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भ्रष्टाचार मामले में 21 टैक्‍स अधिकारी जबरन रिटायर किए गए

रिश्वत लेने के लिए इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया था

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केंद्र सरकार ने भ्रष्टाचार और इस तरह के अन्य मामलों में शामिल 21 आयकर अधिकारियों को जबरन रिटायर किए जाने का आदेश दिया है. सरकार ने ये कदम भ्रष्‍टाचार‍ पर लगाम कसने की मुहिम के तहत उठाया है.

'इकनॉमिक टाइम्‍स' ने इस बारे में रिपोर्ट छापी है. इसमें सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि रिश्वत लेने के लिए इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग किया था, जिसे बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो ने उजागर किया था.

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अब तक 85 अधिकारी हटाए गए

इन अधिकारियों पर भ्रष्टाचार और इसी तरह के आरोप थे.

इस साल जून से लेकर अब तक कुल 85 अधिकारियों को सेवा से हटाया गया है, इनमें से 64 उच्च पदस्थ अधिकारी थे, जिनमें से 12 आयकर विभाग के थे.

ऐसा ही एक फैसला जून महीने में लिया गया था. तब हाई रैंक वाले भारतीय राजस्व सेवा के 27 अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया गया था. इनमें केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के 12 अधिकारी शामिल थे. इभ्रष्टाचार मामले में नका नाम आने के बाद यह फैसला लिया गया था.

प्रधानमंत्री ने की थी पहल

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को दिए अपने संबोधन में भी भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम की बात कही थी.

एक अखबार को दिए अपने इंटरव्यू में मोदी ने कहा था:

“कुछ काले भेड़ बनकर प्रशासन में अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर रहे हैं और करदाताओं को परेशान किया जाता रहा है. ऐसे अधिकारियों पर हम कार्रवाई कर उन्हें सजा देंगे.”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 

बता दें कि इस साल की शुरुआत में सीबीडीटी के 12 अधिकारियों सहित 49 ऊंची रैंकिंग वाले टैक्‍स अधिकारी जबरन रिटायर किए गए थे.

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