ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशन इंडिया के 'द इंडिया करप्शन सर्वे 2019' में कहा गया है कि बीते 12 महीनों में 51% भारतीयों ने घूस देकर अपना काम कराया है.
ये सर्वे दिल्ली, बिहार, हरियाणा और गुजरात समेत करीब 20 राज्यों में किया गया था. सर्वे की मानें, तो अब भी रिश्वत के लिए नकद का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जाता है.
करप्शन सर्वे में 248 जिलों के 1,90,000 लोगों से भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी को लेकर सवाल पूछा गया था. इस सर्वे में शामिल 51 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीने में एक बार रिश्वत जरूर दी है.
सर्वे ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल इंडिया ने किया था. यह एक गैर राजनीतिक, स्वतंत्र और गैर सरकारी भ्रष्टाचार रोधी संगठन है.
करप्शन में 10 फीसदी की गिरावट
'द इकनॉमिक टाइम्स' की खबर के मुताबित, भारत में पिछले साल के मुकाबले करप्शन के मामलों में 10 फीसदी की गिरावट आई है. इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया कि सरकारी कामकाज में घूस पर पिछले कुछ साल में थोड़ी लगाम लग गई है.
खास-खास बातें
- बीते 12 महीनों में 51 फीसदी भारतीयों ने घूस दिया
- 16 फीसदी भारतीयों ने बिना घूस दिए अपना काम निकलवाया
- सबसे ज्यादा घूस प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन और जमीन से जुड़े मामलों में दी जाती रही है
- सरकारी कामकाज में रिश्वतखोरी पर पिछले कुछ साल में थोड़ी लगाम लगी है
भारत की रैंकिंग में 3 अंकों का सुधार
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक, करप्शन इंडेक्स में भारत 41 अंकों के साथ दुनिया में 78वें नंबर पर है. पिछले कुछ वक्त में भारत ने इस मामले में तीन अंकों का सुधार किया है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने साल 2018 की करप्शन इंडेक्स रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में करप्शन के मामले में भारत, अर्जेंटीना, आइवरी कोस्ट और गुयाना जैसे देशों की स्थिति पहले से बेहतर हुई है.
पिछले साल भारत इस रिपोर्ट में 40 अंकों के साथ 81वें नंबर पर था. दुनियाभर के 180 देशों की सूची में भारत तीन स्थान के सुधार के साथ 78वें पायदान पर पहुंच गया है. करप्शन सूचकांक में चीन 87वें और पाकिस्तान 117वें स्थान पर है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)