ADVERTISEMENTREMOVE AD

ऑटो सेक्टर में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट, 15000 ने गंवाई नौकरी

यात्री कारों की घरेलू बिक्री में लगातार नौवें महीने गिरावट

छोटा
मध्यम
बड़ा

ऑटो सेक्टर में मंदी छाई हुई है. कारों की बिक्री में 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी है. इसके चलते ऑटो सेक्टर में 15,000 लोग अपनी नौकरी गंवा चुके हैं और 10 लाख से ज्यादा नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.

सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटो मोबाइल मैन्यूफेचर्स (SIAM) की 13 अगस्त को जारी रिपोर्ट के मुताबिक, देश में कुल कार बिक्री जुलाई में 18.71 फीसदी गिरकर 18,25,148 रही जो जुलाई 2018 में 22,45,223 थी. ये दिसंबर 2000 के बाद कार बिक्री में आयी सबसे बड़ी गिरावट है. उस दौरान कार बाजार में 21.81 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

यात्री कारों की घरेलू बिक्री में लगातार नौवें महीने गिरावट

इसी तरह जुलाई में पैसेंजर कारों की बिक्री में भी करीब 19 साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी गयी है. ये गिरावट लगातार नौवें महीने में दर्ज की गई है. इस दौरान पैसेंजर कारों की बिक्री 30.98 फीसदी घटकर 2,00,790 कार रही है जो जुलाई 2018 में 2,90,931 कार थी. इससे पहले दिसंबर 2000 में पैसेंजर कारों की बिक्री में 35.22 फीसदी की गिरावट दर्ज की गयी थी.

SIAM के मुताबिक, घरेलू बाजार में कार की बिक्री 35.95 फीसदी टूटकर 1,22,956 कार रही. जुलाई 2018 में 1,91,979 कार थी. इसी तरह मोटरसाइकिल की घरेलू बिक्री पिछले महीने 9,33,996 यूनिट्स रही जो जुलाई 2018 की 11,51,324 यूनिट्स बिक्री के मुकाबले 18.88 फीसदी कम है.

जुलाई में दोपहिया कारों की कुल बिक्री 15,11,692 कार रही. जुलाई 2018 में ये आंकड़ा 16.82 फीसदी ज्यादा यानी 18,17,406 कार था. कॉमर्शियल कारों की बिक्री में भी गिरावट देखी गयी है. ये 25.71 फीसदी घटकर 56,866 कार रही जो पिछले साल जुलाई में 76,545 कार थी.

यात्री कारों की घरेलू बिक्री में लगातार नौवें महीने गिरावट
गिरती बिक्री के कारण करीब 300 डीलर अपने स्टोर बंद करने पर मजबूर हैं
(फोटो: IANS)

'राहत पैकेज लेकर आना चाहिए'

SIAM के महानिदेशक विष्ण माथुर ने कहा, ‘‘आंकड़े दिखाते हैं कि सरकार से राहत पैकेज की कितनी जरूरत है. तत्काल कुछ किए जाने की जरूरत है. इंडस्ट्री बिक्री बढ़ाने के लिए जो कर सकता है, कर रहा है. मेरा कहना है कि यही समय है जब इंडस्ट्री को सरकार से मदद की जरूरत है. उसे राहत पैकेज लेकर आना चाहिए.’’

ऑटो सेक्टर को वापस तेजी पर लाने और बिक्री में गिरावट को रोकने के लिए राहत पैकेज की बहुत जरूरत है. कार बनाने वाली कंपनियों में पिछले दो से तीन महीनों में करीब 15,000 नौकरियां जा चुकी हैं. इसमें ज्यादातर नौकरियां अस्थायी कर्मचारियों की थीं. इसके अलावा ऑटो पार्ट मैन्युफैक्चरर सेक्टर में 10 लाख से ज्यादा नौकरियों पर खतरा मंडरा रहा है.
विष्ण माथुर, महानिदेशक, सियाम

ऑटो सेक्टर में मंदी, GDP पर भी संकट

माथुर ने कहा कि गिरती बिक्री के कारण करीब 300 डीलर अपने स्टोर बंद करने पर मजबूर हैं. जिसके चलते करीब दो लाख नौकरियां जा सकती हैं. ऑटो सेक्टर में मंदी के बारे में माथुर ने कहा कि इससे पहले ऐसा दौर 2008-09 और 2013-14 के दौरान देखा था.

ऑटो सेक्टर ने सरकार से कारों पर जीएसटी दरों में कटौती करने और पुरानी कारों को कबाड़ में भेजने की पॉलिसी लाने के लिए कहा है. साथ ही सरकार से गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन फीस में बढ़ोतरी को भी फिलहाल टालने के लिए कहा गया है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD
अगर ऑटो सेक्टर नीचे जाएगा तो जीडीपी भी गिरेगा. जीडीपी में ऑटो सेक्टर का योगदान लगभग आधे के बराबर है. इस सेक्टर में डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तौर पर 3.7 करोड़ लोगों को रोजगार मिला है.
विष्ण माथुर, महानिदेशक, SIAM

पैसेंजर व्हीकल कैटेगरी में देश की सबसे बड़ी कार कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया की बिक्री जुलाई में 36.71 फीसदी गिरकर 96,478 कार रही है. हुंडई की बिक्री 10.28 फीसदी की गिरावट के साथ 39,010 यूनिट्स रही. टू व्हीकल कैटेगरी की सबसे बड़ी कंपनी हीरो मोटो कॉर्प की बिक्री भी जुलाई में 22.9 फीसदी गिरकर 5,11,374 गाड़ियां रही हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×