Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Videos Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Prayagraj हिंसा: हम लाइव अपना घर गिरते देख रहे थे,जो दिल दहलाने वाला था- सुमैया

Prayagraj हिंसा: हम लाइव अपना घर गिरते देख रहे थे,जो दिल दहलाने वाला था- सुमैया

जावेद मोहम्मद की बेटी सुमैया ने अपना घर तोड़े जाने पर और क्या कहा?

पीयूष राय
वीडियो
Published:
<div class="paragraphs"><p>Prayagraj हिंसा: हम लाइव अपना घर गिरते देख रहे थे,जो दिल दहलाने वाला था- सुमैया</p></div>
i

Prayagraj हिंसा: हम लाइव अपना घर गिरते देख रहे थे,जो दिल दहलाने वाला था- सुमैया

फोटो- क्विंट हिंदी

advertisement

पुलिस द्वारा 30 घंटे से अधिक चली लंबी पूछताछ के बाद रविवार की सुबह 19 वर्षीय सुमैया फातिमा और उसकी मां परवीन फातिमा प्रयागराज में एक रिश्तेदार के घर पहुंचीं. माँ-बेटी की जोड़ी ने सोचा कि एक भीषण दिन के बाद उन्हें वापस उनके घर छोड़ दिया जाएगा, इसके बजाय उन्हें पुलिस ने रिश्तेदार के घर पर रहने और इधर-उधर न जाने के लिए कहा.

घंटों बाद उन्होंने लाइव टीवी पर देखा कि उनका घर जमीन पर गिराया जा रहा था. उसी घर से शुक्रवार शाम को उन्हें पुलिस उठाकर ले गई थी.

"कल्पना कीजिए कि आपका घर लाइव टेलीविजन पर ध्वस्त हो रहा है. यह एकमात्र घर है जिसे मैं जानती हूं. मैं जीवन भर वहीं रही हूं ”
सुमैया फातिमा

तोड़फोड़ से पहले निकाला जा रहा परिवार का सामान

स्क्रीनशॉट / ट्विटर

विध्वंस के एक दिन बाद सोमवार को सुमैया ने द क्विंट से बात करते हुए बताया कि पुलिस को अपना घर खाली करते देखना —एक-एक करके हर एक सामान को बाहर निकालते हुए कैसा लग रहा था

पुलिस अधिकारियों द्वारा घर को खाली किए जाने के दृश्य विध्वंस (Demolition) से पहले कुछ घंटों में ही वायरल हो गए. वीडियो में अन्य चीजों के अलावा, व्यक्तिगत सामान जैसे तस्वीरें, जन्मदिन की बधाई, आफरीन का एक चित्र और कई किताबें देखी जा सकती हैं.

सुमैया ने कहा “जब हमारा सामान घर से बाहर निकाला जा रहा था, तो देखना कितना मुश्किल था. हम वीडियो देख रहे थे और सब कुछ याद कर रहे थे 'देखो यह हमारा बिस्तर है जहां हम साथ बैठकर चाय पीते थे. वे किताबें हैं जिन्हें हम पढ़ते थे...' यह एक दिल दहला देने वाला नजारा था."

तोड़फोड़ से पहले निकाला जा रहा परिवार का सामान

स्क्रीनशॉट / ट्विटर

"तस्वीरें टीवी पर दिखाई जा रही थीं, एंकर प्रत्येक वस्तु की ओर इशारा कर रहे थे ... हमारा पूरा जीवन देखने के लिए सबके सामने प्रदर्शित किया जा रहा था.हमारी यादें उन चीजों से जुड़ी हैं, लेकिन उनके मन में इसका कोई सम्मान नहीं था."

सुमैया, जावेद मोहम्मद (Javed Mohammad)की छोटी बेटी और कार्यकर्ता आफरीन फातिमा (Afreen Fatim) की छोटी बहन हैं. वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया से जुड़े कार्यकर्ता और राजनेता जावेद को शुक्रवार शाम प्रयागराज पुलिस ने गिरफ्तार किया था, जिसके बाद सुमैया और उनकी मां को भी हिरासत में लिया गया था. जावेद पर पिछले हफ्ते प्रयागराज में हुई हिंसा में “प्रमुख भूमिका” होने का आरोप लगाया गया है. हिंसा भाजपा की निलंबित(अब) प्रवक्ता नुपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मुहम्मद के खिलाफ भड़काऊ टिप्पणी के विरोध में हुई थी.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

'पुलिस ने कहा कि आपने आफरीन को जेएनयू में भेजकर गलती की'

जहां जावेद पर हिंसा का आरोप लगाया गया है, वहीं उनकी बड़ी बेटी आफरीन फातिमा भी अपनी पिछली सामाजिक सक्रियता के कारण सुर्खियों में आई हैं. आफरीन सीएए जैसे कई मुद्दों पर मुखर रही हैं.

सुमैया ने कहा कि उनके और उनकी मां की नजरबंदी के दौरान भी आफरीन का मामला सामने आया.

“उन्होंने मुझसे मेरे भाई-बहनों के बारे में पूछा. जब मैंने उन्हें आफरीन अप्पी के बारे में बताया और बताया कि वह जेएनयू की छात्रा है, तो उनका पूरा व्यवहार ही बदल गया. वे मेरी मां से कहने लगे 'तुमने वहां भेजकर गलती की'. वहां जाने के बाद लोगों के मन और विचार डाइलूट कर दिया जाता है, इसलिए वह ऐसी हो गई है. वे इस तरह की बातें करते रहे."

