कृषि क्षेत्र में जान फूंकने और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सरकार को स्पेशल इकनोमिक जोन (SEZ) नीति में बदलाव लाना चाहिए. यह सुझाव एक अहम ट्रेड प्रमोशन आर्गेनाइजेशन ने दिया है. ट्रेड प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया (टीपीसीआई) का कहना है कि सरकार को आगामी आम बजट 2020-21 में इस दिशा में कदम उठाना चाहिए.
विदेशी निवेशक SEZ को ठिकाने के तौर पर देख रहे
“भारत में खाद्य वस्तुओं के निर्यात की काफी संभावनाएं हैं और विदेशी निवेशक निवेश के लिए एसईजेड को एक ठिकाने के तौर पर देख रहे हैं.”मोहित सिंगला,टीपीसीआई के चेयरमैन
टीपीसीआई के अनुसार, विदेशी निवेशकों को बिना आयात शुल्क पर कच्चे माल आयात करने की अनुमति देनी चाहिए और मूल्य वर्धन के लिए शुल्क में आनुपातिक छूट देनी चाहिए.
उन्होंने कहा, "एसईजेड से निर्यात कुल निर्यात के मुकाबले ज्यादा तेजी से बढ़ रहा है."
अप्रैल-जून 2019 के दौरान भारत का कुल निर्यात जहां दो फीसदी घटकर 5,62,000 करोड़ रुपये रह गया था वहां एसईजेड का निर्यात 15 फीसदी बढ़कर 1,85,763 करोड़ रुपये हो गया.
बीमा क्षेत्र में सैंडबॉक्स नीति अपनाना चाहिए
बीमा क्षेत्र के विशेषज्ञ बताते हैं कि सरकार को आम बजट 2020 में बीमा के लिए सैंडबॉक्स नीति अपनाना चाहिए.
पॉलिसीबाजार डॉट कॉम के चीफ बिजनेस ऑफिसर एवं सह-संस्थापक तरुण माथुर ने बताया कि देश की सिर्फ 8% जनसंख्या के पास टर्म, हेल्थ जैसा किसी एक प्रकार का इंश्योरेंस है और प्योर प्रोटेक्शन वाले इंश्योरेंस धारकों की संख्या काफी कम है.
उन्होंने कहा, "हमारे यहां यूरोप की तरह एक सामाजिक सुरक्षा प्रणाली उपलब्ध नहीं है, जिसमें सरकार अपने नागरिकों के रिटायरमेंट के बाद उनकी सभी जरूरतों का खयाल रखती है. बल्कि, हमारे देश में नागरिकों को सिर्फ इंश्योरेंस के रूप में ही सामाजिक सुरक्षा मिलती है. इसलिए, सरकार के लिए यह जरूरी होगा कि आम बजट 2020 में इंश्योरेंस के लिए सैंडबॉक्स नीति अपनाए और देश को सामाजिक रूप से सुरक्षित बनाने वाले लोगों को प्रोत्साहन दिया जा."
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