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शेयर बाजार में मुनाफे के लिए किन सेक्‍टरों पर दांव लगाना ठीक होगा?

इन्वेस्टमेंट का गुरु मंत्र: डरो जब दूसरे लालच दिखा रहे हों, और लालच दिखाओ जब दूसरे डर रहे हों

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जाने-माने इन्वेस्टमेंट गुरु वॉरेन बफेट ने शेयर मार्केट में इन्वेस्टमेंट करने वालों के लिए एक गुरुमंत्र दिया हैः डरो जब दूसरे लालच दिखा रहे हों, और लालच दिखाओ जब दूसरे डर रहे हों.

शेयर बाजार में कामयाब इन्वेस्टर वही है, जिसने डर और लालच के बीच संतुलन बना लिया. अगर आज भारतीय शेयर बाजार के इंडेक्स को रोज नई ऊंचाई छूते देखकर आपका लालच बढ़ रहा है, तो इसमें कुछ गलत नहीं है. बस इस लालच का संतुलन उस डर से बनाइए, जो आपसे ये सवाल पूछे कि पैसे कहां लगाए जाएं.

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सेंसेक्स जब 31,000 को पार कर चुका है, तो मन में ये सवाल आना लाजिमी है कि क्या अगले बुल रन की शुरुआत हो चुकी है. इस सवाल का जवाब इस तथ्य से जांचिए कि हर बुल रन में हिस्सा लेने वाले सेक्टर और स्टॉक अलग-अलग होते हैं. मिसाल के लिए 1992 की रैली में टाटा स्टील ने लोगों को कमाई कराई, तो 2000 की रैली में इंफोसिस ने.

2008 की रैली में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे आगी थी, तो 2015 की रैली में आईसीआईसीआई बैंक.

तो फिर अगर आप इस समय शेयर बाजार में नया निवेश करना चाहते हैं, तो जरूरी है कि उन सेक्टरों और शेयरों पर दांव लगाएं, जो आने वाले ‘बुल रन’ के ‘डार्क हॉर्स’ हों. अगर आप 2017 की शुरुआत से अब तक शेयर बाजार की चाल पर नजर डालें, तो साफ होगा कि जिन सेक्टरों ने सबसे ज्यादा उड़ान भरी है, उनमें पांच बड़े सेक्टर हैं रिटेल, रियल एस्टेट, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी, प्राइवेट बैंक और टायर. देखें इन्‍फोग्राफ:



इन्वेस्टमेंट का गुरु मंत्र: डरो जब दूसरे लालच दिखा रहे हों, और लालच दिखाओ जब दूसरे डर रहे हों

तो क्या इन्हीं सेक्टरों पर दांव लगाना चाहिए?

हमारा जवाब है कि इसका फैसला आप कुछ पैमानों पर करें, जिनमें सबसे बड़ा पैमाना है ‘इंडिया ग्रोथ स्टोरी.’ इस बात में कोई शक नहीं है कि हमारे देश की ग्रोथ रेट आने वाले कई वर्षों तक बेहतर रहेगी, इसलिए इस ग्रोथ स्टोरी के साथ चलने वाले सेक्टरों पर दांव लगाना बेहतर है. और ये वो सेक्टर हैं, जो देश में बढ़ रही खपत से सीधे तौर पर जुड़े हैं, इसे मार्केट के जानकार ‘कंजंप्‍शन थीम’ कहते हैं. इस थीम पर चलें, तो आपके लिए प्राइवेट बैंक और एनबीएफसी पर दांव लगाना गलत नहीं होगा.

सरकारी बैंकों से बचने की सलाह है, क्योंकि उन पर एनपीए का दबाव बहुत ज्यादा है और ये साफ नहीं है कि वो इस दबाव से उबर पाएंगे या नहीं.

दूसरे सेक्टर हैं कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑटोमोबाइल. जिस तेजी से देश में टीवी, फ्रिज, एसी, टू-व्हीलर्स और कारों की मांग बढ़ रही है, वो इन सेक्टरों में काम कर रही कंपनियों के लिए बिजनेस ग्रोथ का बढ़िया मौका देता है. और आपके लिए इन कंपनियों के शेयर में निवेश का.

पिछले कुछ समय में सरकार ने जिस तरह अफोर्डेबल हाउसिंग और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट पर जोर दिया है, उससे रियल एस्टेट और सीमेंट सेक्टर को भी बड़ा फायदा मिलने वाला है. लेकिन खास तौर पर रियल एस्टेट सेक्टर में कंपनी चुनते वक्त आप एहतियात बरतें और उसका ट्रैक रिकॉर्ड जरूर जांच लें.

इन सेक्टरों के अलावा कुछ ऐसे सेक्टर हैं, जो सदाबहार हैं और उनमें आपका निवेश आपको अच्छे रिटर्न दिला सकता है. इकनॉमी में मंदी या तेजी से इन पर असर पड़ता तो है, लेकिन दूसरे सेक्टरों के मुकाबले काफी कम. ये हैं एफएमसीजी, हेल्थकेयर, एजुकेशन और एंटरटेनमेंट.

किन सेक्टरों पर लगाएं दांव?

स्नैपशॉट
  • प्राइवेट बैंक और एनबीएफसी
  • कंज्यूमर ड्यूरेबल्स
  • ऑटोमोबाइल्स
  • रियल एस्टेट
  • सीमेंट
  • एफएमसीजी
  • हेल्थकेयर
  • एजुकेशन
  • एंटरटेनमेंट

ध्यान रखें कि आपको उन्हीं कंपनियों में निवेश करना है, जिनके फंडामेंटल्स अच्छे हों. हो सकता है कि पिछले कुछ हफ्तों या महीनों में उनका प्रदर्शन सेंसेक्स या निफ्टी के मुकाबले कमजोर रहा हो, लेकिन अगर उन पर कर्ज कम है, मैनेजमेंट मजबूत है और बिजनेस लगातार बढ़त दिखा रहा है, तो आप उन पर भरोसा कर सकते हैं. और हां, अगर बुल रन में हिस्सा लेना चाहते हैं, तो कम से कम 5-7 साल तक इन शेयरों को अपने पास रखिए. इंडिया ग्रोथ स्टोरी आपके इन्वेस्टमेंट ग्रोथ की गवाह बन जाएगी.

(इस एडमिशन सीजन में क्विंट ने कॉलेजों से जुड़े आपके सवालों के जवाब देने के लिए CollegeDekho.com के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया है. अपने सवाल eduqueries@thequint.com पर भेजें.)

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