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रिटायर्ड लोगों के लिए कमाऊ पेंशन स्कीम, इनकम टैक्स का झंझट नहीं

ज्यादातर सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम और बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट पर निर्भर रहते हैं

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रिटायर्ड लोगों के सामने अक्सर एक सवाल आता है कि वो किस बचत योजना में निवेश करें, जिससे उन्हें नियमित अंतराल पर आय होती रहे. इसके लिए बाजार में कई तरह की पेंशन स्कीमें हैं, लेकिन कई बार उन स्कीमों की शर्तों को समझ पाना बुजुर्गों के लिए आसान नहीं होता. ऐसे में वो ज्यादातर पारंपरिक बचत योजनाओं पर ही भरोसा करते हैं, जिनसे हर महीने या तीन महीने पर उन्हें पेंशन के रूप में ब्याज मिलता रहे.

इन बचत योजनाओं में सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम होती हैं या फिर बैंकों के फिक्स्ड डिपॉजिट. लेकिन पिछले कुछ महीनों में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें लगातार गिरती गई हैं, और इसलिए उनमें पैसे लगाए हुए बुजुर्गों को पहले से भी कम ब्याज मिल रहा है.

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क्या है प्रधानमंत्री वय वंदना योजना?

मौजूदा सरकार ने बुजुर्गों की इस समस्या के हल के लिए इस साल 4 मई से एक नई पेंशन स्कीम लॉन्च की थी. इसका नाम है प्रधानमंत्री वय वंदना योजना. ये स्कीम अगले साल 3 मई तक चलेगी और 60 साल या उससे ज्यादा की उम्र वाले लोग इसका फायदा उठा सकते हैं. इस स्कीम में उन्हें शुरुआत में एक रकम जमा करनी पड़ेगी और इसके बाद 10 साल तक उन्हें उनके तय किए गए समय पर पेंशन मिलती रहेगी. पहले देख लेते हैं इस योजना की खास बातें:-

  1. प्रधानमंत्री वय वंदना योजना आप सिर्फ एलआईसी से ले सकते हैं.
  2. इसमें हर महीने न्यूनतम पेंशन 1,000 रुपए और अधिकतम पेंशन 5,000 रुपए है.
  3. मासिक पेंशन के लिए कम से कम 1.5 लाख रुपए और अधिकतम 7.5 लाख रुपए निवेश कर सकते हैं.
  4. दस साल तक पेंशन चुकाने के बाद मूल रकम ग्राहक को वापस कर दी जाएगी.
  5. दस साल के दौरान पेंशनहोल्डर की मृत्यु होने पर उसके नॉमिनी को मूल रकम लौटाई जाएगी, और पेंशन बंद हो जाएगी.
  6. इस योजना में मिलने वाला पेंशन टैक्सेबल है और पेंशनहोल्डर के स्लैब के मुताबिक उसे टैक्स देना होगा.
  7. इस योजना में ब्याज की दर 8% निर्धारित है जो 10 साल तक लागू रहेगी.

कितनी फायदेमंद है प्रधानमंत्री वय वंदना योजना?

इस बात में कोई संदेह नहीं है कि बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट के मुकाबले प्रधानमंत्री वय वंदना योजना रिटायर्ड लोगों के लिए बेहतर है, क्योंकि एफडी में अब 7 फीसदी से ज्यादा ब्याज नहीं मिल रहा. लेकिन एक ऐसी स्कीम है जो बुजुर्गों के लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना से भी बेहतर साबित हो सकती है. ये है सिस्टैमिक विदड्रॉअल प्लान यानी एसडब्ल्यूपी.

तमाम म्यूचुअल फंड कंपनियां एसडब्ल्यूपी की सुविधा देती हैं. इसमें आप उसी तरह पैसे जमा कर देते हैं जैसे आप किसी एफडी में करते हैं. एसडब्ल्यूपी को आप अपनी पसंद के मुताबिक किसी इक्विटी म्यूचुअल फंड या डेट म्यूचुअल फंड से जोड़ सकते हैं. लेकिन अगर आप रिटायर्ड हैं और इक्विटी का जोखिम नहीं उठाना चाहते तो आप अपने सिस्टैमिक विदड्रॉअल प्लान को डेट म्यूचुअल फंड से जोड़िए. इसके तहत आप चाहें तो इस प्लान से हर महीने, 3 महीने, 6 महीने या 12 महीने पर एक तयशुदा रकम निकाल सकते हैं.

सिस्टैमिक विदड्रॉअल प्लान लेना क्यों है समझदारी भरा फैसला?

अब हम आपको बताते हैं कि ये योजना आपके लिए प्रधानमंत्री वय वंदना योजना या एफडी से बेहतर कैसे साबित होगी. मान लीजिए कि कोई रिटायर्ड व्यक्ति 10% के टैक्स स्लैब में है और वो 7.5 लाख रुपए निवेश कर सकता है. अगर वो इन पैसों को बैंक एफडी में निवेश करता है तो 7% के हिसाब से उसे सालाना ब्याज मिलेगा 56,250 रुपए. इस पर उसे 10% यानी 5,625 रुपए का टैक्स देना होगा. यानी उसकी वास्तविक कमाई होगी 50,625 रुपए.

यही पैसे अगर प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में लगाए जा रहे हैं तो उसे 8% के हिसाब से उसे सालाना ब्याज मिलेगा 60,000 रुपए. 10% टैक्स काटकर वास्तविक इनकम होगी 54,000 रुपए.

लेकिन अगर यही 7.5 लाख रुपए वो सिस्टैमिक विदड्रॉअल प्लान में लगाता है जो एक अच्छे डेट म्यूचुअल फंड से जुड़ा है तो उसे सालाना रिटर्न 8-10% मिलेगा. हम मान लेते हैं कि रिटर्न 8% है, जितना प्रधानमंत्री वय वंदना योजना में है. साल के अंत में उसे 8% के हिसाब से 60,000 रुपए का रिटर्न मिलेगा. म्यूचुअल फंड कंपनी उसे 60,000 रुपए के यूनिट बेचकर पैसे देगी. अगर साल की शुरुआत में यूनिट की एनएवी 10 रुपए थी तो वो साल के अंत में होगी 10.80 रुपए.

60,000 रुपए के लिए म्यूचुअल फंड कंपनी को बेचने होंगे 5,555 यूनिट. अब इनकम टैक्स देना होगा सिर्फ इन यूनिटों की बढ़ी हुई वैल्यू यानी शॉर्ट टर्म गेन पर. इस उदाहरण में शॉर्ट टर्म गेन है 5,555X0.80 यानी 4,444 रुपए. इस पर 10% टैक्स होगा 444 रुपए. और, उस व्यक्ति की वास्तविक कमाई हुई 60,000-444 यानी 59,556 रुपए. (देखें ग्राफिक्स)

ऊपर के उदाहरण से साफ है कि रिटायर्ड लोगों के लिए कम टैक्स पर बेहतर रिटर्न हासिल करने का तरीका है सिस्टैमिक विदड्रॉअल प्लान. अगर वो ये प्लान लंबी अवधि के लिए लेते हैं, तो टैक्स बचत और भी ज्यादा होगी. और, अगर कोई इक्विटी फंड से अपना सिस्टैमिक विदड्रॉअल प्लान जोड़ ले तो उसे ना सिर्फ टैक्स की बचत होगी, बल्कि उसके निवेशित रकम में ग्रोथ भी दिख सकती है.

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