पर्याप्त प्रोटीन खाने के महत्व के बारे में बहुत कुछ कहा और लिखा गया है.
यह एक मैक्रोन्यूट्रिएंट है, जो हर जगह मौजूद होता है - यह आपके शरीर के हर अंग और प्रणाली की हर कोशिका में होता है - और यह इस बात का स्पष्ट संकेत है कि हर रोज इसका पर्याप्त मात्रा में सेवन करना बहुत महत्वपूर्ण है.
हमें इसकी हर रोज जरूरत होती है क्योंकि फैट और कार्बोहाइड्रेट की तरह यह शरीर में जमा नहीं होता है.
प्रोटीन हर किसी के लिए जरूरी है, सिर्फ उनके लिए नहीं जो अक्सर जिम में वेट ट्रेनिंग करते हैं. फिर भी हम में से अधिकांश लोगों में यह पर्याप्त मात्रा में नहीं पाया जाता है.
तो जानते हैं कि इसकी कमी से क्या हो सकता है.
आहार में प्रोटीन की कमी से कई तरह के दुष्प्रभाव हो सकते हैं. नीचे प्रोटीन की कमी के साइड इफेक्ट्स की एक चेक लिस्ट है.
प्रोटीन के लिए रिकमेंडेड डायटरी अलाउंस (RDA)
आपको कितनी प्रोटीन की आवश्यकता है? इसका उत्तर इतना आसान नहीं है, क्योंकि यह अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग है.
उम्र, लिंग, स्वास्थ्य इतिहास और आप कितना व्यायाम करते हैं, इसके अनुसार प्रोटीन की जरूरत अलग-अलग होती है.
लेकिन औसतन, न्यूनतम शारीरिक गतिविधि वाले स्वस्थ वयस्क के लिए प्रोटीन की प्रतिदिन RDA बॉडी वेट के प्रति किलो के लिए 0.8 से 1 ग्राम है. यह कुछ खास परिस्थितियों में बढ़ सकता है.
आपका बैलेंस गड़बड़ है
प्रोटीन मांसपेशियों के निर्माण के लिए आवश्यक है, इसलिए इसकी कमी से मांसपेशियों में कमी हो सकती है, जिसके कारण कम ताकत, संतुलन बनाए रखने में कठिनाई और मांसपेशियों में दर्द जैसी बड़ी परेशानियां हो सकती हैं.
आप हमेशा थका महसूस करते हैं
मांसपेशियों में कमी से थकान हो सकती है. जब कमी अधिक हो जाती है, तो शरीर पर्याप्त प्रोटीन की आपूर्ति के लिए मांसपेशियों को तोड़ देता है, जिससे ऊर्जा और ताकत में कमी आती है.
साथ ही प्रोटीन की कमी से एनीमिया भी हो सकता है (क्योंकि हीमोग्लोबिन के निर्माण के लिए भी प्रोटीन की आवश्यकता होती है), जिसके कारण पर्याप्त ऑक्सीजन कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाती है और थकान और भी बढ़ जाती है.
वास्तव में, थकान प्रोटीन की कमी के शुरुआती लक्षणों में से एक है.
आपका वजन बढ़ रहा है
कम मांसपेशी से मेटाबॉलिज्म भी कम हो जाता है, और इससे वजन बढ़ सकता है क्योंकि जिस दर से शरीर के कैलोरी बर्न करने की क्षमता घट जाती है.
प्रोटीन न केवल हमें ईंधन देता है, यह हमें तृप्ति भी देता है (हमें लंबे समय तक भूख नहीं लगती है). यह ग्रेलिन नामक भूख हार्मोन के स्तर को कम करता है, जिससे हमें कम भूख लगती है और इस प्रकार यह हमारे वजन को नियंत्रित रखने में बड़ी मदद करता है.
प्रोटीन को पचाने में भी अधिक समय लगता है. इसलिए अगर आपके भोजन में प्रोटीन की मात्रा कम होगी तो खाना जल्दी पच जाएगा और आपका ब्लड शुगर बढ़ जाएगा.
इस वृद्धि के बाद जल्द ही ब्लड शुगर में गिरावट आएगी और ब्लड शुगर के इस तरह निरंतर बढ़ने और घटने से भोजन के लिए, खासकर चीनी के लिए, क्रेविंग बढ़ जाएगी.
