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कोरोना संकट ने वेंटिलेटर पर ला दी इकनॉमी- ये हैं 10 संकेत

दिग्गज रेटिंग एजेंसिया भी भारत की रेटिंग गिरा रही हैं

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कोरोना वायरस संकट के बाद इकनॉमी पर भयानक मार पड़ी है और अब जो ताजा आंकड़े आ रहे हैं वो बताते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था बहुत ज्यादा नाजुक दौर से गुजर रही है. लंबे लॉकडाउन का असर कंपनियों की सेहत पर पड़ा है. लोगों की बचत घटी है और निवेश गंभीर रूप से घट गया है. इसके साथ ही दिग्गज रेटिंग एजेंसियां भी भारत की रेटिंग गिरा रही हैं और जीडीपी ग्रोथ में बड़ी गिरावट का अनुमान लगा रही हैं.

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  1. इंटनेशनल मॉनेरटरी फंड (IMF) ने 24 जून को भारतीय इकनॉमी की ग्रोथ का अनुमान जबरदस्त तरीके से घटाया है. IMF के मुताबिक 2020 में भारत की जीडीपी ग्रोथ 4.5% घट सकती है. IMF की चीफ इकनॉमिस्ट गीता गोपीनाथ ने कहा है कि 2020 में भारतीय इकनॉमी को तगड़ा झटका लगने वाला है. ये अनुमान अब तक का सबसे निम्नतम स्तर है.
  2. क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स का अनुमान है कि भारत की जीडीपी ग्रोथ फाइनेंशियल ईयर 2021 में 5.3% गिर सकती है और अगर ऐसा होता है तो ये भारत के इतिहास की सबसे खराब ग्रोथ रेट होगी. ये लगातार छठवीं बार होगा जब इकनॉमिक ग्रोथ घटते हुए दिखेगी.
  3. 23 जून को फिच रेटिंग्स ने भारत का रेटिंग आउटलुक 'स्टेबल' से घटाकर 'नेगेटिव' कर दिया. फिच का कहना है कि इस साल कोरोना वायरस ने भारतीय इकनॉमी के ग्रोथ आउटलुक को को गंभीर रुप से प्रभावित किया है.
  4. महीने की शुरुआत में मूडीज ने भी भारत की सोवरेन रेटिंग 'Baa2' से घटाकर 'Baa3' कर दी थी. ये मूडीज की सबसे खराब इनवेस्टमेंट ग्रेड रेटिंग है.
  5. 10 जून को S&P ग्लोबल ने भारत की सोवरेन रेटिंग लगातार 13वें साल के लिए सबसे निचले स्तरों पर 'BBB-' पर रखी है. S&P ग्लोबल का अनुमान है कि इस वित्तीय साल में भारत की इकनॉमिक ग्रोथ 5% तक घट सकती है. हांलाकि S&P ने अनुमान ज्यादा है कि अगले साल भारत का ग्रोथ रेट ज्यादा देखने को मिल सकता है.
  6. वर्ल्ड बैंक के डाटा के मुताबिक लॉकडाउन में भारत का इन्वेस्टमेंट सालाना तौर पर 3% गिर गया. 20 साल बाद बाद भारत के इन्वेस्टमेंट में इतनी बड़ी गिरावट देखने को मिली है. 2018-19 में निवेश करीब 10% की दर से बढ़ा था.
  7. 15 जून तक के भारत के ग्रॉस टैक्स कलेक्शन में 31% की कमी आई है और ये गिरकर1,37,825 करोड़ हो गया है. वहीं जून तिमाही में एडवांस टैक्स मॉप अप में 76% की गिरावट देखने को मिल रही है. इस साल के बजट में ग्रॉस टैक्स कलेक्शन में 12% की बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया था. लेकिन बढ़ोतरी तो छोड़िए, उल्टा टैक्स कलेक्शन भयानक रूप से गिर रहा है.
  8. भारत में जब कोरोना का असर शुरू भी नहीं हुआ था पिछले फाइनेंशियल ईयर की आखिरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ गिरकर 4.2% पर आ चुकी थी. भारत की ग्रोथ रेट लगातार गिरी है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक GDP ग्रोथ रेट 7% से गिरकर 6.2% पर आया, फिर 5.6%, 5.7%, 4.4% और अब आखिरकार 3.1% गिर गया है.
  9. देश की बड़ी सरकारी ऑयल कंपनी इंडियल ऑयल कॉपरेशन को मार्च तिमाही में जबरदस्त घाटा हुआ है. कंपनी को मार्च तिमाही में सिर्फ 7,782 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है. वहीं पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी को 6,004 करोड़ का मुनाफा हुआ था.
  10. 12 जून को सरकार ने अप्रैल महीने के इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) के आंकड़े और मई महीने के रिटेल महंगाई (CPI) के आंकड़े जारी नहीं किए हैं. सरकार के इन आंकड़ों के जारी नहीं करने पर निवेशक, अर्थशास्त्री सवाल उठा रहे हैं.

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