फ्लिपकार्ट और अमेजन अगले 3 महीनों के लिए करीब 2 लाख लोगों को नौकरी पर रखेंगे. हालांकि ये नौकरी अस्थायी होगी लेकिन समझिए दिवाली के लिए जेब भरने का मौका है. पिछले साल त्यौहारों में इन दोनों कंपनियों ने करीब 60 हजार लोगों को ही ऐसी नौकरियां दी थीं.
दिवाली की शॉपिंग में मार्केट शेयर हथियाने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन ने पूरी ताकत झोंक दी है. ये बात अलग है कि इस चक्कर में फ्लिपकार्ट ने कमाई तो बढ़ा ली पर 3200 करोड़रुपए गंवा भी दिए. पर पहले फ्लिपकार्ट अकेली थी अब वो मजबूत वॉलमार्ट के पास है.
दोनों कंपनियों लोगों के मुताबिक इस साल अकेले फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट और अमेजन इन लोगों को सामान की डिलिवरी और दूसरे बैकहैंड कामों के लिए ऱखेंगी. मतलब जिनको शॉर्ट टर्म में जेब खर्च चाहिए उनके लिए बड़े मौके आने वाले हैं.
ई-कॉमर्स कंपनियों की तरफ से दी जाने वाली नौकरियों की तादाद पिछले साल के मुकाबले 65 परसेंट ज्यादा है. इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल फ्लिपकार्टके पास इतना पैसा नहीं था पर अब वॉलमार्ट उसकी तरफ से खड़ा है. अमेरिकी बाजार के कंपिटीटर अमेजन से वो दो-दो हाथ करने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहता.
क्या क्या नौकरियां मिलेंगी
- डिलिवरी बॉय
- वेयरहाउस मैनेजर
- स्टोर कीपर
- पैकेजिंग स्टाफ
जानकारों के मुताबिक फ्लिपकार्ट के पास कैश की कमी नहीं है और अमेजन किसी भी कीमत में नंबर वन की जगह छोड़ने को तैयार नहीं. इसलिए नुकसान के बावजूद दोनों अपने खर्च कम नहीं कर रहे हैं.
अस्थायी नौकरी क्यों देती हैं कंपनियां
ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए टेम्पररी नौकरियां देने में फायदा ज्यादा है. त्यौहारों में उनके पास काम की कमी नहीं होती पर साल में कई बार ऐसा वक्त आता है जब बिजनेस नहीं होता.
अरबों डॉलर का ई-कॉमर्स बिजनेस
भारत में बिजनेस सालाना 21 परसेंट की रफ्तार से बढ़ रहा है और अनुमान है कि अगले दशक तक ये 202 अरब डॉलर का हो जाएगा. तगड़े कंपिटीशन की वजह से कोई भी कंपनी रिस्क नहीं लेना चाहती. इसलिए भी ग्राहकों को पूरी संतुष्टि देने के लिए फ्लिपकार्ट और अमेजन ने आउटसोर्स करने के बजाए नए लोगों को हायर करने का फैसला किया है.
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