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IMF से RBI तक: मिलिए रघुराम राजन से उनके 53वें जन्मदिन पर

एक साहसी और बुद्धिमान अर्थशास्‍त्री, RBI के गवर्नर देश-विदेश में समान रूप से लोकप्रिय हैं.

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रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर रघुराम राजन बुधवार को 53 साल के हो गए. दो साल से भी अधिक समय पहले 5 सितंबर 2013 को राजन ने डी. सुब्बाराव के बाद यह पद संभाला. वे मनमोहन सिंह के बाद केंद्रीय बैंक के सबसे युवा गवर्नर बने.

इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) के चीफ इकोनॉमिस्ट और शिकागो यूनिवर्सिटी में फाइनेंस के प्रोफेसर रहे राजन ने जब RBI के गवर्नर का पद संभाला, तो देश के बाहर और भीतर बाजार में खुशियां मनाई गईं.

इस पद को संभालने के बाद से ही वे सफलतापूर्वक देश की आर्थिक नीतियों का प्रबंधन कर रहे हैं और फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व को फिर से मजबूत करने पर काम कर रहे हैं.

कुछ लोग कहेंगे कि मुद्रास्फीति को काबू में करने की उनकी लड़ाई में किस्मत ने उनका साथ दिया. जब राजन ने RBI के गवर्नर का पद संभाला, तब भारत आर्थिक संकट से गुजर रहा था. रुपए की कीमत बेहद कम हो रही थी, चालू खाते का घाटा बढ़ा हुआ था और मुद्रास्फीति का दबाव बहुत ज्यादा था.

देश का फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व कम होता जा रहा था, पर तेल की कीमतों में गिरावट की मदद से मुद्रास्फीति धीरे-धीरे काबू में आ गई और फॉरेक्स रिजर्व को भी मजबूती मिली.

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सिर्फ एक ही क्षेत्र में राजन को भारत सरकार और भारतीय उद्योग जगत की आलोचना का सामना करना पड़ा कि मुद्रास्फीति के दबाव में गिरावट के बावजूद उन्होंने पॉलिसी रेट्स में समय रहते और अधिक कटौती नहीं की.

RBI ने कई बुद्धिमान और ईमानदार गवर्नर देखे हैं, पर राजन जैसा नहीं, जो भारत और विश्व, दोनों जगह समान रूप से लोकप्रिय है. इतने साहस से अपनी बात कहने वाला गवर्नर तो शायद नहीं ही देखा होगा.

चाहे वो ‘मेक इन इंडिया’ पर सवाल उठाकर ‘मेक फॉर इंडिया’ की सलाह देने का साहस दिखाना हो, जिद्दी डिफॉल्टर्स पर अपनी बात कहना हो या फिर पत्रकारों से भरे कमरे में यह कहना हो कि RBI कोई चीयरलीडर नहीं है. राजन वही कहते हैं, जो उन्हें सही लगता है.

जिद्दी डिफॉल्टर्स पर राजन की बात (पढ़ें, विजय माल्या व उनके जैसे अन्य)

नए साल पर RBI के कर्मचारियों के लिए खत

मेक फॉर इंडिया पर (मेक इन इंडिया नहीं)

मैं सस्ते कच्चे माल और कम विनिमय दर पर एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए बनाई जा रही नीतियों के खिलाफ सलाह दूंगा, क्योंकि यह उतनी फायदेमंद नहीं होंगी.
रघुराम राजन

RBI की भूमिका पर

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