रिटायरमेंट की उम्र 70 साल हो सकती है. इकोनॉमिक सर्वे ने कहा है कि भारत में औसत उम्र बढ़ने की वजह से भविष्य में रिटायरमेंट की उम्र बढ़ सकती है.संसद में पेश 2019 के आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि 2031-41 के दौरान भारत की आबादी 0.5 फीसदी बढ़ेगी. देश में प्रजनन दर में कमी और औसत उम्र में बढ़ोतरी की वजह से रिटायरमेंट की उम्र में शायद बढ़ोतरी हो सकती है. इस चेंज की ओर काफी पहले से इशारा करना जरूरी है ताकि वर्क फोर्स इसके लिए तैयार हो सके.
कुछ देश रिटायरमेंट एज बढ़ा चुके हैं, भारत भी ऐसा कर सकता है
सर्वे में कहा गया है देश में ये ट्रेंड पेंशन और अन्य रिटायरमेंट सुविधाओं की एडवांस प्लानिंग में भी मदद दे सकते हैं.भारत में पुरुष और महिलाओं की औसत उम्र बढ़ने की गुंजाइश लगातार बनी हुई है. इसलिए आगे चल कर अन्य देशों की तरह यहां भी रिटायरमेंट की उम्र बढ़ाने पर विचार हो सकता है. उम्रदराज हो रही आबादी और पेंशन फंडों पर बढ़ रहे दबाव की वजह से कई देशों ने रिटायरमेंट की उम्र को बढ़ाना शुरू कर दिया है.
सर्वे के मुताबिक भारत में आबादी की प्रोफाइल को देखते हुए यहां अगले दो दशक में आबादी में कमी दर्ज की जाएगी. यहां 2021-31 के बीच आबादी 0.5 और 20131-41 के दौरान 1 फीसदी के हिसाब से ही बढ़ेगी.
आबादी में बदलाव के नए दौर में भारत
संसद में पेश किए आर्थिक सर्वे में कहा गया है कि भारत आबादी में बदलाव के अगले दौर में प्रवेश कर गया है. अगले दो दशक में भारत की कामकाजी आबादी भी बढ़ेगी. हालांकि अगले कुछ सालों तक देश को युवा आबादी का फायदा मिलता रहेगा. 2030 तक कुछ राज्यों में ज्यादा उम्र वाली आबादी की हिस्सेदारी अधिक होगी.
सर्वे के मुताबिक एक आश्चर्यजनक पहलू यह है कि पूरे देश में प्रजनन दर में कमी के बावजूद शून्य से 19 साल की उम्र के दायरे में जनसंख्या बढ़ी है. इसके मुताबिक 2021-31 के दौरान हर साल कामकाज आबादी 97 लाख के हिसाब से बढ़ेगी. 2031-41 के बीच यह आबादी हर साल 42 लाख के हिसाब से बढ़ेगी इसके मुताबिक 2021-31 के दौरान हर साल कामकाज आबादी 97 लाख के हिसाब से बढ़ेगी. 2031-41 के बीच यह आबादी हर साल 42 लाख के हिसाब से बढ़ेगी
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