वैश्विक उथल-पुथल के बीच 23 अक्टूबर को भारी बिकवाली के चलते घरेलू शेयर बाजार (Stock Market) दबाव में आ गए. निफ्टी (Nifty) 260 अंक (1.34%) गिरकर तीन महीने के निचले स्तर 19,281.75 पर बंद हुआ जबकि सेंसेक्स (Sensex) 825.74 अंक या 1.26% गिरकर 64,571 पर बंद हुआ.
निफ्टी मिड-कैप 100 और स्मॉल-कैप 100 में 2.7% और 3.6% की गिरावट आई है.
सेक्टरों की बात करें तो मेटल, पीएसयू बैंक और रियल्टी 2-3 प्रतिशत की गिरावट रही.
पश्चिम एशिया में क्षेत्रीय संघर्ष का डर और यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी के संकेतों की चिंता बाजार में गिरावट का प्रमुख कारण रही. साथ ही इस बार मौसम की मार के कारण भी बाजार को मजबूती नहीं मिली है.
वैश्विक बाजार से संकेत लेते हुए निफ्टी लाल निशान के साथ बंद हुआ और अधिकांश सेक्टोरल इंडेक्स भी लाल निशान में ही बंद हुए.
पश्चिम एशिया में तनाव के चलते बाजार में उथल पुथल
पश्चिम एशिया में तनाव के चलते बाजार में उथल पुथल है. बाजार पर दबाव बढ़ गया है. 10 साल की अवधि वाले अमेरिकी ट्रेजरी नोट पर यील्ड 5 प्रतिशत से अधिक बढ़ गई है, जो जुलाई 2007 में पहुंचे ऐतिहासिक स्तर को पार कर गया है.
एलटीआईमाइंडट्री, अडानी एंटरप्राइजेज, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज, अदानी पोर्ट्स और यूपीएल निफ्टी के सबसे खराब शेयरों में से थे, जबकि एमएंडएम और बजाज फाइनेंस मुनाफे में रहे.
30 शेयरों वाले सेंसेक्स का हाल
निवेशकों को 7.57 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
23 अक्टूबर 2023 को मार्केट कैप गिरकर 311.33 लाख करोड़ रुपये रह गया है. इसका मतलब हुआ कि निवेशकों की पूंजी में आज 7.57 लाख करोड़ रुपये की गिरावट आई है. वहीं 20 अक्टूबर 2023 को बीएसई पर लिस्टेड सभी शेयरों का कुल मार्केट कैप 318.90 लाख करोड़ रुपये था.
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