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'खास लोगों का बजट','किसानों को निराशा'-बजट पर विपक्ष का हमला

Union Budget 2023: RJD सांसद मनोज झा ने कहा ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है.

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(Union Budget 2023 से जुड़े सवाल? 3 फरवरी को राघव बहल के साथ हमारी विशेष चर्चा में मिलेंगे सवालों के जवाब. शामिल होने के लिए द क्विंट मेंबर बनें)

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने बुधवार को साल 2023-24 के लिए देश का बजट पेश किया. यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट है. वित्त मंत्री ने बजट में टैक्स कटौती समेत तमाम बडे़ ऐलान किए. अब 7 लाख रुपए तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. इतना ही नहीं निर्मला सीतारमण ने महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को बड़ी सौगात दी.

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बजट को लेकर तमाम वर्गों की प्रतिक्रियाएं सामने आ रही है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कुछ सवाल उठाए हैं तो वहीं बीजेपी नेताओं ने इसे इसकी तारीफ की है.

"बुनियादी सवालों के जवाब बाकी रह गए"- शशि थरूर

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं. बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था. सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई.

बजट पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है.

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने बजट में टैक्स कटौती का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है. लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है.

अखिलेश और मायावती ने साधा निशाना

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा, "बीजेपी अपने बजट का दशक पूरा कर रही है पर जब जनता को पहले कुछ न दिया तो अब क्या देगी? भाजपाई बजट महंगाई और बेरोजगारी को और बढ़ाता है. किसान, मजदूर, युवा, महिला, नौकरीपेशा, व्यापारी वर्ग में इससे आशा नहीं निराशा बढ़ती है क्योंकि ये चंद बड़े लोगों को ही लाभ पहुंचाने के लिए बनता है."

बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने ट्वीट करके केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि, "इस वर्ष का बजट भी कोई ज्यादा अलग नहीं. पिछले साल की कमियां कोई सरकार नहीं बताती और नए वादों की फिर से झड़ी लगा देती है जबकि जमीनी हकीकत में 100 करोड़ से अधिक जनता का जीवन वैसे ही दाव पर लगा रहता है जैसे पहले था। लोग उम्मीदों के सहारे जीते हैं, लेकिन झूठी उम्मीदें क्यों?

RJD सांसद मनोज झा ने बजट को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें. संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा. रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की. ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है.

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"इन्कम कैसे आएगा ये भी बताओ"

कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने अपने ट्वीट में सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि इन्कमटैक्स में छूट देने की जुमलेबाजी करने वालों, इन्कम कैसे आयेगी इसका भी कोई उपाय बताओ.

इसके अलावा उन्होंने अपने एक दूसरे ट्वीट में बजट पर शायराना अंदाज में तंज कसा.

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"ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है"- तेजस्वी यादव

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आम बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये बजट निल बट्टा सन्नाटा है, बिहार के लिए कुछ नहीं है. केंद्र में बिहार के जितने सांसद हैं उन्हें शर्म से डूब जाना चाहिए. किसानों के लिए, रेलवे के लिए कुछ नहीं है. UPA की सरकार में बिहार को जितना दिया जाता था क्या इस सरकार ने दिया?

"यह बजट देश की वास्तविक भावना को संबोधित नहीं करता"- केसी वेणुगोपाल

कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा कि यह बजट देश की वास्तविक भावना को संबोधित नहीं कर रहा है जो कि महंगाई और बेरोजगारी है. इसमें केवल फैंसी घोषणाएं थीं जो पहले भी की गई थीं लेकिन कार्यान्वयन के बारे में क्या? पीएम किसान योजना से सिर्फ बीमा कंपनियों को फायदा हुआ किसानों को नहीं.

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"बजट में गरीब लोगों के लिए कुछ भी नहीं है"- कांग्रेस अध्यक्ष

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि मोदी सरकार द्वारा 3-4 राज्यों में आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए बजट पेश किया गया. बजट में गरीब लोगों के लिए और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कुछ भी नहीं है. नौकरियों, सरकारी रिक्तियों और मनरेगा को भरने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है.

"देश के बजट से पंजाब गायब है"- भगवंत मान

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि पहले गणतंत्र दिवस से पंजाब गायब था, अब देश के बजट से पंजाब गायब है. पंजाब बॉर्डर स्टेट है, जिसके तहत BSF को अपग्रेड करने और राज्य के बाकी कार्य के लिए 1,000 करोड़ रुपए की मांग की गई थी लेकिन उसका कोई जिक्र नहीं किया गया.

नई फसल पर कोई MSP नहीं दी गई. पराली जलाने की समस्या पर 1500 रुपए प्रति एकड़ केंद्र से मांगे गए थे.
भगवंत मान, मुख्यमंत्री, पंजाब

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