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भारत के औद्योगिक उत्पादन में पिछले 8 साल में सबसे बड़ी गिरावट

भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं.

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भारत की अर्थव्यवस्था में लगातार कमजोरी के संकेत मिल रहे हैं. देश का औद्योगिक उत्पादन पिछले आठ वर्षों में सबसे कम स्तर पर पहुंच गया है. कैपिटल गुड्स प्रोडक्शन, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन गुड्स के सभी तीन व्यापक आधार वाले सेक्टर्स में गिरावट आई है.

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मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स ने जारी किए आंकड़े

मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स की ओर से सोमवार को जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक इंडेक्स ऑफ इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन (IIP) अगस्त 2019 की तुलना में सितंबर 2019 में 4.3 फीसदी गिर गया. एक साल पहले यानी सितंबर 2018 में औद्योगिक उत्पादन में 4.6 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के आंकड़े के मुताबिक आईआईपी की 2011-12 की कड़ी में 4.3 फीसदी की यह सबसे बड़ी गिरावट है. इससे पहले, आईआईपी में अप्रैल 2012 में 0.7 फीसदी की गिरावट आयी थी. सरकार ने अगस्त के आईआईपी के आंकड़े को संशोधित किया है. इसके तहत उस महीने इसमें 1.4 फीसदी की गिरावट आयी थी. शुरुआती अनुमान में गिरावट 1.1 फीसदी बतायी गयी थी.

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चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर छमाही में आईआईपी की बढ़ोतरी सिर्फ 1.3 प्रतिशत रही जबकि इससे पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि में इसमें 5.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी.  

मैन्युफैक्चरिंग, बिजली उत्पादन और खनन सेक्टर में गिरावट

औद्योगिक उत्पादन में गिरावट की प्रमुख वजह मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की कमजोरी है. सितंबर महीने में इस सेक्टर में 3.9 फीसदी की गिरावट आयी जबकि एक साल पहले इसी महीने मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 4.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. बिजली उत्पादन भी सितंबर महीने में 2.6 फीसदी घटा, जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 8.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.
इसी तरह खनन सेक्टर के उत्पादन में सितंबर में 8.5 फीसदी की गिरावट रही. पिछले साल सितंबर में इस क्षेत्र में 0.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.

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निवेश का आईना माने जाने वाले कैपिटल गुड्स (पूंजीगत वस्तुओं) का उत्पादन सितंबर 2019 में 20.7 फीसदी घटा जबकि एक साल पहले इसी महीने में इसमें 6.9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी.

प्राइमरी गुड्स, इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन गुड्स और कंज्यूमर ड्यूरेबल्स सेक्टर में गिरावट

उपयोग आधारित वर्गीकरण के तहत सितंबर 2018 के मुकाबले इस साल इसी महीने में प्राइमरी गुड्स (प्राथमिक वस्तुओं) में 5.1 फीसदी जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर एंड कंस्ट्रक्शन गुड्स (बुनियादी ढांचा/ निर्माण वस्तुओं) में 6.4 फीसदी की गिरावट आयी. कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और कंज्यूमर नॉन-ड्यूरेबल्स वस्तुओं में सितंबर महीने में क्रमश: 9.9 फीसदी और 0.4 फीसदी की गिरावट आयी.

उद्योग के हिसाब से देखा जाए तो इस साल सितंबर महीने में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र में 23 इंडस्ट्रियल ग्रुप्स में से 17 में गिरावट दर्ज की गयी.

(इनपुट: PTI)

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