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RECAP: इलेक्टोरल बॉन्ड, राहुल गांधी, सुप्रीम कोर्ट से जुड़े भ्रामक दावों का सच

इस हफ्ते सोशल मीडिया पर वायरल हुए भ्रामक दावों का सच जानिए.

टीम वेबकूफ
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>RECAP: Electoral Bond, राहुल गांधी, SC से जुड़े भ्रामक दावों का सच</p></div>
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RECAP: Electoral Bond, राहुल गांधी, SC से जुड़े भ्रामक दावों का सच

(Altered by Quint Hindi)

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इस हफ्ते राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' (Bharat Jodo Nyay Yatra) का मुंबई में समापन हुआ. इसके साथ ही इस हफ्ते इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कुछ अहम फैसले आए. इन सब के बीच इलेक्टोरल बॉन्ड, राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा को लेकर कई तरह के झूठ और भ्रामक दावे सोशल मीडिया पर शेयर किए गए.

शरीया फंड और अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की बेटियों को लेकर भी फेज न्यूज फैलाई गई. एक नजर में जानिए इन सभी भ्रामक दावों का सच.

मालिया और साशा ओबामा के माता-पिता की नहीं है यह वायरल फोटो

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें मालिया और साशा ओबामा दो लोगों के साथ तस्वीर खिंचवाते दिख रही हैं. तस्वीर में लिखा है, "साशा और मालिया अपने असली माता-पिता के साथ (यह दोनों बैरी और बिग माइक के बच्चे नहीं हैं.)"

इस पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

(सोर्स: फेसबुक/स्क्रीनशॉट)

यह दावे सही नहीं है, लोगों को गुमराह करने के लिए वायरल तस्वीर को एडिट किया गया है. इस फोटो में मौजूद दो लोगों की पहचान अनीता ब्लैंचर्ड और मार्टिन नेस्बिट के रूप में हुई है. ओबामा फाउंडेशन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक मार्टिन नेस्बिट, बराक ओबामा के लंबे समय से दोस्त हैं. न की साशा और मालिया के असली माता-पिता.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

Fact-Check: SBI की शरिया फंड सुविधा सिर्फ केरल नहीं, पूरे भारत में

इलेक्टोरल बांड पर जारी चर्चा के बीच सोशल मीडिया पर एक पोस्ट वायरल है. इस पोस्ट में दावा किया गया है कि भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने केरल के मलप्पुरम में शरिया कानून के मुताबिक एक निवेश योजना शुरू की है. इस पोस्ट को शेयर करने वालों ने मलप्पुरम में "इस्लामिक गढ़" होने जैसी बातें लिखकर इन दावों में सांप्रदायिक रंग जोड़ दिया है.

इस पोस्ट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.

(X/स्क्रीनशॉट)

यह दावा भ्रामक है, ऐसा इसलिए क्योंकि यह योजना पूरे भारत में लागू होती है और इसका केरल से कोई खास संबंध नहीं है. सोशल मीडिया यूजर्स ने झूठे सांप्रदायिक रंग के साथ यह दावा किया है कि SBI की शरिया इक्विटी योजना केवल केरल में लागू होती है.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

बीजेपी को लेकर ये बयान राहुल नहीं, तेजस्वी यादव ने दिया

सोशल मीडिया पर News 24 समेत कुछ अन्य यूजर्स ने दावा किया है कि राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा "लालू यादव आज भी मोदी जी को दवाई देने के लिए तैयार हैं." इसके साथ ही दावा है कि उन्होंने कहा, "हम लोग डरने वाले नहीं बल्कि लड़ने वाले हैं. बीजेपी वाले एनर्जी ड्रिंक पीकर हमारे सामने खड़े हो जाते हैं."

इस पोस्ट का आर्काइव यहां देखें

(Altered by Quint Hindi)

यह दावा सही नहीं है. यह बातें BJP पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने नहीं कही हैं. बल्कि यह बयान राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' के समापन के मौके पर RJD नेता और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने दिया है.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

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नासिक में कांग्रेस की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' का बताकर पुराना वीडियो वायरल

महाराष्ट्र के नासिक में कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा का एक वीडियो वायरल है. इसमें लोगों की भारी भीड़ दिख रही है. इस वीडियो को उत्तराखंड कांग्रेस के फेसबुक हैंडल से शेयर किया गया है. यह पोस्ट 14 मार्च को फेसबुक पर शेयर किया गया था.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखा जा सकता है.

(सोर्स: फेसबुक/स्क्रीनशॉट)

यह वीडियो पुराना है. ये दिसंबर 2022 में राजस्थान के दौसा में हुई कांग्रेस की पहली भारत जोड़ो यात्रा का है. इस वीडियो को कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी 16 दिसंबर 2022 को अपने X अकाउंट पर शेयर किया था. 

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

Electoral Bond पर सुनवाई के बीच से उठकर नहीं गए चीफ जस्टिस चंद्रचूड़

सोशल मीडिया पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस DY Chandrachud का एक वीडियो वायरल है. इलेक्टोरल बॉन्ड को लेकर चल रही सुनवाई के इस वीडियो में चंद्रचूड़ अपनी कुर्सी से थोड़ा ऊपर उठते दिखते हैं और यहीं वीडियो खत्म हो जाता है.वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि चीफ जस्टिस केस की सुनवाई के दौरान बीच में ही उठकर चले गए.

पोस्ट का अर्काइव यहां देखें

(सोर्स : स्क्रीनशॉट/देखें)

यह दावा सही नहीं है. सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई का पूरा वीडियो देखने पर साफ हो रहा है कि चीफ जस्टिस सिर्फ अपनी कुर्सी को एडजस्ट करने के लिए थोड़ा ऊपर उठे थे. इसके बाद वह, वापस कुर्सी पर बैठ गए. ये दावा गलत है कि वो सुनवाई के बीच में उठकर चले गए.

पूरी पड़ताल यहां पढ़ें.

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