वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने अपने बजट भाषण में कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (MSME) के लिए 6,000 करोड़ रुपये के रेजिंग एंड एक्सेलरेटिंग एमएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) प्रोग्राम को आने वाले पांच सालों में लागू किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इससे एमएसएमई की प्रतिस्पर्धात्मकता और प्रोडक्टिविटी में सुधार होगा.
विश्व बैंक ने पिछले साल जून में महामारी से बुरी तरह प्रभावित MSME को बढ़ावा देने के लिए सरकार को 500 मिलियन डॉलर मंजूर किए थे.
विश्व बैंक ने पिछले साल एक बयान में कहा था कि यह कार्यक्रम 5,55,000 एमएसएमई के प्रदर्शन में सुधार का लक्ष्य रखता है.
साथ ही MSME के लिए बजट में इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी योजना (ECLGS) (जिसके तहत इन्हें कर्ज दिया जाता है) को मार्च 2023 तक बढ़ा दिया गया है. विभिन्न एमएसएमई पोर्टल जैसे उद्यम, ई-श्रम, एनसीएस, असीम, आदी को आपस में जोड़ा जाएगा.
यह एक अच्छा संकेत है कि सरकार उन कार्यक्रमों को आगे बढ़ा रही है जो पिछले साल से लागू थे. इसके अलावा विभिन्न ई-पोर्टल का सरकार द्वारा एकीकरण बताता है कि सरकार का इस क्षेत्र पर निरंतर फोकस बना है और इससे व्यापार करने में आसानी होगी. यह एमएसएमई निर्यातकों के लिए विशेष रूप से अच्छी खबर है क्योंकि ये ईज ऑफ बिजनेस को बढ़ावा देता है.निशांत वर्मन, को-फाउंडर एंड सीईओ, Bzaar
हालांकि निशांत वर्मन क्विंट से बातचीत में यह भी कहते हैं कि, "MSME और ट्रेटर्स के लिए किसी बड़े टैक्स इंसेंटिव की घोषणा नहीं की गई है".
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