हालांकि, सुमैया ने कहा कि 24 वर्षीय आफरीन उनके और कई युवा लड़कियों के लिए एक "रोल मॉडल" रही हैं, और उन्होंने कहा कि विध्वंस ने न केवल उनके घर बल्कि उनके सपनों और आकांक्षाओं को भी नष्ट कर दिया है.

“आफरीन अप्पी ने इस महीने के अंत में अपनी पीएचडी प्रवेश परीक्षा दी थी. वह इसकी तैयारी कर रही थी और बहुत मेहनत से पढ़ाई कर रही थी. अब उनका पूरा साल बर्बाद हो गया है. उनका जीवन...उनका करियर, सब कुछ दांव पर है.”

सुमैया ने कहा कि नजरबंदी के दौरान उनसे घर के अंदर हुई "बातचीत” के बारे में भी पूछा गया. मैं उन्हें क्या बता सकती थी ? हम एक साधारण परिवार हैं जो इस बारे में बातचीत करते हैं कि खाने के लिए क्या लेना चाहिए... हम एक-दूसरे की टांग खींचते हैं और सामान्य चर्चा करते हैं, हम एक सामान्य परिवार से हैं.

'डोंट प्रोटेस्ट': गिरफ्तारी से पहले जावेद की एफबी पोस्ट

प्रयागराज के एसएसपी अजय कुमार ने कहा है कि विरोध प्रदर्शन में शुक्रवार को हुई हिंसा में जावेद मोहम्मद प्राथमिक संदिग्ध के रूप में सामने आया है.

लेकिन सुमैया ने कहा कि उनके पिता किसी भी विरोध प्रदर्शन में मौजूद नहीं थे.

"शुक्रवार को वह पूरे दिन घर पर थे, केवल हमारे घर के पास मस्जिद में नमाज़ पढ़ने गये थे" सुमैया ने कहा.

सुमैया ने शुक्रवार सुबह अपने पिता की एक नये फेसबुक पोस्ट का भी हवाला दिया, जहां वह कह रहे हैं कि सरकार से कुछ संवाद करने का सबसे अच्छा तरीका सरकार को एक ज्ञापन प्रस्तुत करना है.

गिरफ्तारी से पहले जावेद मोहम्मद की आखिरी फेसबुक पोस्ट

जावेद मोहम्मद /फेसबुक

उन्होंने पोस्ट में आगे कहा, "परिस्थितियों को देखते हुए, हमें चुपचाप शुक्रवार की नमाज अदा करनी चाहिए ... कोई भी अनावश्यक रूप से सड़कों पर इकट्ठा नहीं होनी चाहिए और घर जाकर प्रार्थना करनी चाहिए कि शांति हो."

सुमैया ने कहा कि पोस्ट इस बात का सबूत है कि वह विरोध में नहीं थे या उनके समर्थन में भी नहीं थे. “अगर कोई इतनी स्पष्ट रूप से शांति की बात कर रहा है, तो उन पर हिंसा भड़काने का आरोप कैसे लगाया जा सकता है. उस दिन भी जब उनके पास फोन आ रहे थे, तो वह सभी से कह रहे थे कि भावुक न हों और तर्कसंगत और शांति से काम करें."

घर मां के नाम पर, पिता के नहीं

प्रयागराज प्रशासन ने दावा किया कि जावेद का घर "अवैध" था और इसे "सभी दिशानिर्देशों का पालन करने और उचित नोटिस जारी करने" के बाद ही ध्वस्त किया गया था. लेकिन परिवार का दावा है कि उन्हें नोटिस पहली बार शनिवार की देर रात ही मिला है.

“हमें शनिवार की रात से पहले घर के बारे में कभी कोई नोटिस नहीं मिला. 20 साल से हम हर महीने वाटर टैक्स, हाउस टैक्स... पेय कर रहे हैं. लेकिन उन्होंने तब कभी हमारे घर को अवैध नहीं माना. अचानक रात भर में उन्होंने फैसला किया कि यह अवैध है ”
सुमैया फातिमा

इसके अलावा, नोटिस जावेद के नाम पर था, जबकि घर वास्तव में उनकी पत्नी परवीन के नाम पर पंजीकृत है.

सुमैया आगे कहती हैं कि, "घर मेरे नाना की ओर से मेरी मां को उपहार में मिला था. हमारे विश्वास में पत्नी के स्वामित्व वाली संपत्तियां स्वतः पति की नहीं हो जाती हैं. वास्तव में उन पर पति का कोई अधिकार नहीं है. सभी बिलों का भुगतान भी उन्हीं के नाम पर किया गया. सब कुछ हमारी माँ का था. आप कह सकते हैं कि हमारे पिताजी सहित हम सभी इस घर में रह रहे थे, लेकिन यह घर उनका था'

प्रयागराज नगर पालिका द्वारा एक दस्तावेज जिसमें परवीन फातिमा को मालिक के रूप में नामित किया गया है.

द क्विंट

प्रयागराज पुलिस ने यह भी कहा है कि जावेद के घर की तलाशी में "12 बोर और 315 बोर की पिस्तौल और कारतूस" जैसी "अनुचित सामग्री" मिली. हालांकि, सुमैया ने इस दावे का भी खंडन किया.

सुमैया ने कहा “हमारे घर के विध्वंस का सीधा प्रसारण किया जा रहा था. जब वह खाली हो रहा था तो सभी ने देखा कि हमारे घर से सब समान निकल रहा था. पुलिस ने अंदर जाकर हमारे घर से एक-एक सामान निकाल लिया. लेकिन कोई हथियार बरामद नहीं हुआ. अगर कोई हथियार होता, तो क्या वह लाइव प्रसारण में दिखाई नहीं देता? यह सब मनगढ़ंत है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT