वीडियोकॉन और नू पावर के विवादास्पद डील के बारे में सबसे पहले सवाल उठाने वाले शेयरहोल्डर एक्टिविस्ट अरविंद गुप्ता ने आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर पर नए आरोप लगाए हैं. नूपावर दीपक कोचर की कंपनी है.
नू पावर में राउंड ट्रिपंग के जरिये निवेश का आरोप
अरविंद गुप्ता ने 11 मई को पीएमओ, कुछ रेगुलेटर्स और मंत्रालयों को लिखी चिट्ठी में कहा है कि नूपावर में एस्सार ग्रुप ने राउंड ट्रिपिंग के जरिये 453 करोड़ रुपये का निवेश किया है. यह निवेश मेटिक्स ग्रुप और इसकी होल्डिंग कंपनी फर्स्टलैंड होल्डिंग के जरिये किया गया है. दोनों कंपनियां मॉरीशस में हैं. ये कंपनियां निशांत कनो़ड़िया की हैं. कनोड़िया एस्सार ग्रुप के वाइस चेयमैन रवि रूइया के दामाद हैं.
इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक एस्सार ग्रुप को कर्ज देने वाला सबसे बैंक रहा है. इसने मिनेसोटा और इसके यूके स्थित रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए भी फंड दिया. आईसीआईआई बैंक नुपावर और वीडियोकोन और कुछ दूसरे सौदों में जांच के दायरे में हैं. इस दौरान आईसीआईसीआई बैंक एस्सार ग्रुप को कर्ज देने वाला सबसे बैंक रहा है. इसने मिनेसोटा और इसके यूके स्थित रिफाइनरी प्रोजेक्ट के लिए भी फंड दिया. आईसीआईआई बैंक नुपावर और वीडियोकोन और कुछ दूसरे सौदों में जांच के दायरे में हैं.
सरकार विवाद में नहीं लगाना चाहती है हाथ
बहरहाल, सरकार इस विवाद में हाथ लगाने को तैयार नहीं है. हालांकि बताया जाता है कि आरबीआई इस मामले को लेकर नाराज है. वैसे आईसीआईसीआई बैंक ने नुपावर और वीडियोकोन सौदे में चंदा कोचर की भूमिका की जांच के लिए एक आतंरिक पैनल बनाने का फैसला किया है. साथ यह चेयरमैन एम के शर्मा को एक्सटेंशन नहीं देना जा रहा है. उनकी जगह नए चेयरमैन की तलाश शुरू हो गई है. चंदा कोचर सालाना छुट्टी पर हैं
चंदा कोचर के पति दीपक कोचर की कंपनी नूपावर और वीडियोकॉन इंडस्ट्री के रिश्तों को लेकर गरमाया. इधर, सेबी ने हितों को टकराव को लेकर आईसीआईसीआई बैंक को नोटिस भेजा.आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर की जगह नए एमडी और सीईओ के लिए सर्च कमेटी बनाने से इनकार किया
बैंक का बोर्ड वीडियोकॉन इंडस्ट्री को दिए गए लोन में उसके बदले चंदा कोचर के पति दीपक कोचर को फायदा देने के आरोपों की स्वतंत्र जांच करा रहा है
चंदा कोचर के तौर-तरीकों की जांच होगी
व्हिशल ब्लोअर ने आरोप लगाया था कि वीडियोकॉन इंडस्ट्री को लोन देते वक्त चंदा कोचर ने बैंक को नियमों और हितों को टकराव के कायदों का उल्लंघन किया. सेबी ने चंदा कोचर को कारण बताओ नोटिस में पूछा है कि चंदा कोचर ने कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन किया कारण बताओ नोटिस में कहा गया है बैंक ने डिस्क्लोजर नियमों का उल्लंघन किया. सेबी के नियमों के मुताबिक सभी लिस्टेड कंपनियों को हितों के टकराव और नैतिक मुद्दों से जुड़े नियमों के मुताबिक डिस्क्लोजर देना होगा. चंदा कोचर पर मुख्य आरोप है कि उन्होंने लोन के सिलसिले में स्टॉक एक्सचेंजों को जानकारी नहीं दी. बैंक और चंदा कोचर को 14 दिन के अंदर सेबी के नोटिस का जवाब देना है
क्या है मामला?
बैंक के नियमों के मुताबिक टॉप मैनेजमेंट में बैठे लोग जानबूझकर ऐसी नैतिक जानकारी नहीं छिपा सकते और उन्हें ऐसे मुद्दों की जानकारी देनी चाहिए
आरोप है कि चंदा कोचर बैंक की क्रेडिट कमेटी में शामिल थीं जिसने 2012 में वीडियोकॉन इंडस्ट्री को 3,250 करोड़ का लोन दिया. वीडियोकॉन के प्रोमोटर वेणुगोपाल धूत नूपावर के निवेशकों में शामिल थे, चंदा कोचर के पति दीपक कोचर ने 2008 में ये कंपनी बनाई थी. धूत ने इसके बाद अपनी हिस्सेदारी बेच दी 2013 तक लेकिन किसी ना किसी तरीके से नूपावर के साथ धूत का रिश्ता बना रहा तब छोटी रकम के बदले धूत के सारे शेयर दीपक कोचर को ट्रांसफर कर दिए गए.
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