रिटेल महंगाई दर के बाद अब थोक महंगाई दर में भी तेज उछाल आया है. इसलिए अगर आपको लग रहा है कि महीने का खर्च बढ़ गया है तो आप सही सोचते हैं. बढ़ती महंगाई इसके लिए जिम्मेदार है. थोक महंगाई दर 8 माह की ऊंचाई पर, जबकि रिटेल 15 माह के शिखर पर.
महंगाई के लिए सब्जियों में प्याज. टमाटर के अलावा अंडे के दाम में 11 परसेंट बढ़ोतरी जिम्मेदार है.
प्याज टमाटर महंगाई के लिए जिम्मेदार
महंगाई दर में बढ़ोतरी की मुख्य वजह सर्दियों में भी सब्जियों के दाम में आए उछाल है. सीएसओ (सेंट्रल स्टेटिस्टिक्स ऑफिस) के आंकड़ों के मुताबिक, रिटेल महंगाई दर अक्टूबर में 3.58 परसेंट, सितंबर में 3.28 परसेंट और नवंबर में 4.88 परसेंट रही है.
सब्जियों में सबसे ज्यादा 22.5 परसेंट बढ़ोतरी हुई है. खासतौर पर प्याज, टमाटर के दाम लंबे समय से ऊंचाई पर बने हुए हैं. जुलाई में महंगाई दर न्यूनतम स्तर पर थी.
ब्लूमबर्ग क्विंट रिसर्च के मुताबिक, प्याज टमाटर के दाम अक्टूबर के मुकाबले नवंबर में 30 परसेंट तक बढ़े हैं. इनके दाम सामान्य तौर पर दामों के हिसाब से तीन गुना ज्यादा हैं. अगले दो महीने में महंगाई दर में और बढ़ोतरी का खतरा है. अनुमान है कि सब्जियों के दाम अब मार्च 2018 में ही कम होने के आसार हैं, जब नई फसल आएगी.
मार्च के बाद दाम घटने की उम्मीद
प्याज के दाम में बढ़ोतरी की वजह बेमौसम बारिश को भी माना जा रहा है. देश में प्याज की कुल पैदावार का 40 पर्सेंट इसी मौसम में होता है. नमी ज्यादा होने की वजह से इसे स्टोर करने में सड़ने का खतरा होता है. दिसंबर अंत तक प्याज की फसल बाजार में आ पाएगी. जबकि टमाटर की अगली फसल मार्च-अप्रैल तक ही आएगी इसलिए मार्च के बाद ही दाम घटने की उम्मीद रखें.
(इनपुटः IANS से)
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