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इंडिगो ने फैसला पलटा, वेब चेक-इन चार्ज को लेकर मिली थी लताड़

वेब चेक-इन चार्ज पर इंडिगो ने अपना फैसला वापस ले लिया है

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इंडिगो एयरलाइंस ने वेब चेक-इन सर्विस के लिए चार्ज लगाने के फैसले को वापस ले लिया है. कंपनी ने सोशल मीडिया में लोगों की तीखी प्रतिक्रिया आने के बाद अपना फैसला वापस लिया है.

इंडिगो ने कहा है, 'अपनी च्वॉइस की सीटों की कीमत की महज 100 रुपये से शुरू होती है, हालांकि फिर भी कुछ फ्री सीटें उपलब्ध हो सकती हैं. विमान के उड़ान भरने से पहले (एक दिन पहले) कुछ फ्री सीटें उपलब्ध होती हैं. ऐसे में अगर यात्री पसंदीदा सीट का चयन नहीं करता है और सीट के चयन के लिए चार्ज का भुगतान नहीं करना चाहता है, तो वह वेब चेक-इन करते वक्त किसी भी फ्री सीट को रिजर्व कर सकता है या फिर उसे एयरपोर्ट पर चेक-इन के दौरान सीट दी जाएगी.'

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इंडिगो ने रविवार को घोषणा की थी कि वो एयरपोर्ट पर वेब चेक-इन सुविधा का इस्तेमाल करने वाले यात्रियों को 200 रुपये से लेकर के 800 रुपये अतिरिक्त चुकाने होंगे.

इंडिगो ने पहले दिया था ये बयान

इंडिगो अब वेब चेक इन करने के भी पैसे वसूल करने लगी है. एयरलाइंस के के ट्वीट में कहा गया है कि यात्रियों को वेब चेक-इन का चार्ज भी देना होगा.

एयरलाइंस के इस फैसले को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर कड़ी नाराजगी जाहिर की. लोगों ने ट्विटर पर भड़ास निकालते हुए पूछा. ‘क्या विमान में बाथरुम का इस्तेमाल करने और विंडो के बाहर देखने के लिए भी रकम वसूलेंगी एयरलाइंस?’

इंडिगो के इस फैसले पर विमानन मंत्रालय ने भी हैरानी जताते हुए जांच कराने की बात कही थी.

लागत घटाने और कमाई बढ़ाने की तरकीब

देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस दूसरी विमानन कंपनियों की तरह लागत बढ़ने से संकट का सामना कर रही है. इसलिए इंडिगो ने वेब चेक इन को कमाई का जरिया बनाने का फैसला कर दिया है. अब नई पॉलिसी के मुताबिक, वेब चेक इन के लिए सभी सीटों के लिए एक्स्ट्रा रकम देनी होगी. जिन लोगों को रकम नहीं देना वो आप एयरपोर्ट जाकर चेक इन करें. साथ ही एयरपोर्ट पर लगे सेल्फ चेक इन बॉक्स से चेक इन करने के भी अलग से पैसे नहीं लगेंगे.

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हालांकि, इंडिगो के इस फैसले की जानकारी ज्यादातर लोगों को नहीं है. यात्री इस बात से हैरान हैं कि चुपके चुपके ये फैसला लिया गया है. जब एक यात्री ने ट्विटर पर चेक इन के पैसे लिए जाने की पर ऐतराज जताया तो एयरलाइंस ने बात मानी

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विमानन मंत्रालय जांच करेगा

इंडिगो के इस फैसले के बाद अब विमानन मंत्रालय ने जांच कराने का फैसला किया है. विमानन मंत्रालय ने ट्वीट करके बताया कि वेब चेक इन के पैसे लिए जाने की जानकारी सामने आयी है. हम इस बात की जांच कर रहे हैं कि क्या ये प्राइसिंग के नियमों के तहत आता है?

फ्लाइट के टेकऑफ से 48 घंटे पहले ही ऑनलाइन चेक इन शुरू हो जाती है और उड़ान के 2 घंटे पहले बंद होती है. पैसेंजर अपनी सहूलियत के हिसाब से अपनी सीट चुनते हैं. अलग-अलग सीटों का चार्ज हर एयरलाइंस में बढ़ते या घटते हैं. जैसे अगर आपको विंडो सीट चाहिए तो इसके लिए आपको ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ सकते हैं. वहीं सबसे आगे की सीटों पर भी ज्यादा चार्ज होता है.

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पैसेंजर हैं नाराज

इंडिगो एयरलाइन को अपने इस फैसले के बाद पैसेंजर्स की नाराजगी का सामना करना पड़ा रहा है. सीट सलेक्ट करने पर चार्ज लगने से लोग गुस्से में हैं. सोशल मीडिया पर लोगों ने इंडिगो की इस हरकत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि आगे एयरलाइंस ऑक्सीजन मास्क और उसमें ऑक्सीजन की रकम भी मांग सकती है. कई पैसेंजर्स ने ट्विटर पर लिखा, क्या अब वॉशरूम जाने के, बोर्डिंग पास के, खिड़की से बाहर देखने के और एयर होस्टेस को बुलाने के लिए भी पैसे लिए जाएंगे? वहीं एक दूसरे व्यक्ति ने ट्वीट कर कहा, आप सीट के लिए पैसे देते हो वो ठीक है, आप टिकिट के लिए पैसे देते हो वो भी ठीक है, लेकिन चेक-इन के लिए पैसे मांगना वाहियात है.

देखिए क्या कह रहे हैं लोग:

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