आप ब्लोटेड महसूस करते हैं
एल्ब्यूमिन, ब्लड में पाए जाने वाला एक प्रोटीन है, जो आपके टिशू में फ्लूइड जमे होने (आमतौर पर सूजन या एडिमा कहा जाता है) से रोकने के लिए महत्वपूर्ण है, खासकर पेट, पैर, पैर और हाथों में.
प्रोटीन रक्त वाहिकाओं के अंदर नमक और पानी के स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं ताकि टिशू में फ्लूइड का रिसाव न हो.
जब रक्त में प्रोटीन का स्तर कम होता है, तो पानी रक्त वाहिकाओं को छोड़ कर टिशू में जमा हो सकता है.
आपकी याददाश्त खराब हो गई है
हमारा मस्तिष्क कोशिकाओं के बीच इनफार्मेशन ट्रांसफर करने के लिए न्यूरोट्रांसमीटर का उपयोग करता है. ये अमीनो एसिड से बने होते हैं, जिनसे प्रोटीन भी बनते हैं.
यही कारण है कि आहार में पर्याप्त प्रोटीन न होने से न्यूरोट्रांसमीटर का अपर्याप्त उत्पादन हो सकता है, और मस्तिष्क के फंक्शन को कमजोर कर सकता है, जिससे मेमोरी लॉस, काग्निटिव इशू, ब्रेन फॉग, कॉन्सन्ट्रेशन प्रॉब्लेम और बहुत कुछ हो सकता है.
आपका मूड खराब रहता है
पर्याप्त प्रोटीन के बिना, हमारा मस्तिष्क हमारे मूड को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक न्यूरोट्रांसमीटर का उत्पादन नहीं कर पता है. उदाहरण के लिए, डोपामाइन और सेरोटोनिन के निम्न स्तर से आप उदास या अग्रेसिव महसूस कर सकते हैं.
आपकी त्वचा, बाल और नाखून खराब हो रहे हैं
इलास्टिन, कोलेजन और केराटिन, सभी प्रोटीन हैं, जो स्वस्थ बाल, त्वचा और नाखून के लिए बिल्डिंग ब्लॉक के रूप में कार्य करते हैं.
इसलिए जब हमारा शरीर उन्हें पर्याप्त मात्रा में नहीं बना पाता (पर्याप्त अमीनो एसिड की कमी के कारण), तो झाड़ते या पतले होते बाल, सूखी और परतदार त्वचा, और नाखूनों पर गहरी लकीरें जैसी परेशानियां दिखाई देने लगती हैं.
आप अक्सर बीमार पड़ते हैं
अधिकतर लोगों को अच्छी इम्यूनिटी और प्रोटीन का संबंध नहीं पता होता है और यह एक ऐसी गलती है, जो हम में से कई लोगों की इम्यूनिटी को खराब कर सकती है.
प्रोटीन की कमी एंटीबॉडी उत्पादन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती है.
सिस्टीन नामक एक अमीनो एसिड विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह शरीर में एक एंटीऑक्सीडेंट ग्लूटाथियोन के निर्माण के लिए आवश्यक होता होता है, जो एक शक्तिशाली इम्यूनिटी बूस्टर है.
आपके घाव ठीक होने में अधिक समय लेते हैं
कोलाजेन, जो संयोजी ऊतकों के साथ-साथ त्वचा में भी पाया जाता है, को बनाने के लिए प्रोटीन की आवश्यकता होती है.
साथ ही ब्लड क्लॉटिंग के लिए इसकी आवश्यकता होती है. यही कारण है कि प्रोटीन की कमी से चोट को ठीक होने में अधिक समय लग सकता है.
यह भी याद रखना चाहिये कि हमारी हड्डियां भी प्रोटीन से बनती है. तो, यह आश्चर्य की बात नहीं है कि प्रोटीन की कमी से हड्डियों के फ्रैक्चर का जोखिम भी बढ़ सकता है.
प्रोटीन की कमी को कैसे रोकें
अच्छी खबर यह है कि पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ खाने से प्रोटीन की कमी को दूर किया जा सकता है.
कुछ उच्च प्रोटीन वाले खाद्य पदार्थ हैं डेयरी, नट, नट बटर, बीज, अंडे, चिकन, सीफूड, लेगयूम, क्विनोआ और बकव्हीट.
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