पेमेंट कंपनी Paytm के आईपीओ (Paytm IPO) का बेसब्री से इंतजार हो रहा है. हालांकि, इसमें एक अड़चन आ सकती है. Paytm के एक पूर्व डायरेक्टर ने मार्केट रेगुलेटर SEBI से आईपीओ को रोकने का निवेदन किया है. 71 वर्षीय पूर्व डायरेक्टर ने आरोप लगाया है कि उन्होंने दो दशक पहले कंपनी में 27,500 डॉलर निवेश किए थे लेकिन उन्हें कभी शेयर नहीं मिले.
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, Paytm का कहना है कि अशोक कुमार सक्सेना का दावा और पुलिस शिकायत में फ्रॉड के आरोप कंपनी को उत्पीड़ित करने की कोशिश है.
हालांकि, रेगुलेटरी मंजूरी के लिए जुलाई में Paytm की तरफ से दिए गए आईपीओ प्रॉस्पेक्टस में ये विवाद 'आपराधिक कार्रवाई' के तहत बताई गई है.
वहीं, सक्सेना ने उत्पीड़न से इनकार करते हुए कहा कि Paytm की पोजीशन 'हाई प्रोफाइल' है और वो कंपनी का उत्पीड़न करने की स्थिति में नहीं हैं.
Paytm के लिए सिरदर्द बनेगा विवाद?
रॉयटर्स की रिपोर्ट कहती है कि अशोक कुमार सक्सेना ने SEBI से आईपीओ रोकने की अपील की है. सक्सेना का कहना है कि अगर उनका दावा ठीक निकलता है तो निवेशक अपना पैसा खो सकते हैं.
SEBI के फैसले से इतर भी ये विवाद Paytm के आईपीओ के लिए सिरदर्द बन सकता है. चीन की अलीबाबा और जापान के सॉफ्टबैंक को अपने निवेशकों में गिनने वाले Paytm का आईपीओ अक्टूबर में आने की संभावना है.
विवाद के केंद्र में सक्सेना और Paytm के सीईओ विजय शेखर शर्मा के बीच साइन किया गया एक पन्ने का दस्तावेज है. रॉयटर्स के मुताबिक, 2001 में साइन किया गया ये दस्तावेज कहता है कि सक्सेना को Paytm की पैरेंट कंपनी One97 Communications में 55 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी मिलेगी, जबकि बाकी शर्मा के पास होगी.
Paytm का ये विवाद दिल्ली के एक कोर्ट तक पहुंच गया है. सक्सेना ने कोर्ट से अपील की कि पुलिस को उनकी शिकायत पर केस दर्ज करने का निर्देश दिया जाए. कोर्ट ने पुलिस से जवाब मांगा है और अगली सुनवाई 23 अगस्त को होगी.
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