अक्टूबर में GST कलेक्शन में गिरावट आई है. इस महीने ये घट कर 95,380 करोड़ रुपये रह गया, जबकि पिछले साल अक्टूबर में संग्रह 1,00,710 करोड़ रुपये था. पिछले साल अक्टूबर महीने के मुकाबले यह 5.3 फीसदी कम है.सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
यह लगातार तीसरा महीना है जब जीएसटी की वसूली एक लाख करोड़ रुपये से नीचे चली गई है. सितंबर में जीएसटी संग्रह 91,916 करोड़ रुपये का था.
वित्त मंत्रालय के बयान के मुताबिक
अक्टूबर 2019 में कुल जीएसटी संग्रह 95,380 करोड़ रुपये रहा. इसमें सीजीएसटी 17,582 करोड़ रुपये, राज्य 23,674 करोड़ रुपये, इंटिग्रेटेड जीएसटी 46,517 करोड़ रुपये (इसमें 21,446 करोड़ रुपये आयातित माल से प्राप्त हुए) और सेस का हिस्सा 7,607 करोड़ रुपये (774 करोड़ रुपये आयात पर) रहा.
औद्योगिक उत्पादन में गिरावट का असर
बयान में कहा गया है कि सितंबर महीने के लिए 30 अक्टूबर तक कुल 73.83 लाख जीएसटीआर 3बी रिटर्न (खुद आकलन वाले रिटर्न का संक्षिप्त विवरण) दाखिल दाखिल किए गए.
औद्योगिक गतिविधियों में गिरावट की वजह से जीएसटी कलेक्शन में कमी आई है. गुरुवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक आठ कोर सेक्टरों के ग्रोथ में कमी दर्ज की गई है. देश के औद्योगिक उत्पादन में इन सेक्टरों की हिस्सेदारी 40 फीसदी से अधिक है. आंकड़ों के मुताबिक कोर सेक्टर के उत्पादन में 5.2 फीसदी की गिरावट आई है. यह 14 साल का सबसे खराब प्रदर्शन है. औद्योगिक उत्पादन में इस गिरावट की वजह से जीएसटी में यह कमी दिख रही है.
कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के डेटा के मुताबिक मौजूदा वित्त वर्ष की पहली छमाही में केंद्र सरकार ने 6 ट्रिलियन रुपये का टैक्स रेवेन्यू हासिल किया है. यह पूरे साल के टारगेट का 36.8 फीसदी है. दरअसल सरकार की ओर से कॉरपोरेट टैक्स में कटौती के बाद सरकार के खजाने पर और बोझ बढ़ा है. इससे सरकारी खजाने पर 1.45 ट्रिलियन रुपये के बोझ का अनुमान है. जीएसटी कलेक्शन में कमी की वजह से सरकार और ज्यादा दबाव में है.
देखें वीडियो : निकले मंदिरों में जमा सोना तो होगा इकनॉमी का भला: नीलेश शाह
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)