अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने कहा है कि कोविड-19 से बेपटरी हुई भारतीय अर्थव्यवस्था मौजूदा वित्त वर्ष में 4.5 प्रतिशत तक गिर सकती है. ये अनुमान कोरोना वायरस की वजह से हुई अर्थव्यस्था को नुकसान के लेकर लगाया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, देश की अर्थव्यवस्था में वित्त वर्ष 2021 में गिरावट हो सकती है, जबकि वित्त वर्ष 2020 में इसका 4.2 प्रतिशत की दर से विस्तार हुआ था. आईएमएफ ने हालांकि वित्त वर्ष 2021-22 के लिए देश की आर्थिक वृद्धि दर छह प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है.
आईएमएफ ने डब्ल्यूईओ अनुमान रिपोर्ट में कहा है, "भारत की अर्थव्यवस्था लंबी अवधि के लॉकडाउन और अप्रैल में अनुमानित दर की अपेक्षा सुस्त रिकवरी की वजह 4.5 प्रतिशत तक गिर सकती है"
COVID-19 महामारी ने 2020 की पहली छमाही में अधिक नकारात्मक प्रभाव डाला है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में वैश्विक विकास दर 5.4 फीसदी रहेगी. 2020 में पहली बार सभी क्षेत्रों में नकारात्मक विकास दर रहने का अनुमान है. चीन में जहां पहली तिमाही में आई गिरावट से रिकवरी जारी है, वहां इस साल विकास दर 1 प्रतिशत अनुमानित है.
आईएमएफ के रिकॉर्ड से पता चलता है कि यह 1961 के बाद से भारत के लिए अब तक की सबसे निचली विकास दर है.
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