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हरियाणा (Haryana Elections) समेत देश के कुछ अन्य राज्यों में चुनावी बिगुल बज चुका है. इसके साथ ही चुनावी मौसम में फेक-न्यूज (Fake News) और भ्रामक दावों की पूर्ति में भी बढ़ोत्तरी देखी गई है. कभी बांग्लादेश की वीडियो को भारत का बताकर शेयर किया गया. तो कभी भूपेंद्र हुड्डा का एडिटेड वीडियो वायरल किया गया. क्विंट हिंदी की फैक्ट चेकिंग टीम वेबकूफ के इस वीकली राउंडअप में जानिए इन सभी भ्रामक दावों का पूरा सच.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है. इसमें देखा जा सकता है कि एक शख्स कुर्ता-टोपी पहने हुए व्यक्ति को कई बार थप्पड़ मारता है. वीडियो को भारत का बताकर साम्प्रदायिक दावों के साथ शेयर किया जा रहा है.
यह वीडियो भारत का नहीं बांग्लादेश का है. इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है. मामले में आरोपी और पीड़ित दोनों ही मुस्लिम समुदाय से हैं. वीडियो में नजर आ रहे बुजुर्ग का नाम अल्हाज अब्दुर रशीद है, जो बांग्लादेश के बरगुना जिले में स्वतंत्रता सेनानी संघ के पूर्व कमांडर है.
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सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें उन्हें मीडिया से बात करते हुए देखा जा सकता है.वीडियो को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने राहुल गांधी के आरक्षण खत्म करने वाले बयान का समर्थन किया है.
यह दावा सही नहीं है. दो अलग-अलग वीडियो को मिलकर इस वायरल क्लिप में आवाज अलग से जोड़ी गई है. गौर करने वाली बात यह है कि राहुल गांधी ने आरक्षण खत्म करने को लेकर कोई बयान नहीं दिया है.
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सोशल मीडिया पर टूटी हुई सड़क का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें टूटी हुई इस सड़क के बीच में से पानी की बौछारों को निकलते हुए देखा जा सकता है. इस पोस्ट को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो भारत की है.
नहीं, यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो भारत का नहीं बल्कि सेंट्रल अमेरिका में स्थित एक देश Guatemala के Villa Nueva शहर का है.
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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) के महासचिव सीताराम येचुरी को श्रद्धांजलि देते हुए लोगों की एक तस्वीर इंटरनेट पर वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि दिवंगत नेता असल में ईसाई थे.
सीताराम येचुरी का जन्म तेलुगु बोलने वाले ब्राह्मण परिवार में हुआ था, लेकिन उन्होंने कई मौकों पर स्पष्ट किया था कि वो नास्तिक हैं.
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सोशल मीडिया पर पुलिस वैन में रखी गणेश प्रतिमा का एक वीडियो वायरल हो रहा है इसे भ्रामक दावों के साथ वायरल किया जा रहा है. वीडियो को शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक की कांग्रेस सरकार की पुलिस ने 'गणेश जी को हिरासत' में लिया है.
यह दावा सही नहीं है. यह वीडियो 13 सितंबर 2024 का है. गणेश मूर्ति को प्रदर्शनकारियों से अलग करने के लिए जीप में रखा गया था, मूर्ति को अरेस्ट या डिटेन नहीं किया गया था. बाद में अधिकारियों ने विधि-विधान के साथ गणपति की मूर्ति का विसर्जन किया था.
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हवाई जहाज के अंदर से दो वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर काफी वायरल हो रहे हैं.
एक वीडियो में एक महिला को हिंदू भजन गाते देखा जा सकता है. वीडियो में पीछे से वॉयसओवर में कहा जा रहा है कि महिला ने ये भजन एक शख्स के नमाज पढ़ने के जवाब में गाया.
एक दूसरे वीडियो में एक मुस्लिम शख्स को नमाज पढ़ते देखा जा सकता है.
दावा करने वालों ने लिखा, "एक मुस्लिम शख्स अपनी सीट पर बैठकर नमाज पढ़ रहा था और इस महिला को गुस्सा आ गया और उसने ऐसा करना शुरू कर दिया."
ये दोनों वीडियो अलग-अलग घटना के हैं. हमें मालूम चला कि महिला वाला वीडियो 31 मार्च का है, और नमाज वाला वीडियो साल 2019 का है.
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