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जेल जाने से बच गए अनिल अंबानी,एरिक्सन के 458 करोड़ रुपये चुकाए 

एरिक्सन के 458 करोड़ चुका कर जेल जाने से बचे अनिल अंबानी

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अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन ने एरिक्सन इंडिया के 458.77 करोड़ रुपये चुका दिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अगर रिलायंस कम्यूनिकेशन ने एरिक्सन इंडिया के 500 करोड़ रुपये नहीं चुकाए तो अनिल और कंपनी के दो डायरेक्टरों को जेल जाना पड़ सकता है. एरिक्सन के 550 करोड़ रुपये न चुकाने की वजह से अनिल अंबानी के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला चला था.

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अब अनिल अंबानी की तरफ से एक बयान जारी किया गया है और मुकेश अंबानी को शुक्रिया कहा गया है.

  इस मुश्किल समय में मेरे साथ खड़े रहने और परिवार का सपोर्ट देने के लिए मैं अपने भाई मुकेश और उनकी पत्नी नीता का शुक्रिया करना चाहता हूं. मैं और मेरा परिवार आभारी है कि हम इससे आगे बढ़ गए हैं.
अनिल अंबानी, रिलायंस कम्यूनिकेशन

चार हफ्ते में बकाया चुकाने का मिला था आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने 20 फरवरी को रिलायंस कम्यूनिकेशन को अदालत की अवमानना का दोषी ठहराया था और चार हफ्ते के भीतर अंबानी और उसके दो डायरेक्टरों को 453 करोड़ रुपये अदा करने को कहा था.

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सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा था कि रकम नहीं दे पाए तो अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के दो निदेशकों तीन महीने के लिए जेल चले जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के दो निदेशकों पर एक-एक करोड़ रुपये का जुर्माना भी लगाया था .एरिक्सन  की ओर से वकील दुष्यंत दवे ने कहा था कि रिलायंस कम्यूनिकेशन बगैर किसी शर्त के यह रकम अदा करे.

अंबानी की ओर से पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा था कि 550 करोड़ रुपये की अदायगी शर्त के साथ बंधी थी. इसके मुताबिक रिलायंस कम्यूनिकेशन की संपत्ति रिलायंस जियो इन्फोकॉम पर बेचने के बाद ही एरिक्सन को यह पैसा मिलेगा.

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क्या था रिलायंस-एरिक्सन मामला ?

एरिक्सन रिलायंस कम्यूनिकेशन की वेंडर थी. कंपनी ने पिछले साल अक्टूबर में रिलायंस के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दायर किया था. एरिक्सन का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद रिलायंस कम्यूनिकेशन इसके 550 करोड़ का बकाया नहीं अदा कर रही है. अदालत ने रकम अदा करने के लिए सितंबर तक का वक्त दिया था. दिसंबर में सुप्रीम कोर्ट ने अनिल अंबानी की कंपनी की ओर से और वक्त दिए जाने की मांग खारिज कर दी थी.

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अनिल अंबानी पर जान-बूझ कर पैसा न देने का लगा था आरोप

एरिक्सन का कहना था कि अनिल अंबानी और रिलायंस कम्यूनिकेशन का इरादा शुरू से इसका पैसा देने का नहीं था. पहले दिन से ही कंपनी अदालत के आदेश की अवहेलना कर रही थी. एरिक्सन के वकील ने कहा कि उनके मुवक्किल की कंपनी ने रिलायंस पर विश्वास किया था. लेकिन कुछ लोग सोचते हैं वे देश के विशिष्ट लोग हैं और अदालत को बेवकूफ बना लेंगे.

अंबानी की ओर से पक्ष रखते हुए मुकुल रोहतगी ने कहा था कि 550 करोड़ रुपये की अदायगी शर्त के साथ बंधी थी. इसके मुताबिक रिलायंस कम्यूनिकेशन की संपत्ति रिलायंस जियो इन्फोकॉम पर बेचने के बाद ही एरिक्सन को यह पैसा मिलेगा.

इनपुट : पीटीआई

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