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Budget 2024: कैसे मिलेगी 300 यूनिट फ्री बिजली, सोलर एनर्जी पर सरकार का क्या प्लान?

Interim Budget 2024: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हरित विकास और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए क्या उपाय बताए?

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नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतरिम बजट (Interim Bedget 2024) पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को सौर ऊर्जा के संबंध में भी कुछ बाते कही हैं. उन्होंने ऐलान किया कि सरकार द्वारा लॉन्च की गई रूफटॉप सोलर स्कीम का लाभ उठाने वाले लोग हर महीने 300 यूनिट फ्री बिजली के हकदार होंगे और उन्हें सालाना 18 हजार रुपये तक बचाने में मदद मिलेगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी को अयोध्या से लौटने के तुरंत बाद 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' का ऐलान किया था. हालांकि, इस दौरान टारगेट हासिल करने की कोई समय सीमा नहीं बताई थी.

अंतरिम बजट स्पीच में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा...

यह योजना घर पर चार्जिंग स्टेशन उपलब्ध कराकर इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) को अपनाने में भी मदद करेगी. इस योजना से आपूर्ति, स्थापना और रखरखाव में उद्यमशीलता और रोजगार के अवसर मिलने की भी उम्मीद है.

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को हरित विकास और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए छत पर सौर ऊर्जीकरण सहित कई उपायों का ऐलान किया.

उन्होंने कहा कि यह योजना अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के ऐतिहासिक दिन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प का पालन करती है. इसके परिणामस्वरूप फ्री सौर बिजली और वितरण कंपनियों को अधिशेष (Surplus) बेचने से परिवारों को सालाना 15 से 18 हजार रुपये की बचत होगी.

"बड़ी संख्या में विक्रेताओं को आपूर्ति और स्थापना के लिए एंटरप्रेन्योरशिप के मौके देने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की एक योजना शुरू की जाएगी. योजना से विनिर्माण, स्थापना और रखरखाव में तकनीकी कौशल वाले युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे."
निर्मला सीतारमण, केंद्रीय वित्त मंत्री
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  • 2070 तक 'नेट-जीरो' की प्रतिबद्धता को पूरा करने के उद्देश्य से, वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट 2024-25 के हिस्से के रूप में प्रस्तावित किया.

  • एक गीगा-वॉट की प्रारंभिक क्षमता के लिए अपतटीय पवन ऊर्जा क्षमता के दोहन के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि प्रदान की जाएगी.

  • 2030 तक 100 मीट्रिक टन की कोयला गैसीकरण और द्रवीकरण क्षमता स्थापित की जाएगी. इससे प्राकृतिक गैस, मेथनॉल और अमोनिया के आयात को कम करने में भी मदद मिलेगी.

  • परिवहन के लिए सीएनजी (Compressed Natural Gas) और घरेलू उद्देश्यों के लिए पीएनजी (Piped Natural Gas) में सीबीजी (Compressed Bio Gas) का स्टेप बाय स्टेप मिक्सिंग जरूरी किया जाएगा.

  • स्टोरेज में सहायता के लिए बायोमास एकत्रीकरण मशीनरी की खरीद के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी.

'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' क्या है?

केंद्र सरकार लॉन्च की गई इस योजना के तहत उपभोक्ताओं के लिए छतों पर सोलर एनर्जी सिस्टम स्थापित करना शामिल होगा.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना लॉन्च करते वक्त कहा था कि हमारी सरकार 1 करोड़ घरों में रूफटॉप सोलर लगाने के टारगेट के साथ 'प्रधानमंत्री सूर्योदय योजना' शुरू करेगी.

यह योजना न केवल "गरीबों और मध्यम वर्ग" के बिजली बिल को कम करने में मदद करेगी, बल्कि एनर्जी सेक्टर में भारत के आत्मनिर्भर बनने के लक्ष्य को भी आगे बढ़ाएगी.
नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री
दरअसल, सरकार धीरे-धीरे बायो फ्यूल यानी पेट्रोल-डीजल की खपत को कम करना चाहती है. इसी के मद्देनजर सरकार रिन्यूएबल एनर्जी को बढ़ावा दे रही है. भारत ने साल 2030 तक 500 GW रिन्यूएबल एनर्जी के उत्पादन का लक्ष्य भी रखा है. ऐसे में सोलर पैनल या सोलर एनर्जी इस टारगेट को पूरा करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं.
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मौजूदा वक्त में भारत की सोलर क्षमता क्या है?

Ministry of New and Renewable Energy की वेबसाइट के मुताबिक दिसंबर 2023 तक भारत में सौर ऊर्जा स्थापित करने की क्षमता करीब 73.31 गीगावॉट तक पहुंच गई है. इस बीच, दिसंबर 2023 तक छत पर सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता लगभग 11.08 गीगावॉट है.

  • सौर क्षमता के मामले में राजस्थान 18.7 गीगावॉट के साथ टॉप पर है. गुजरात 10.5 गीगावॉट के साथ दूसरे स्थान पर है.

  • अगर घरों की छतों सोलर सिस्टम लगाते की बात की जाए तो, गुजरात 2.8 गीगावॉट के साथ लिस्ट में सबसे ऊपर है, इसके बाद महाराष्ट्र 1.7 गीगावॉट के साथ दूसरे पायदान पर है.

  • विशेष रूप से, देश की मौजूदा नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में सोलर एनर्जी की बड़ी हिस्सेदारी है, जो लगभग 180 गीगावॉट है.

  • CEEW की एक रिपोर्ट से पता चला है कि देश भर में लगभग 25 करोड़ घरों की छतों पर 637 गीगावॉट सौर ऊर्जा लगाने की क्षमता है. हालांकि इसे पूरी तरह से उपयोग करना अवास्तविक होगा. इसमें कहा गया है कि इस क्षमता का पांचवां हिस्सा, करीब 118 गीगावॉट क्षमता, निश्चित तौर पर मुमकिन है.

  • भारत की स्थापित रूफटॉप सोलर क्षमता में अब तक परिवारों की हिस्सेदारी एक छोटा हिस्सा, करीब 20 फीसदी है, जिसमें से ज्यादातर कॉमर्शियल और इंडस्ट्रियल सेक्टर्स में है.

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