देश में इन दिनों ऑटोमोबाइल और टेक्सटाइल इंडस्ट्री मंदी के दौर से गुजर रही है. धीमी अर्थव्यवस्था के चलते कई सेक्टर्स में छंटनी का दौर चलता है और लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोने की आशंका बनी रहती है. वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि पहले से कुछ उपाय अपनाकर अचानक आने वाली ऐसी मुसीबत और उससे होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है.
इमरजेंसी फंड बनाने के साथ-साथ एक्सीडेंट और हेल्थ इंश्योरेंस खरीदना भी एक तरीका है. फिर भी, ज्यादा खर्चे, घर या कार लोन की ईएमआई की वजह से कई बार बिना आय के तीन महीने तक घर चलाने के लिए पर्याप्त बचत करना मुश्किल हो जाता है. जब आपके पास कोई इमरजेंसी फंड न हो, तो ऐसी स्थिति से कैसे निपटें?
हम आपको ऐसे ही कुछ तरीकों के बारे में बता रहे हैं, जिन्हें अपनाकर आप उस दौरान कुछ राहत पा सकते हैं, जब तक आपको नई नौकरी नहीं मिल जाती.
'सेवरेंस पे' का इस्तेमाल करें
फॉर्मल सेक्टर के एम्प्लॉई को अगर बिना किसी नोटिस के अचानक नौकरी से निकाल दिया जाता है, तो इसके ऐवज में उन्हें 'सेवरेंस पे' यानी 'हर्जाना पैकेज' मांगने का अधिकार होता है. एम्प्लॉयर आमतौर पर रोजगार के अचानक नुकसान की भरपाई के लिए एम्प्लॉई को तीन महीने का वेतन अलग से देते हैं, लेकिन यह स्थिति कंपनियों में अलग-अलग तरह की हो सकती है.
इमरजेंसी फंड के अभाव में, हर्जाना पैकेज के तहत मिलने वाली रकम नौकरी जाने से पड़ने वाले वित्तीय बोझ को कम करता है. इसका इस्तेमाल समझदारी और जिम्मेदारी से करें.
जरूरी खर्चों की रकम को जमा कीजिए
अपने मासिक खर्च का जायजा लें और उसके मुताबिक खर्चों की रकम को जमा करके रखें. सर्टिफाइड फाइनैंशियल प्लानर और रूंगटा सिक्योरिटीज के फाउंडर हर्षवर्धन रूंगटा कहते हैं कि आपको अपने अहम खर्चों को कुछ मुख्य श्रेणियों में विभाजित करना चाहिए-
- सबसे पहले, उन चीजों के लिए पेमेंट करें जो आपके लिए सबसे ज्यादा जरूरी हैं, जैसे बिजली बिल और घर का किराया.
- दूसरा, किसी भी बकाया लोन या ईएमआई के भुगतान की राशि को अपनी प्राथमिकता पर रखें.
- अपने घर को चलाने के लिए बुनियादी खर्चों की एक अलग श्रेणी बनाई जा सकती है.
- और आखिर में, एक व्यवस्थित इन्वेस्टमेंट प्लान के लिए निवेश पर खर्च की जाने वाली रकम को ध्यान में रखें.
जब तक आपको नई नौकरी नहीं मिल जाती है, आप किसी भी तरह के नए निवेश को होल्ड पर रखें. इसके अलावा, किसी मेडिकल इमरजेंसी के लिए हेल्थ इंश्योरेंस खरीदें. रूंगटा बताते हैं. “आपको स्वास्थ्य बीमा खरीदने की जरूरत होगी ही. इसका कोई विकल्प नहीं है, क्योंकि अचानक नौकरी चले जाने पर आप मानसिक तौर पर ज्यादा कमजोर हो जाते हैं, इसलिए बीमार पड़ने का खतरा ज्यादा रहता है.”
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अपने बैंक से मदद लीजिए
अगर आपने बैंक से लोन ले रखा है तो अपने बैंक को उन्हें अपनी नौकरी चले जाने की स्थिति से अवगत कराएं, भले ही अगले कुछ महीनों के लिए ईएमआई भरने के लिए आपके पास पर्याप्त पैसे क्यों न हो. इससे ये फायदा होगा कि आप बैंक की नजर में अपनी सक्रियता साबित कर देंगे, जिससे आगे चलकर अगर आप कोई ईएमआई भरने से चूक भी जाते हैं, तो भी बैंक आपके ऊपर अपना भरोसा कायम रखेगा.
