रेटिंग एजेंसी मू़डीज ने भारत की विकास दर अनुमान घटा दिया है. मूडीज इनवेस्टर्स सर्विसेज ने 2018 में भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर का अनुमान 7.5 फीसदी से घटा कर 7.3 फीसदी कर दिया है. एजेंसी ने कहा है कि इकनॉमी में रिकवरी के रास्ते पर है लेकिन पेट्रोल-डीजल महंगा होने और मुश्किल वित्तीय हालात की वजह से इसकी रफ्तार घट जाएगी. वैसे 2019 में अर्थव्यवस्था में 7.5 फीसदी की बढ़ोतरी हो सकती है.
ग्रामीण अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ने का फायदा मिलेगा
ग्लोबल मैक्रो आउटलुक 2018-19 की रिपोर्ट में मूडीज ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था को ग्रामीण इलाकों में उपभोग बढ़ने का फायदा मिलेगा. सामान्य मानसून और फसल के समर्थन मूल्य में इजाफे से अर्थव्यवस्था को फायदा मिलेगा. इसके अलावा निवेश चक्र में रिकवरी दिखेगी. दिवालिया कोड के लागू होने और कर्जदार कंपनियों से वसूली के बाद बैंकों और कंपनियों, दोनों के हालात सुधरेंगे और इससे निवेश का माहौल सुधरेगा.
मूडीज के आकलन में अर्थव्यवस्था की अच्छी तस्वीर
- अर्थव्यवस्था को ग्रामीण इलाकों में खपत बढ़ने का फायदा मिलेगा
- निवेश के माहौल में सुधार की उम्मीद,कंपनियों और बैंकों के हालात सुधरेंगे
- ग्लोबल इकनॉमी में 2018 के दौरान मजबूत ग्रोथ की उम्मीद
- जी-20 देशों में अच्छी ग्रोथ का फायदा भारत को मिलेगा
मूडीज के आकलन में कहा गया है
जीएसटी व्यवस्था को पूरी तरह अमल में लाने की कोशिश में अर्थव्यवस्था पर अगली कुछ तिमाहियों पर असर पड़ सकता है. हालांकि इसका नकारात्मक आगे धीरे-धीरे घट जाएगा. वैसे ग्लोबल इकनॉमी में 2018 के दौरान खासी मजबूती दिख सकती है. जी-20 देशों में 2018 के दौरान आर्थिक विकास दर में 3.3 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. वहीं 2019 में 3.2 फीसदी की बढ़ोतरी होगी.
उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों को चेतावनी
मूडीज ने उभरती अर्थव्यवस्थाओं वाले देशों में चल रहे वित्तीय बाजार के संकट के नकारात्मक असर के बारे में चेताया है. यह संकट अर्जेंटीना और तुर्की जैसे देशों से भी आगे जाएगा. हालांकि तेल कीमतों में बढ़ोतरी की वजह से महंगाई पर इसका असर दिखेगा.
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