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महंगाई दर और इंडस्ट्री के पहियों में तूफानी रफ्तार

महंगाई दर और इंडस्ट्री दोनों में इस तूफानी रफ्तार की क्या है वजह

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महंगाई ने फिर सिर उठा लिया है और बड़ी रफ्तार से ऊपर बढ़ रही है. दिसंबर में रिटेल महंगाई दर यानी जो सामान्य कंज्यूमर झेलता है वो 17 माह के शिखर पर सवा पांच परसेंट पहुंच गई है. लेकिन इंडस्ट्री की रफ्तार में जोरदार तेजी ने उम्मीदें भी बढ़ा दी हैं जो 19 माह के शिखर पर है.

महंगाई की दर में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की वजह सब्जियों और पेट्रोल-डीजल के उछलते दाम हैं. कच्चा तेल करीब 70 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया है और इससे भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली में डीजल 60 रुपए लीटर से ज्यादा है जो शिखर पर है.

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टमाटर प्याज ने बढ़ाए दाम

शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक रिटेल महंगाई दर तीन महीनों से ये लगातार बढ़ रही है. अक्टूबर में 3.58 परसेंट फिर नवंबर में 4.88 परसेंट और अब पहुंच गई है 5.2 परसेंट.

महंगाई बढ़ने की वजह हम सब जान रहे हैं. सब्जियों के दाम में लगातार उछाल, खासतौर पर प्याज और टमाटर के दाम जुलाई के बाद लगातार ऊंचे स्तर पर हैं. जुलाई ऐसा महीना था जब महंगाई दर सबसे निचले स्तर पर थी.

अब उम्मीद यही है कि दिसंबर के अंत तक टमाटर और फिर मार्च तक प्याज की नई फसल आने से इन दोनों के दाम नीचे आएंगे.

लेकिन इसके अलावा भी फिक्र की कई वजह हैं. खाने-पीने के दाम पिछले नवंबर के 4.42 परसेंट के मुकाबले 4.96 परसेंट बढ़े हैं

खाने-पीने के सामान में दालों और दूसरी चीजों के दाम में कमी से राहत हुई है. इनके दाम पिछले साल के मुकाबले 23.5 परसेंट कम हुए हैं. दिसंबर लगातार 13 वां महीना है जब इनके दाम कम हुए हैं.

इंडस्ट्री की रफ्तार 19 माह में सबसे ऊपर

लेकिन फैक्ट्रियों के पहियों में तेज रफ्तार रही है. नवंबर में इंडस्ट्री की तेजी 8.4 परसेंट रही है जो 19 महीनों में सबसे ज्यादा है.

नवंबर में मैन्युफैक्चरिंग से जुडे़ बहुत से आंकड़ों में अच्छी तेजी नजर आई थी और आईआईपी के आंकड़ों में वही नजर आ रहा है.

  • मैन्युफैक्चरिंग की रफ्तार पिछले साल के मुकाबले 10.2 परसेंट बढ़ी है
  • बिजली उत्पादन 3.9 परसेंट बढ़ा है
  • माइनिंग में 1.1 परसेंट बढ़ोतरी हुई है
  • कैपिटल गुड्स का प्रोडक्शन 9.4 परसेंट बढ़ी है
  • इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन में 13.5 परसेंट तेजी आई है

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