सरकार के एक फैसले ने ओएनजीसी की दुविधा बढ़ा दी है. सरकार चाहती है कि ओएनजीसी अहमदाबाद और बड़ोदरा में अपने दो गोल्फ कोर्स बेच दे. लेकिन इस निर्देश से ओएनजीसी पसोपेश में है क्योंकि इनमें से एक में तेल के दो कुएं हैं. अब जो भी ये भी गोल्फ कोर्स खरीदेंगे उन्हें ये दो कुएं मिल सकते हैं.
डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक असेट मैनेजमेंट यानी DIPAM के मुताबिक ओएनजीसी के गोल्फ कोर्स और स्पोटर्स क्लब नॉन कोर एसेट हैं. विभाग चाहता है कि ओएनजीसी इन्हें बेच कर फंड जुटाए. सरकार ने पब्लिक सेक्टर की कंपनी ओएनजीसी से देश भर में उसके 18 होल गोल्फ कोर्स बेचने को कहा था. कंपनी के अधिकारियों के गोल्फ खेलने और बिजनेस पार्टनर्स की मेहमाननवाजी के लिए इनका लंबे समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है.
अधिकारियों ने कहा, गलत फैसला
कुछ दिनों पहले DIPAM ने सरकारी विभागों और सेंट्रल पब्लिक सेक्टर एंटरप्राइजेज के लैंड बैंक और दूसरे 'नॉन-कोर' ऐसेट्स का पता लगाने की पहल की थी. इसमें बेचने के लिए अहमदाबाद और वड़ोदरा ओएनजीसी के दो गोल्फ कोर्स की पहचान की गई. हालांकि कंपनी के कुछ अधिकारियों का कहना है कि कंपनी को इसे नहीं बेचना चाहिए,
अधिकारियों ने बताया कि इस जमीन को सीधे बेचा जा सकता है या फिर किसी साझीदार के साथ डेवलप किया जा सकता है. ओएनजीसी के गोल्फ कोर्स और बीपीसीएल का स्पोर्ट्स क्लब बड़े क्षेत्र में बने हुए हैं. इसलिए यहां बड़े रियल एस्टेट प्रॉजेक्ट्स डेवलप करने की संभावना है.
उनका कहना है कि सरकार इसे रियल एस्टेट की तरह देख रही है. लेकिन इससे कंपनी को अपने यहां टैलेंट को बनाए रखने में मदद मिलती है. नॉन-कोर एसेटस की पहचान का काम सरकारी कंपनियों के बोर्ड पर छोड़ा जाना चाहिए.
बहरहाल सरकार नअपने विनिवेश प्रोग्राम के तहत बड़ी सार्वजनिक कंपनियों के नॉन कोर एसेट बेचने पर जोर डाल रही है. इस बार के बजट में सरकार ने अपने विनिवेश प्रोग्राम का ऐलान किया है.
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