. बेहतर तरीके से पेट साफ होने के लिए सबसे अच्छा उपाय है पैदल चलना. वहीं गर्भावस्था के दौरान कब्ज होने पर सबसे अच्छी चीजों में से एक है व्यायाम करना. इससे भ्रूण के स्वस्थ विकास में सहायता मिलेगी और आप अपनी शारीरिक फिटनेस बनाए रख सकतीं हैं.
"सही ढंग से और सुरक्षित रूप से व्यायाम करना जरूरी है. प्रेग्नेंसी की पहली और दूसरी तिमाही के दौरान दौड़ने जैसी कम एरोबिक गतिविधियों को करने की भी सलाह दी जाती है."डॉ. तनवीर ओजला, गायनेकोलॉजिस्ट- मदरहुड हॉस्पिटल
4. तरल पदार्थों का भरपूर सेवन करें: गर्भावस्था के दौरान खूब पानी पीना चाहिए. खासकर अगर आप हाई फाइबर वाला आहार ले रहीं हैं, तो शरीर में पानी की कमी नहीं होनी चाहिए. पानी मल को नरम बनाने और आसानी से मल त्याग करने में मदद करता है. रोज कम से कम आठ से दस गिलास पानी पियें. रोजाना फलों के रस का सेवन कब्ज से जल्द राहत दिलाने में मदद कर सकता है. जागने के तुरंत बाद गर्म तरल पदार्थ पीने से कुछ गर्भवती महिलाओं को मल त्याग करने में आसानी होती है.
चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड ड्रिंक कम मात्रा में पियें. ऐसे ड्रिंक पीने से आपको बार-बार पेशाब आता रहेगा. चाय, कॉफी और कार्बोनेटेड ड्रिंक आपके कब्ज की समस्या को और बढ़ा सकते हैं और आप डिहाइड्रेट भी हो सकती हैं.
5. अपने शरीर पर ध्यान दें और एक बार में ज्यादा खाने से बचें: गर्भवती महिला को अपने और अपने बच्चे, दोनों के लिए खाना पड़ता है. दो लोगों के लिए खाना एक कठिन काम है. कब्ज से राहत पाने के लिए, अपने सामान्य भोजन को चार या पांच भागों में बांट कर खाएं. छोटी-छोटी मात्रा में लिया गया भोजन पेट में आसानी से पच जाएगा. एक बार में ज्यादा भोजन खा लेने से आपके पेट पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ेगा और ये आपके पाचन तंत्र (digestive system) को भोजन को तोड़ने की प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न कर सकता है.
"इसके अलावा, बच्चे के जन्म के बाद, नई माताओं को अपने स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखना चाहिए. उन्हें अपने भोजन में मूंग और दलिया जैसी टेस्टी और हेल्दी चीजें शामिल करनी चाहिए. इनसे शरीर की एनर्जी बढ़ती है और लैक्टेशन में भी मदद मिलती है."डॉ. तनवीर ओजला, गायनेकोलॉजिस्ट- मदरहुड हॉस्पिटल
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