हाउजिंग लोन पर पेमेंट्स नॉन-नेगोशिएबल होते हैं, क्योंकि पूरा लोन चुकाए जाने तक घर पर लोन देने वाले बैंक का भी सामान रूप से अधिकार होता है. अगर रेपेमेन्ट्स बंद हो जाता है, तो लोन देने वाला बैंक बकाया वसूल करने के लिए घर पर कब्जा कर सकता है.
भारतीय स्टेट बैंक के प्रबंध निदेशक, रिटेल और डिजिटल बैंकिंग, पीके गुप्ता कहते हैं, "लोन लेने वाले को वित्तीय समस्या का सामना करने की स्थिति में ईएमआई भुगतान पर रोक लगाने या ईएमआई भुगतान को आसान बनाने के लिए नियम-कायदे मौजूद हैं. हालांकि, लोन लेने वाले के पास 'टॉप-अप लोन' लेने का विकल्प भी मौजूद है."
गुप्ता बताते है कि 'टॉप-अप लोन' घर में सुधार के लिए बैंक की ओर से दी जाने वाली एक सुविधा है, और इसे होम लोन में जोड़ा जा सकता है.
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'पिगी बैंक' को तोड़ने से बचें
'प्लान रुपी इन्वेस्टमेंट' सर्विसेस के फाउंडर अमोल जोशी कहते हैं कि अगर संभव हो तो, आपको अपने लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट को तोड़ने से बचना चाहिए. लेकिन अगर वाकई इसकी नौबत आ जाए, तो इसे करने का एक सही और व्यवस्थित तरीका है.
"सबसे पहले और सबसे अहम, आप अपनी रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट को तोड़ सकते हैं, क्योंकि जैसा कि हम जानते हैं कि ये निवेश टैक्स एफिशिएंट नहीं हैं. लंबी अवधि के निवेश को तोड़ने के बारे में मेरी दूसरी पसंद है डेब्ट म्यूचुअल फंड्स"
डेब्ट इंवेस्टमेंट्स अपने स्वभाव के अनुरूप आपके पोर्टफोलियो का सुरक्षित हिस्सा माना जाता है. वे आपको अस्थिरता के बिना एक स्थिर आय देने के लिए हैं, और आपातकालीन स्थिति में उनकस आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है.
जोशी के मुताबिक तीसरा ऑप्शन है स्टॉक पोर्टफोलियो. वे बताते हैं, “अगर आप शेयर बाजार में निवेश कर रहे हैं, तो आप अपनी इमरजेंसी फंड की जरूरतों के लिए इस पोर्टफोलियो में काट-छांट कर सकते हैं. इसके बाद, आप अपनी इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम्स को तोड़ने पर विचार कर सकते हैं.”
अपने खर्चों में कटौती करें
अचानक नौकरी चले जाने की स्थिति में कम से कम कुछ महीनों के लिए संसाधनों के गंभीर रूप से सीमित होने की संभावना रहती है. इसलिए अपने अपने खर्चों पर अंकुश लगाएं. सर्टिफाइड फाइनैंशियल प्लानर गौरव मशरुवाला एक कदम नीचे के तरीके का सुझाव देते हैं. वे कहते हैं कि अगर आपने ड्राइवर रखा है, तो खुद ड्राइव करने की आदत डालें, या कारपूल करें, या राइड एप्लिकेशन या पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करें.
“इसी तरह, जब मनोरंजन और बाहर खाने की बात आती है. तो आप ज्यादा महंगे रेस्तरां की बजाय अपनी आय और बचत के मुताबिक रेस्तरां को चुनें. अगर दोस्तों के साथ आउटिंग कर रहे हैं तो खर्चों को बराबर-बराबर आपस में बांट लें. मशरुवाला कहते हैं. "तो स्टेप-डाउन एक ऐसा तरीका है, जहां आप अपने आप को पूरी तरह से वंचित नहीं कर रहे हैं, लेकिन आप अपने खर्च को एक कदम नीचे ले जा रहे हैं."
(इनपुट : Bloomberg Quint)
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