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Budget 2021: चार दिग्गजों के बिग बजट आइडिया, क्विंट Exclusive

क्विंट हिंदी ने बात की इकनॉमी और शेयर बाजार के चार दिग्गजों से

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1 फरवरी को वित्त मंत्री केंद्रीय बजट 2021 पेश करेंगी. कोरोना वायरस संकट के बाद ये सरकार का पहला बजट है, ऐसे में उम्मीदों की बहार हैं. वैसे तो सरकार का हर साल का रोना रहता है कि आमदनी अठन्नी और खर्चा रुपैया, लेकिन कोरोना की वजह से जेब और ज्यादा ढीली है. तो इन परिस्थितियों में सरकार क्या करे कि सांप भी मर जाए और लाठी भी ना टूटे. मतलब सरकार के पास टैक्स के रूप में पैसा भी इकट्ठा हो जाए और आम लोगों पर इसका असर भी ना हो. इसी को लेकर क्विंट हिंदी ने बात की इकनॉमी और शेयर बाजार के चार दिग्गजों से.

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नीलेश शाह- प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य

क्या हैं वो बिग बजट आइडिया जो हमारी इकनॉमी को पटरी पर ला सकते हैं और रोजगार के मौके बढ़ा सकते हैं? इसे प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद के सदस्य और कोटक महिंद्रा असेट मैनेजमेंट कंपनी के एमडी नीलेश शाह से जानने की कोशिश की क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने.

नीलेश का कहना है कि अगर इकनॉमी को बूस्ट देना है तो सबसे पहले और सबसे बड़ा बूस्टर डोज चाहिए रियल्टी सेक्टर को. घर खरीदारों को घर खरीदने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए. ये करेंगे तो सीमेंट, स्टील जैसे कई और उद्योग तेजी पकड़ेंगे.

प्रांजुल भंडारी- चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट, HSBC सिक्योरिटीज इंडिया

2020 में बिना किसी खास सरकारी मदद के लिए इकनॉमी ने रफ्तार पकड़ी लेकिन अगर अब इस रफ्तार को जारी रखना है तो सरकार को अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी. और ये रोल निभाने का मौका है बजट 2021. ये कहना है भारत की सबसे प्रतिभाशाली युवा अर्थशास्त्रियों में से एक प्रांजुल भंडारी का. जो HSBC सिक्योरिटीज इंडिया की चीफ इंडिया इकनॉमिस्ट हैं. भंडारी से बात की क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने.

भंडारी का कहना है कि बड़े आर्थिक राहत पैकेज की उम्मीद कम है, क्योंकि इसके लिए स्पेस भी नहीं है. लेकिन सरकार को कुछ चीजों पर जमकर खर्च करना चाहिए-जैसे मनरेगा, किसान कल्याण, वैक्सीनेशन और बैंकों की हालत सुधारने पर. लेकिन इसके साथ ही सरकार को वित्तीय घाटे को काबू में रखना चाहिए. और ये संभव भी है क्योंकि आमदनी बढ़ा सकते हैं. किस्मत से टैक्स कलेक्शन अच्छा है, विनिवेश के जरिए आमदनी और बढ़ा सकते हैं.
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सौरभ मुखर्जी- चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर, मार्सेलस, इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स

बजट, इकनॉमी और शेयर बाजार को लेकर कम ही लोग इतने उम्मीदों से भरे हैं. मार्सेलस, इन्वेस्टमेंट मैनेजर्स के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर सौरभ मुखर्जी का कहना है कि वित्त मंत्री महामारी के दौरान ही चौके-छक्के लगा चुकी हैं अब उन्हें एक-दो रन के स्ट्रोक लगाने हैं. बजट, बाजार और इकनॉमी की दिशा के बारे में मुखर्जी से बात की क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने.

मुखर्जी का मानना है कि महामारी के समय की महा मंदी के बाद अब हमारी इकनॉमी में रिकवरी है लेकिन क्या ये रिकवरी जारी रहेगी और क्या ये चारों तरफ है. इस सवाल के जवाब में मुखर्जी कहते हैं कि रिकवरी क्यों है ये साफ है. लॉकडाउन के बाद बाउंसबैक है. डिमांड बढ़ी है. असमंजस की स्थिति खत्म होने से भी फायदा हुआ है.
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रामदेव अग्रवाल- को-फाउंडर, चेयरपर्सन, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज

दिग्गज निवेशक और मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर, चेयरपर्सन रामदेव अग्रवाल से क्विंट के एडिटोरियल डायरेक्टर संजय पुगलिया ने खास बातचीत की. जिसमें बाजार की तेजी और आने वाले बजट को लेकर उम्मीदों के बारे में विस्तार से चर्चा हुई.

रामदेव का कहना है कि शेयर बाजार के रुख के बारे में कोई अनुमान नहीं लगाया जा सकता. 50 हजार का इंडेक्स इतना बड़ा नहीं है जितना हौव्वा बना दिया गया है. मैं जब बाजार में आया तब 100 का इंडेक्स था. मेरे सामने 500 गुना बढ़ा है. ये हमेशा ऊपर नीचे होते रहता है. नए निवेशकों को डरने की जरूरत नहीं है. निवेश करना जारी रखें.

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