शेयर बाजार में सोमवार को लगातार तीसरे दिन बढ़ोतरी दर्ज की गई. प्राइवेट सेक्टर के बैंकों, आईटी और एफएमसीजी शेयरों के अच्छे प्रदर्शन की वजह से शेयर बाजार के इंडेक्स लगभग तीन महीनों के शिखर पर पहुंच गए. सेंसेक्स में 191 की प्वाइंट की बढ़ोतरी दर्ज की गई और ये 35,160 पर पहुंच गया.
कॉरपोरेट कंपनियों के बढ़िया नतीजों की संभावना ने बाजार को रफ्तार दे दी है. निफ्टी में बढ़ोतरी दर्ज की गई और आरबीआई की उदारवाद नीतियों और ईसीबी पॉलिसी की वजह समेत कई दूसरी वजहों से भी इसमें तेजी दिखी. निफ्टी 10,700 प्वाइंट पर पहुंच गया.
आरबीआई की ईसीबी नीति और बेहतर कॉरपोरेट नतीजों की संभावना से रफ्तार
शुक्रवार को आरबीआई ने कई और सेक्टरों को ईसीबी में विंडों मे शामिल कर अपनी नीति उदार बना दी थी. कॉरपोरेट कंपनियों को फंड हासिल करने में होने वाली सहूलियत के मद्देनजर बाजार का सेंटिमेंट सुधर गया . इसके अलावा उत्तर और दक्षिण कोरिया समिट से बजार में सकारात्मक माहौल दिखा. इससे एशियाई बाजारों में पॉजिटिव सेंटिमेंट रहा और इसका लाभ भारतीय बाजारों में दिखा.यूरोपीय बाजार भी बढ़त के साथ दिखे और इसने भी भारतीय शेयरों के रफ्तार दी.
फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी कंपनियों की बढ़त से बाजार मजबूत
भारतीय बाजारों के इंडिकेटर्स को ऊपर उठाने में फाइनेंशियल और टेक्नोलॉजी सेक्टर का सबसे ज्यादा हाथ रहा. बेहदतर कॉरपोरेट नतीजों के संभावना से कारोबारियों ने शेयरों की अच्छी खरीद की. बीएसई में जिन 19 सेक्टरों में नजर रखी जाती है, उनमें से 16 में बढ़त दर्ज की गई. बीएसई रियल्टी इंडेक्स ने 1.5 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की. हालांकि रिलायंस एनर्जी के मार्च तिमाही में अपने अनुमानों की वजह से प्रदर्शन न करने से एनर्जी इंडेक्स को नुकसान हुआ. मिड और स्मॉल कैप शेयरों ने लार्ज कैप शेयरों की तुलना में अच्छा प्रदर्शन किया. मिड कैप इंडेक्स में 0.56 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. जबकि स्मॉल कैप इंडेक्स में बढ़ोतरी 0.89 फीसदी रही.
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