इंटरनेशनल सॉफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के संस्थापक रहे नंदन नीलेकणि ने शुक्रवार को कहा कि जब तक कंपनी स्थिर नहीं हो जाती और अपने लक्ष्य को नहीं पा लेती, तब तक वो नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन के रूप में कंपनी के साथ जुड़े रहेंगे. 600 से ज्यादा इंवेस्टर्स को संबोधित करते हुए नीलेकणि ने कहा, "मेरी योजना यहां (कंपनी में) तब तक रहने की है, जब तक जरूरत हो और जब मेरी जरूरत यहां नहीं होगी, मैं नहीं रहूंगा."
मेरे पास करने के लिए यहां कई काम हैं. सीईओ को ढूंढने की प्रक्रिया पूरी करनी है, बोर्ड का पुनर्गठन करना है और कारोबार में स्थिरता लानी है. मैं यहां तब तक रहूंगा, जब तक जरूरत होगी और उतनी मेहनत करूंगा, जितनी इंफोसिस को सही रास्ते पर लाने के लिए जरूरी होगीनंदन नीलेकणि, नॉन एक्जिक्यूटिव चेयरमैन, इंफोसिस
नीलेकणि ने नारायणमूर्ति की तारीफ की
नंदन नीलेकणि ने अपने पुराने साथी एन आर नारायणमूर्ति की तारीफ करते हुए कहा कि उनकी अपनी एक विशिष्ट पहचान है और उन्होंने इस कंपनी को बहुत बेहतरीन तरीके से चलाया है. .
निलेकणि ने निवेशकों को कांफ्रेंस कॉल पर संबोधित करते हुए कहा कि वो पूरी कोशिश करेंगे कि इंफोसिस, नारायणमूर्ति और अन्य संस्थापकों के बीच संबंध अच्छे हों.
इंफोसिस में वापिस लौटने के लिए किसने अप्रोच किया?
नीलेकणि से जब एक पत्रकार ने सवाल किया कि कंपनी में वापिस आने के लिए उन्हें सबसे पहले किसने अप्रोच किया तो उन्होंने जवाब दिया कि ये बात अगर भविष्य में किसी नॉवल या किताब में सामने आएगी तो अच्छा होगा.
नीलेकणि 2002 मार्च से लेकर 2007 अप्रैल तक इंफोसिस के उपाध्यक्ष थे. उन्होंने आधार कार्ड का प्रमुख पद संभालने के लिए 2009 में इंफोसिस छोड़ दिया था. वे 2014 के मई तक (यूआईडीएआई) के अध्यक्ष रहे.
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