ईरान से तेल आयात पर लगने वाली पाबंदी की काट भारत ने निकाल ली है. भारत अब सऊदी अरब कुवैत, यूएई और मेक्सिको से तेल मंगाएगा. सरकार के एक आला अफसर के मुताबिक भारत ईरान से तेल मंगाने पर लगे प्रतिबंध से मिली छूट को और आगे बढ़ाने के लिए अमेरिका पर दबाव बनाएगा लेकिन जरूरी नहीं कि वह इसमें सफल रहे. ऐसे में भारत ने वैकल्पिक इंतजाम पक्का कर लिया है.
पेट्रोलियम मंत्री ने कहा,भारत का इंतजाम पक्का
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर कहा है कि भारतीय रिफाइनरियों के लिए तेल का इंतजाम करने की ठोस तैयारी है. भारत तेल निर्यातक दूसरे देशों से अतिरिक्त तेल मंगाएगा. भारत में पेट्रोल, डीजल और दूसरे पेट्रोलियम प्रोडक्ट की कोई कमी नही होगी. ऑयल मिनिस्ट्री के एक बयान में भी कहा गया है कि 2 मई के बाद अमेरिकी प्रतिबंध से छूट खत्म होने जाने के बाद देश में तेल की सप्लाई का पुख्ता इंतजाम है.
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के चेयरमैन संजीव सिंह ने कहा कि भारतीय रिफाइनरियों में कई अलग-अलग देशों से तेल आता है. कंपनी पिछले कुछ कंपनियों से वैकल्पिक इंतजाम में लगी हैं. अमेरिकी प्रतिबंध से छूट के लिए भारत ईरान से एक महीने में अपनी तेल खरीद दो करोड़ टन तक सीमित करने को राजी हो गया था. लेकिन नवंबर 2018 से पहले ही भारत की खरीद चौबीस लाख टन तेल का आयात कर चुका था. 2017-18 में भारत ने ईरान से दो करोड़ 26 लाख टन तेल खरीदा था.
अमेरिका से छूट बढ़वाने की कोशिश करेगा भारत
बहरहाल, भारत की कोशिश रहेगी कि वह अमेरिका से छूट की अवधि और बढ़वा ले. लेकिन ऐसा मुश्किल लगता है. कांग्रेस ने मोदी सरकार पर 2 मई को छूट की डेडलाइन खत्म होने से पहले इसे रीन्यू न कराने में नाकाम रहने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने तेल कंपनियों से कहा है कि वह 23 मई तक पेट्रोल-डीजल के दाम न बढ़ाएं. सरकार को डर है कि लोग इससे भड़क जाएंगे और बीजेपी को वोट नहीं मिलेंगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2015 में ईरान और दुनिया के ताकतवर देशों साथ हुए न्यूक्लियर समझौते को रद्द कर दिया था. साथ ही ईरान पर दोबारा प्रतिबंध लगा दिए थे. हालांकि भारत, चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ताइवान, तुर्की, इटली और ग्रीस को इस शर्त के साथ ईरान से तेल खरीदने की छूट दे दी थी कि वह खरीद धीरे-धीरे घटा लेंगे. यह छूट नवंबर 2018 में शुरू हुई थी. छूट 2 मई को खत्म हो जाएगी.
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