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एक विटामिन जिसके बारे में हम पर्याप्त बात नहीं करते हैं. जिस पर हमें ध्यान देना चाहिए वह है विटामिन बी12.
विटामिन डी और सी जैसे विटामिनों की चर्चा हर जगह हो रही है, हर कोई एक मजबूत इम्यून सिस्टम के लिए उनके महत्व के बारे में बात कर रहा है.
हाल ही में मेरी एक दोस्त की मां ने अत्यधिक थकान और चक्कर की शिकायत की थी.
ब्लड टेस्ट में विटामिन B12, जिसे कोबालामिन भी कहा जाता है, की कमी का पता चला और उन्हें अस्पताल में एक दिन बिताना पड़ा. वह लगभग 60 साल की हैं लेकिन विटामिन बी 12 की कमी अब सभी एज ग्रुप में देखा जा रहा है.
मैंने कई किशोरों और युवाओं में भी इसकी कमी देखी है, और खतरनाक बात यह है कि अधिकांश को तब तक यह पता नहीं चलता है कि उनमें कमी है जब तक कि किसी कारण उनका ब्लड टेस्ट नहीं होता.
विटामिन B12 की स्थिति का पता आमतौर पर सीरम या प्लाज्मा विटामिन B12 स्तरों के जांच के माध्यम से लगाया जाता है. वयस्कों के लिए लगभग 170-250 पीजी/एमएल (120-180 पिकोमोल/ली) से कम का स्तर विटामिन बी 12 की कमी का संकेत देते हैं.
तत्काल लक्षणों के अलावा इस महत्वपूर्ण विटामिन की कमी से लॉन्ग टर्म में कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी हो सकती हैं.
यह एक ऐसा विटामिन है जिसकी हम सभी को आवश्यकता होती है, लेकिन इसके बारे में हम बहुत कम जानते हैं. हमें इस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है.
विटामिन B12 को ऊर्जा विटामिन भी कहा जाता है. रेड ब्लड सेल, (जो पूरे शरीर में ऑक्सीजन ले जाते हैं) को बनाने के लिए B12 की आवश्यकता होती है. और अगर आपके सेल्स में पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचता है, तो आप चाहे कितनी भी देर तक सो लें, थका हुआ महसूस करेंगे.
यही कारण है कि बहुत से लोगों में अक्सर थकान, कमजोरी और सुस्ती रहती है, जिसका कारण समझ नहीं आता और ब्लड टेस्ट कराने पर पता हालत है कि B12 के स्तर में कमी थी. स्वस्थ नर्वस सिस्टम को बनाए रखने के लिए भी विटामिन बी 12 आवश्यक है, यही कारण है कि विटामिन B12 की कमी से जब शरीर के सेल्स में ऑक्सीजन बहुत कम हो जाता है, तो नर्व डैमेज होता है. हाथ पैर और उंगलियों में सुन्नता और "पिन्स एण्ड नीडल्स" महसूस होता है. इसी तरह, अचानक उठते समय या सीढ़ी चढ़ते समय चक्कर आना भी शरीर में इस विटामिन का स्तर कम होने के कारण हो सकता है.
कई लोगों में कॉग्निटिव मुद्दे भी सामने आते हैं. चीजें भूलना, डिसोरिएन्ट होना, सोचने में कठिनाई और ब्रेन फॉग इसके सामान्य लक्षण हैं.
ऐसा इसलिए होता है कि मस्तिष्क में केमिकलों, जो तंत्रिका संबंधी विकारों से बचाते हैं और हमारी याददाश्त को भी बरकरार रखते हैं, के स्तर को बढ़ावा देने के लिए विटामिन बी 12 की आवश्यकता होती है.
देखा गया है कि आज कल हम जिस तरह के आहार खाते हैं, जो अक्सर फूड-फैड या जंक फूड होते हैं, उनके कारण विटामिन B12 की कमी बढ़ रही है.
इसके कई कारण हो सकते हैं. सबसे पहले यह जानना जरूरी है कि चूंकि हमारा शरीर इस विटामिन को बनाता नहीं है, इसलिए हमें इसे भोजन के माध्यम से ही प्राप्त करना होता है. दूसरा यह एक पानी में घुलनशील विटामिन है इसलिए शरीर में जमा नहीं होता है, इसलिए इसका नियमित सेवन और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. बुढ़ापा भी एक कारक है क्योंकि उम्र के साथ भोजन से विटामिन B12 को अवशोषित करने की हमारे शरीर की क्षमता कम हो जाती है.
शराब पीने वालों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि शराब पेट की परत में जलन पैदा कर सकती है, जिससे B12 का अवशोषण (absorption) कम हो जाता है.
शराब का सेवन लिवर के कार्य को भी बिगाड़ सकता है और लीवर के लिए B12 का उपयोग कठिन बना सकता है.
जो महिलाएं लंबे समय तक ओरल कॉन्ट्रसेप्टिव का इस्तेमाल करती हैं, उन्हें भी विटामिन बी 12 को अवशोषित करने में समस्या होती है.
लक्षणों के सामने आने का इंतजार न करें, जांच करवाएं और अगर B12 का स्तर कम हो तो, आहार में विटामिन B12 से भरपूर खाद्य पदार्थ (डेयरी उत्पाद, बादाम, सालमन, चिकन, अंडे, मैकेरल, टोफू, मशरूम और टूना) शामिल करें या सप्लीमेंट का विकल्प चुनें.
सप्लीमेंट्स और फोर्टिफाइड खाद्य पदार्थों में B12 अपने फ्री रूप में होता है, इसलिए उन्हें अधिक आसानी से अवशोषित किया जा सकता है. पर्निशस एनीमिया जैसे कारणों से विटामिन बी 12 की गंभीर कमी के मामलों में, डॉक्टर मांसपेशियों में B12 के इंजेक्शन लेने के लिए कह सकते हैं.
कमी का समय पर पता लगाने और जल्दी जरुरी कदम उठने से गंभीर जटिलताओं से बचा जा सकता है.
(कविता देवगन दिल्ली में स्थित एक न्यूट्रिशनिस्ट, वेट मैनेजमेंट कंसल्टेंट और हेल्थ राइटर हैं. वह द डोन्ट डाइट प्लान: ए नो-नॉनसेंस गाइड टू वेट लॉस, फिक्स इट विथ फूड, अल्टीमेट ग्रैंडमदर हैक्स और डोन्ट डाइट! 50 हैबिट्स ऑफ थिन पीपल की लेखिका हैं.)
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