भारत में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण 1 मार्च से शुरू हो चुका है. अब प्राइवेट अस्पतालों में भी कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध है. लेकिन कोरोना वैक्सीन की कीमत सरकार ने 250 रुपए प्रति डोज रखी है. इससे ज्यादा दाम पर कोई भी प्राइवेट अस्पताल वैक्सीन नहीं बेच सकेगा. इसके बाद बायोकॉन की चेयरपर्सन किरण मजूमदार शॉ ने सरकार की अधिकतम कीमत तय करने के फैसले पर नाराजगी जताई है. शॉ का कहना है कि इसके बाद 'वैक्सीन कंपनियां ठगा हुआ महसूस कर रही हैं.'
किरण मजूमदार शॉ ने रिपोर्ट ट्वीट करते हुए कहा कि "कोरोना वैक्सीन की जो कीमत सरकार ने तय की है वो कामकाज चलाने के लिए काफी नहीं है. हम वैक्सीन इंडस्ट्री को फायदा पहुंचाने की बजाय उसे खत्म कर रहे हैं."
प्राइवेट अस्पताल में भी मिलेगी वैक्सीन
28 फरवरी को खबर आई कि केंद्र सरकार ने प्राइवेट हॉस्पिटल में कोरोना वैक्सीन की कीमत 250 रुपए प्रति डोज तय कर दी है. हालांकि सरकारी केंद्रों पर कोरोना वैक्सीनेशन मुफ्त में होगा. वैक्सीन के इस दाम में अगला आदेश आने तक कोई बदलाव भी हो सकता है. प्राइवेट अस्पतालों में कोरोना वैक्सीन के एक डोज की कीमत 250 रुपए होगी, जिसमें 100 रुपए सर्विस चार्ज भी शामिल होगा. यह फैसला नेशनल हेल्थ मिशन ने लिया है और इसे सभी राज्य व केंद्र शासित प्रदेशों को भेज जा रहा है.
इससे पहले कि सरकार वैक्सीन की कीमत को लेकर विवरण जारी करे, पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन डॉ श्रीनाथ रेड्डी ने द क्विंट को बताया था कि, मिश्रित स्वास्थ्य व्यवस्था में, प्राइवेट सेक्टर की मदद लेने समझ में आता है. हालांकि यह बहस योग्य विषय है कि क्या नागरिकों को इसके लिए भुगतान करना चाहिए.
1 मार्च से कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण जारी
1 मार्च से देश में कोरोना टीकाकरण के दूसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है. दूसरे चरण में 60 से अधिक आयु के व्यक्तियों और 45 साल से ज्यादा के ऐसे लोग जो गंभीर बीमारियों से पीड़ित उन्हें कोरोना का टीका लगाया जाएगा.
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